वेस्ट यूपी में विपक्ष के इन 20 विधायकों को हराएगी भाजपा, योगी आदित्यनाथ 22 सितम्बर से हर सीट का दौरा करेंगे

UP Vidhansabha Chunav 2022 : वेस्ट यूपी में विपक्ष के इन 20 विधायकों को हराएगी भाजपा, योगी आदित्यनाथ 22 सितम्बर से हर सीट का दौरा करेंगे

वेस्ट यूपी में विपक्ष के इन 20 विधायकों को हराएगी भाजपा, योगी आदित्यनाथ 22 सितम्बर से हर सीट का दौरा करेंगे

Tricity Today | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

  • - भाजपा ने वेस्ट यूपी के 14 जिलों के लिए खास रणनीति बनाई
  • - इन जिलों की 70 में से 50 सीटों पर भाजपा ने पिछली बार जीत हासिल की थी
  • - सपा बसपा कांग्रेस के वेस्ट यूपी में केवल 20 विधानसभा सदस्य हैं
  • - भारतीय जनता पार्टी विपक्ष के इन 20 विधायकों को हराने की रणनीति बना रही है
UP Vidhansabha Chunav 2022 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने दावा कर दिया है कि वह एक बार फिर सत्ता में लौटकर वापस आएंगे। इतना ही नहीं इस बार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 350 सीट जीतकर नया रिकॉर्ड कायम करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी दावा किया है कि 35 साल बाद वह पहले मुख्यमंत्री होंगे, जो लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर रिकॉर्ड कायम करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह दावा हवा-हवाई नहीं है। भारतीय जनता पार्टी इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बाकायदा एक बड़ी रणनीति बनाकर काम कर रही है। सबसे पहले वेस्ट यूपी में विपक्ष के 20 विधायकों को हराने के लिए भाजपा ने काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सभी 20 सीटों का दौरा 22 सितंबर से शुरू करने वाले हैं। इसके अलावा पार्टी ने अपने धुरंधर नेताओं को किसी भी तरह यह 20 सीटें जीतने के लिए मैदान में उतार दिया है।

पहले जानिए यह 20 सीट कौन सी हैं
भारतीय जनता पार्टी अपने संगठनात्मक ढांचे के तहत पश्चिम क्षेत्र में तीन मंडलों के 14 जिलों को शामिल करती है। इनमें मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल हैं। इन तीनों मण्डलों में 70 विधायक हैं। इनमें से 51 विधायक भारतीय जनता पार्टी के हैं। मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट से भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना बागी हैं। लिहाजा, भाजपा अपने खाते में 50 विधायक मानकर चलती है। इसके अलावा मीरापुर सीट पर भाजपा ने बमुश्किल 200 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। सहारनपुर जिले की 3 विधानसभा सीट बेहट, सहारनपुर नगर और सहारनपुर देहात इस वक्त भाजपा के पास नहीं हैं। शामली जिले की कैराना, बिजनौर में नजीबाबाद, नूरपुर और नगीना सीट भाजपा के पास नहीं हैं। समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता मोहम्मद आजम खान के प्रभाव वाले जिले मुरादाबाद में ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद देहात, बिलारी और कुंदरकी सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। इसी तरह अमरोहा सदर, संभल सदर और असमोली सीट बीजेपी के खाते में नहीं हैं। रामपुर जिले की 3 सीट रामपुर, स्वार और चमरव्वा पर भाजपा को हार मिली थी। मेरठ सिटी और हापुड़ जिले की धौलाना सीट भी बीजेपी के लिए निराशाजनक परिणाम लेकर आई थीं।

धौलाना से योगी आदित्यनाथ दौरे की शुरुआत करेंगे
भारतीय जनता पार्टी ने इन 20 सीटों पर विपक्ष के विधायकों को हराने के लिए खास रणनीति बनाई है। इस रणनीति का एक खास पड़ाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे हैं। भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सभी सीटों का दौरा करेंगे। इसकी शुरुआत 22 सितंबर को होगी। उस दिन मुख्यमंत्री सबसे पहले हापुड़ जिले की धौलाना सीट पर जा रहे हैं। वहां एक जनसभा को संबोधित करेंगे। हापुड़ में करवाए गए विकास कार्यों का लोकार्पण होगा और भविष्य की योजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा। खास बात यह है कि धौलाना विधानसभा क्षेत्र ठाकुर बाहुल्य है। इस इलाके को साठा-चौरासी के नाम से जाना जाता है। इसके बावजूद पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार रमेश चंद तोमर बहुजन समाज पार्टी के सामने बेहद मामूली अंतर से हार गए थे। इस बार भाजपा किसी भी सूरत में धौलाना में जीत हासिल करना चाहती है। भाजपा नेता ने बताया कि अगले 3 महीनों में मुख्यमंत्री इन सभी 20 सीटों का दौरा करके मतदाताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे।

यह है भाजपा का माइक्रोप्लान
भारतीय जनता पार्टी ने अपने 10 बड़े नेताओं को इन 20 सीटों का पालक घोषित किया है। यह नेता समय-समय पर इन सीटों पर दौरा कर रहे हैं। अपनी अध्ययन रिपोर्ट पार्टी मुख्यालय को भेज रहे हैं। देखा जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इन इलाकों में क्या गलतियां की थीं। इन सीटों के जातिगत समीकरण क्या हैं? इन्हें कैसे साधा जा सकता है? इन 20 विधानसभा क्षेत्रों में कौन-कौन ऐसे लोग हैं, जो 500 से 5000 वोटों का बदलाव करने में सक्षम हैं। ऐसे लोगों को किस तरह भाजपा अपने पाले में लाकर खड़ा कर सकती है? इन विधानसभा क्षेत्रों से उम्मीदवारों को कैसे बदला जा सकता है? नए चेहरों को मौका देने पर भाजपा को क्या लाभ मिलेगा? दूसरे राजनीतिक दलों में कौन से नेता हैं, जो भाजपा में आकर चुनावी वैतरणी पार कर सकते हैं। संगठन में फेरबदल कितना फायदेमंद साबित होगा? बूथ स्तर पर कैसे मजबूती लाई जा सकती है? भाजपा इन विधानसभा क्षेत्रों में अपने मतदाताओं की संख्या 25,000 तक बढ़ाने पर जोर देगी। दरअसल, इन सीटों पर हार का फैसला 200 से 20,000 वोटों का रहा है।

इन 10 नेताओं को सौंपी गई कमान
भाजपा ने 10 नेताओं को इन 20 सीटों को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी है। इनमें आयोग और निगम के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य शामिल हैं। बेहट और सहारनपुर नगर विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष लोकेश प्रजापति को सौंपी गई है। सहारनपुर देहात विधानसभा क्षेत्र की पालक विधान परिषद सदस्य सरोजनी अग्रवाल को बनाया गया है। कैराना और मीरापुर विधानसभा क्षेत्रों का जिम्मा मेरठ-सहारनपुर विधान परिषद क्षेत्र से शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा को सौंपा गया है। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश पाल को नजीबाबाद और नूरपुर सीट दी गई हैं। अमरोहा के पुराने कद्दावर नेता और एमएलसी हरि सिंह ढिल्लों को 3 विधानसभा क्षेत्र नगीना, ठाकुरद्वारा और मुरादाबाद देहात दिए गए हैं। भाजपा ने डॉ.विशेष गुप्ता को कुन्दरकी, बिलारी और अमरोहा सीट को संभालने की जिम्मेदारी दी है। गोपाल अंजान असमौली और सम्भल सीट को जिताने की रणनीति बना रहे हैं। एमएलसी जयपाल सिंह व्यस्त चमरव्वा, स्वार और रामपुर सीटों के पालक नियुक्त किए गए हैं। उत्तर प्रदेश कृषि विकास परिषद के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता को मेरठ शहर और धौलाना विधानसभा क्षेत्रों के लिए रणनीति बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।

वेस्ट यूपी को लेकर भाजपा में खास चौकसी
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों का आंदोलन जोर पकड़ रहा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी वेस्ट यूपी को लेकर सतर्क है। इस इलाके की 70 विधानसभा सीटों पर पार्टी खास रणनीति बनाकर आगे बढ़ रही है। यही वजह है कि पहले चरण में पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आगे खड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री लगातार किसानों पर फोकस करके घोषणाएं कर रहे हैं। बुधवार को ही योगी आदित्यनाथ के आदेश पर किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए 868 मुकदमे गृह विभाग ने वापस लिए हैं। इसके अलावा विद्युत विभाग ने किसानों से मीटर के आधार पर बिजली का बिल नहीं वसूलने का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश सरकार चीनी मिलों से गन्ना भुगतान तेजी के साथ करवा रही है। गन्ना मूल्य में भी बढ़ोतरी की जा रही है।

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