मुजफ्फरनगर में छात्राओं ने संभाला मोर्चा, कांवड़ियों को दिखा रहीं रास्ता

Kanwar yatra 2022 : मुजफ्फरनगर में छात्राओं ने संभाला मोर्चा, कांवड़ियों को दिखा रहीं रास्ता

मुजफ्फरनगर में छात्राओं ने संभाला मोर्चा, कांवड़ियों को दिखा रहीं रास्ता

Google Image | स्कूल की छात्राओं ने यातायात व्यवस्था का मोर्चा संभाला

Uttar Pradesh : हरिद्वार से गंगाजल लेकर शिवालयों की ओर बढ़ रहे कांवड़ियों को परेशानी से बचाने के लिए कांवड़ मार्ग के अधिकतर रास्ते बंद कर दिए गए हैं। कोई थी व्यक्ति मुख्य मार्ग पर वाहन लेकर नहीं पहुंचे, इसके लिए गलियों में बैरिकेडिंग कर दिया गया है। शहर के रास्ते बंद होने के कारण बहुत से लोग दिनभर वहीं भटकते रहे। कोई इधर फंसा तो कोई उधर। स्कूलों की छुट्टी होने के बाद विद्यार्थियों को भी खूब परेशानी झेलनी पड़ी। कई जगह जाम की स्थिति भी बन गई।दूसरी ओर आज शहर के शिव चौक के पास स्कूल की छात्राओं ने यातायात व्यवस्था का मोर्चा संभाला और पुलिस के साथ निभाते हुए नजर आएं।

सोमवार को बैरिकेडिंग बढ़ा दी
पुलिस-प्रशासन ने सोमवार को बैरिकेडिंग बढ़ा दी और कई रास्ते भी बंद कर दिए। वहीं रामपुर तिराहे से लेकर सूजडू़ पुलिस चौकी तक की गलियों के साथ अन्य मार्गों को प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर बंद कर दिया। पूरे शहर में मीनाक्षी चौक और नावल्टी चौराहा ही ऐसे रास्ते हैं, जो कांवड़ मार्ग से आरपार निकलते हैं। जो लोग अन्य मार्ग से आते जाते है, उन्हें अब मजबूरी में इन्हीं मार्गों से होकर जाना पड़ रहा है।

बढ़ती संख्या के कारण पूरी तरह बंद
शिव चौक को कांवड़ियों की बढ़ती संख्या के कारण पूरी तरह बंद कर दिया गया है। यहां एसडी मार्केट की ओर लोहे की चादर की बैरिकेडिंग कर दी गई है। जिस वजह से यहां पर पैदल चलने वालों के लिए भी परेशानी की समस्या बनी हुई है। नुमाइश कैंप, रामपुरम, स्पोर्ट्स स्टेडियम, केशवपुरी, अंबा विहार, दाल मंडी की सभी सड़कें, रुड़की रोड की सभी गलियों के सड़कें भी बंद कर दी गई हैं।

गर्मी से छटपटाते हुए बच्चे
कांवड़ यात्रा के चलते मुख्य मार्गों को जोड़ने वाले रास्ते बंद हो जाने के कारण सोमवार के दिन स्कूलों से लौट रहे बच्चों का घर पहुंचना भी बहुत मुश्किल हो गया था। कुछ बच्चे उमस भरी गर्मी में बिलबिला गए। सोमवार को शहर के सभी स्कूल खुले थे, सुबह के समय सभी बच्चे वाहनों, अपनी साइकिल आदि से स्कूल पहुंचे थे। जो आसपास के थे वह पैदल ही स्कूल जाते हैं। शहर में बच्चे समय पर स्कूल चले तो गए, लेकिन जब स्कूलों की छुट्टी हुई तो तब तक सभी मार्ग बंद हो चुके थे।

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