उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर तैनात कर्मियों की कोरोना से मौत को लेकर सरकार और संगठनों में ठनी हुई है। दरअसल सरकार पंचायत चुनाव में कोरोना की वजह से मरने वालों की संख्या दहाईं में बता रही है। जबकि शिक्षक संघ और दूसरे संगठनों का दावा है कि पंचायत चुनाव के दौरान सूबे में 2000 से ज्यादा कर्मियों की जान कोरोना महामारी ने ली है। गुरुवार को यूपी सरकार ने इस संबंध में बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने यह आदेश दिया है कि त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन में ड्यूटी करने वाले कर्मियों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु की स्थिति में उनके आश्रितों को मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजे के तौर पर घर के एक सदस्य को उसी पद पर समायोजित किया जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयोग करेगा संशोधन
दरअसल प्रदेश सरकार राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइंस के तहत ऐसे मामलों में कार्यवाही करती है। मगर राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइंस जब निर्धारित हुई थीं, तब कोरोना संक्रमण इतना विकराल नहीं था। ऐसे में प्रभावित परिवारों को समुचित मदद उपलब्ध कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग से गाइडलाइंस में संशोधन करने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज को राज्य निर्वाचन आयोग से सामंजस्य बनाकर यथाशीघ्र गाइडलाइंस में बदलाव की प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया।
कर्मचारियों की वर्तमान स्थिति के मुताबिक मिले मुआवजा
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि राजकीय कर्मी की मौत की हालत में नियमानुसार परिवार के एक सदस्य का राजकीय सेवा में सेवायोजन किया जाए। शिक्षामित्र, रोजगार सेवक आदि की मृत्यु की दशा में परिवार के एक सदस्य का उस पद पर समायोजन किया जाए। साथ ही कोविड ड्यूटी कर रहे हेल्थ वर्कर्स, कोरोना वॉरियर्स की कोविड संक्रमण से मौत होने पर नियमानुसार मुआवजा दिया जाए। अन्य राजकीय कर्मियों की भी कोरोना संक्रमण से देहांत होने पर अनुमन्य सहायता तत्काल उपलब्ध करायी जाए। ऐसे किसी भी कर्मी को दी जाने वाली धनराशि के भुगतान में विलंब नहीं होना चाहिए। इस प्रक्रिया को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि इसमें किसी तरह की कोताही स्वीकार नहीं की जाएगी।