UP Global Investors Summit 2023 : लखनऊ में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 की शुरुआत 10 फरवरी को होगी। इस समिट के जरिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने शुरुआत में केवल 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश हासिल करने का लक्ष्य रखा था। योगी सरकार की कोशिशों का असर है कि अब परिणाम सोच से कहीं बेहतर आ रहे हैं। निवेश प्रस्तावों का आंकड़ा 21 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। बड़ी बात यह कि सरकार ने लक्ष्य बढ़ाकर 15 लाख करोड़ और फिर 17 लाख करोड़ रुपये कर दिया। अब आंकड़ा संशोधित लक्ष्य 17 लाख करोड़ से कहीं अधिक हो गया है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेशकों की रुचि
सरकार की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक निवेशक सबसे ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश करने के इच्छुक हैं। कुल निवेश प्रस्तावों में 56% प्रतिशत पैसा इसी सेक्टर के खाते में जा नजर आ रहा है। दरअसल, राज्य सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को ध्यान में रखकर नीतियों में बदलाव किया है। इस सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए योगी सरकार ने बड़ी घोषणाएं की हैं। अब निवेशकों के बंपर रुझान ने सरकार फैसलों पर कामयाबी की मुहर लगा दी है। राज्य सरकार इन निवेशकों को कैपिटल सब्सिडी के साथ स्टांप ड्यूटी में छूट समेत कई रियायतें दे रही है।
दूसरी पसंद बना एग्रीकल्चर सेक्टर
मैन्युफैक्चरिंग के बाद दूसरा नंबर कृषि क्षेत्र का है। करीब 15 प्रतिशत निवेश प्रस्ताव और एमओयू कृषि क्षेत्र के लिए हुए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार को अब तक हासिल हुए प्रस्तावों में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में 8 प्रतिशत, टेक्सटाइल में 7 प्रतिशत और पर्यटन में 5 प्रतिशत हैं। इसके अलावा शिक्षा, आईटी एंड इलेक्ट्रानिक्स, हेल्थकेयर, वेयर हाउसिंग एंड लाजिस्टिक, सौर ऊर्जा, फार्मास्युटिकल्स और मेडिकल डिवाइसेज सेक्टर में भी बड़े पैमाने पर एमओयू साइन किए गए हैं।
किस क्षेत्र में कितने प्रतिशत निवेश प्रस्ताव मिले
सेक्टर निवेश का प्रतिशत मैन्युफैक्चरिंग 56% एग्रीकल्चर एंड एलाइड 15% इंफ्रास्ट्रक्चर 8% टेक्सटाइल 7% पर्यटन 5% शिक्षा 3% आइटी एंड इलेक्ट्रानिक्स 2% हेल्थकेयर 1% वेयरहाउसिंग एंड लाजिस्टिक 1% रिन्यूएबल एनर्जी 1% फार्मास्युटिकल एंड मेडिकल डिवाइसेस 1%
वेस्ट यूपी निवेशकों को खींचने में सफल
अगर प्रस्तावित निवेश का विश्लेषण उत्तर प्रदेश में क्षेत्रवार किया जाए तो एकबार फिर से वेस्ट यूपी निवेशकों की पहली पसंद है। वेस्ट यूपी के गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ और आगरा पूरे प्रदेश में सबसे ऊपर हैं। राज्य सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक कुल निवेश प्रस्तावों और एमओयू का 45% हिस्सा वेस्ट यूपी के खाते में गया है। वेस्ट यूपी का दिल्ली से जुड़ाव है और यहां बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर है। पूर्वांचल भी निवेशकों को लुभा रहा है। इस क्षेत्र को औद्योगिक नीति के तहत कई रियायतें मिली हैं। अब तक हासिल निवेश प्रस्तावों का 29% हिस्सा पूर्वांचल को मिलता दिख रहा है। वहीं, मध्यांचल और बुंदेलखंड को अब तक 13-13 प्रतिशत निवेश के प्रस्ताव मिले हैं।
यूपी में क्षेत्रवार निवेश प्रस्तावों की स्थिति क्षेत्र निवेश का प्रतिशत पश्चिमांचल 45% पूर्वांचल 29% मध्यांचल 13% बुंदेलखंड 13%