राजधानी लखनऊ में थाईलैंड से कॉल गर्ल बुलाने का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। विपक्षी पार्टियां भाजपा सासंद पर हमलावर हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कॉल गर्ल को बुलाने वाला शख्स भाजपा सांसद संजय सेठ का पुत्र है। इसके बाद से ही सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई है। सांसद महोदय घिरते नजर आ रहे हैं। पुलिस पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।
सपा नेता आईपी सिंह ने सोशल मीडिया पर संजय सेठ की फोटो पोस्ट की है। उन्होंने पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है। सिंह ने लिखा है, “जब पूरे देश मे आम लोग दवा और रोटी के लिए मर रहे हैं, तब BJP सांसद के बेटे विदेशी कॉल गर्ल बुलाने पर लाखों रुपये लुटा रहे हैं।” प्रतिष्ठा पर आंच आता देख सांसद महोदय भी सक्रिय हो गए हैं। सांसद संजय सेठ ने कहा है कि उन्होंने इस मामले में पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है। वह पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग कर चुके हैं। इस मामले की हकीकत सामने आनी चाहिए।
प्रधानमंत्री @narendramodi के साथ खड़े होकर मुस्कुरा रहे भाजपा सांसद संजय सेठ के सुपुत्र पर गंभीर आरोप हैं।
दुनिया भर में चल रही महात्रासदी के बीच थाईलैंड से एक काल गर्ल बुलाई गयी, जिसकी अब कोरोना से मौत हो गयी है।
दरअसल राजधानी लखनऊ में थाईलैंड से आई एक कॉल गर्ल 28 अप्रैल को कोरोना संक्रमित मिली थी। इलाज के दौरान 3 मई को उसकी लोहिया अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने जांच की तो एक के बाद एक कई खुलासे हुए हैं। मालूम चला कि इस कॉल गर्ल को अभी 10 दिन पहले ही लखनऊ के एक टॉप व्यापारी के बेटे ने 7 लाख रुपए खर्च करके थाईलैंड से बुलाया था। 2 दिन बाद ही वह बीमार पड़ गई तो उसे लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 3 मई को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने पहले थाईलैंड एंबेसी में संपर्क करके उसके परिजनों को डेडबॉडी हैंडओवर करने की कोशिश की। लेकिन जब नहीं हो पाया तो शनिवार को एजेंट सलमान की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसी एजेंट के सहारे वह भारत आई थी।
कॉल गर्ल की मौत के बाद पुलिस अब राजधानी में पांव पसार रहे इंटरनेशनल सेक्स रैकेट के बारे में पता करने में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि ये भी ट्रेस किया जा रहा है कि इस कॉल गर्ल के संपर्क में और कौन-कौन आया है। पुलिस के अनुसार ये कॉल गर्ल राजस्थान के रहने वाले एक ट्रैवेल एजेंट के संपर्क में थी। उसी ने इसे लखनऊ भेजा था। पुलिस अब इस एजेंट को भी तलाश कर रही है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि व्यापारी के बेटे ने कॉल गर्ल की तबियत बिगड़ने पर खुद थाईलैंड एंबेसी को फोन करके इसकी जानकारी दी थी। इसके बाद एंबेसी ने भारत के विदेश मंत्रालय की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती कराया था।
जल्दबाजी में दाह संस्कार कराने को लेकर लखनऊ पुलिस भी घिर गई है। आरोप लग रहे हैं कि पुलिस ने इस मामले को दबाने के लिए लड़की का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करा दिया। हालांकि दाह संस्कार करवाने वाले विभूतिखंड इंस्पेक्टर चंद्रशेखर ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि युवती की मौत लोहिया अस्पताल में हुई। यह हॉस्पिटल उनके कार्यक्षेत्र में आता है। इसलिए उन्हें शव का अंतिम संस्कार करवाना पड़ा। इसके अलावा उन्हें मामले के किसी और एंगल के बारे में जानकारी नहीं है।
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