Meerut News : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर रविवार रात को काशी टोल प्लाजा पर एसओजी टीम की दबंगई देखने को मिली। एसओजी की टीम ने टोल प्लाजा पर बाउंसरों के साथ मारपीट की। दरअसल, एसओजी की दिल्ली से मेरठ की तरफ आ रही थी, लेकिन टीम ने टोल पर गाड़ी को ना रोते हुए बूम को तोड़कर निकलने लगी। जिसके बाद बाउंसरों ने उन्हें रोका तो एसओजी टीम के पुलिसकर्मियों में उतरकर बाउंसरों के साथ मारपीट की। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इस मामले की शिकायत टोल प्रबंधन की तरफ से परतापुर थाने को दी गई है। अब इस मामले की जांच की जा रही है।
यह है पूरा मामला
दरअसल, बीते रविवार को एसओजी की टीम दिल्ली से मेरठ जा रही थी। एसओजी की टीम ने टोल प्लाजा पर गाड़ी ना रोकते हुए टूल बूम को तोड़कर निकलने का प्रयास किया। जब वहां मौजूद बाउंसरों ने गाड़ी को रोक लिया। जिसके बाद गाड़ी में बिना वर्दी के सवाल एसओजी टीम के पुलिसकर्मी बाहर निकले और बाउंसरों के साथ मारपीट करने लगे। साथ ही बिना टोल दिए वहां से निकल गए। यह घटना रात 12:50 की है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी के साथ वायरल हो रहा है। अब इस मामले की जांच की जा रही है। जिस समय यह घटना हुई उस समय मैनेजर मनोज त्यागी योगेश और आकाश सैनी और पीसी बादल टोल पर ही मौजूद थे।
एसओजी के गाड़ी में थे ये पुलिसकर्मी मौजूद
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर एसओजी टीम के पुलिसकर्मी द्वारा मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस मामले में जांच की जा रही है। जिस समय एक्सप्रेसवे पर यह घटना हुई उस वक्त एसओजी टीम की गाड़ी में एसआई धर्मेंद्र शर्मा, हेड कॉन्स्टेबल तरुण यादव, रवि चौधरी, कॉन्स्टेबल कुर्बान और जितेश कुमार मौजूद थे। जिनमें से दो तरुण यादव और रवि चौधरी का ट्रांसफर हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद भी इन दोनों को सामने नहीं लाया जा रहा है।
एसपी की टीम को सौंपी गई जांच
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि टोल प्लाजा पर एसओजी टीम के पुलिसकर्मियों की कहासुनी हो गई थी। जिसका वीडियो हमारे सामने आया है। अब इस पूरे मामले की एसपी क्राइम को जांच सौंप दी गई है। अगर पहले भी ऐसा कोई मामला टोल प्लाजा पर हुआ होगा तो उसे भी इसे जांच में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि वह सरकारी गाड़ी का टोल मांग रहे थे। नियम के अनुसार सरकारी गाड़ी से टोल नहीं लिया जाता है। इसलिए एसओजी टीम के पुलिसकर्मियों की उनसे कहासुनी हो गई थी।