Tricity Today | मुख्यमंत्री ने दिखाई 21 ट्रैक्टरों को दिखाई हरी झण्डी
Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को कृषि विभाग की लाभार्थीपरक योजनाओं से किसानों को लाभान्वित करने हेतु आयोजित कार्यक्रम सम्मलित हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज अन्त्योदय के प्रणेता पं दीन दयाल उपाध्याय की जयन्ती है। उन्होंने समाज के अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन प्रदान किया था। इस अवसर पर आज अन्नदाता किसानों को उन्नतशील बीजों के वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ है। साथ ही, फसल बीमा के लाभार्थियों को पॉलिसी, सोलर सिंचाई पम्प के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र व राजकीय प्रक्षेत्रों हेतु ट्रैक्टर उपलब्ध कराए गए हैं। शासन द्वारा इन सभी योजनाओं का लाभ प्रत्येक जनपद में कैम्प लगाकर व्यापक प्रचार-प्रसार करके अन्नदाता किसानों को पहुंचाया जा रहा है।
"किसानों की समस्या सरकार की प्राथमिकता"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में किसी भी अन्नदाता किसान को कहीं भी समस्या न हो यह प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। डबल इंजन की सरकार संकट के समय अपने अन्नदाता किसानों के साथ खड़ी है। सरकार की संवेदनशीलता की कसौटी को विपत्ति के समय अपने नागरिकों का सम्बल बनकर खड़ा होने से ही समझा और देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री के कोरोना प्रबन्धन मॉडल की हुई सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया ने विगत ढाई वर्ष में इस सदी की सबसे बड़ी महामारी का सामना किया है। कोरोना महामारी के दौरान पूरी दुनिया संकट में थी। सभी देश अपने-अपने तरीके से इस महामारी से लड़ रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना प्रबन्धन का जो मॉडल दुनिया को दिया उसकी सर्वत्र सराहना हुई है। देश में सभी को निःशुल्क टेस्ट, उपचार और टीका उपलब्ध कराया गया। साथ ही, देश के 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन की सुविधा भी उपलध करायी गई। इस दौरान श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता, अन्नदाता किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ दिया गया। इस तरह के कार्यक्रम दुनिया में सिर्फ भारत में क्रियान्वितकिए गए।
कोरोना महामारी के समय गन्ना किसानों को विशेष सुविधाएं दी गई
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के सामने एक मात्र कृषि क्षेत्र दृढ़ता के साथ खड़ा था, किसान बिना भेदभाव के किसी भी व्यक्ति को राशन उपलब्ध कराने में अपनी भूमिका का निर्वहन करता रहा। किसानों के परिश्रम और पुरुषार्थ का परिणाम था कि किसी भी व्यक्ति की महामारी के दौरान भुखमरी से मौत नहीं हुई। प्रधानमंत्री के प्रबन्धन और किसानों के परिश्रम से पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न की उपलबधता रही। उस दौरान प्रदेश सरकार किसानों के सहयोग के लिए तत्पर थी। कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना के साथ ही, खेतों में गेहूं की खड़ी फसल की कम्बाइन मशीन के माध्यम से कटाई करायी गई। साथ ही, गेहूं को क्रय केन्द्र तक पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। मार्च, 2020 से इस कार्य को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया गया। प्रदेश में गन्ना किसानों को भी विशेष सुविधाएं प्रदान की गईं। सभी 119 चीनी मिलों का सफल संचालन कराया जाता रहा।
इस तरह की जा रही किसानों की मौत
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय किसान प्रकृति पर निर्भर है। किसानों को ग्लोबल वॉर्मिंग का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद प्रदेश के किसानों द्वारा रिकॉर्ड मात्रा में खाद्यान्न का उत्पादन किया जाता है। उत्तर प्रदेश की क्षमता को अन्नदाता किसानों ने सभी के समक्ष प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा पहली बार धरती माता के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु स्वॉयल हेल्थ कार्ड जारी किया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से फसली बीमा कराया गया। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को लागू कर लम्बित कृषि सिंचाई योजनाओं को केन्द्र सरकार द्वारा पूरा कराया जा रहा है। प्रदेश में छोटी-बड़ी 36 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा कराया गया, जिनके माध्यम से 21 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विगत 50 वर्षों से लम्बित परियोजनाओं को पूरा कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2021 में सरयू नहर परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया। यह परियोजना वर्ष 1973 में बनायी गई थी। वर्ष 1971 की बाण सागर परियोजना को वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा पूरा किया गया। प्रदेश सरकार ने कर्ज के तले दबे किसान बन्धुओं को राहत देते हुए लघु और सीमान्त किसानों के 1 लाख रुपए तक के फसली ऋण को माफ करने की कार्यवाही को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है।
सोलर पम्प लगाने से मिला किसानों को फायदा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा था। प्रदेश में प्रोक्योरमेन्ट सेन्टर खोलकर सीधे किसानों से उनकी उपज को क्रय किया जा रहा है। आजादी के बाद वर्ष 1967 में एमएसपी की घोषणा की गई थी, लेकिन प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पहली बार किसानों को एमएसपी का लाभ लागत का डेढ़ गुना मिलना सम्भव हुआ। अब प्रदेश का आम किसान भी शासन की योजनाओं को आसानी से जान पाता है। अब तक प्रदेश में 27 हजार किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध कराये जा चुके हैं। आज से 30 हजार किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध कराए जाने के कार्यक्रम का शुभारम्भ किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा बिजली के बिल को भी आधा किया गया है। सोलर पम्प लगाने के बाद किसानों का बिजली का बिल शून्य हो जाएगा।
बीते 10 दिनों अतिवृष्टि से फसलों को अधिक हुआ नुकसान
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 62 जनपदों में इस वर्ष समय पर वर्षा नहीं हुई है। इनके सर्वे का आदेश दिया गया है। इन स्थानों पर दलहल, तिलहन, सब्जी के बीज उपलब्ध कराये जा रहे हैं। विगत 10 दिनों से अतिवृष्टि से फसलों को अधिक नुकसान हुआ है। प्रदेश के जिन 12 जनपदों में बाढ़ के कारण फसल को नुकसान पहुंचा है, उन जनपदों में लगभग 876 करोड़ रुपय प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को कम्पनसेशन के लिए भेजा गया है। उसके वितरण की कार्यवाही चल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थियों को ‘मेरा पॉलिसी मेरा हाथ’ के माध्यम से लाभन्वित किया जा रहा है। इस योजना से लाभान्वित हुए एक किसान ने उन्हें बताया कि उसके छः बीघा खेत के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से, उसे 18000 रुपये की सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि सभी अन्नदाता किसानों को इन पॉलिसियों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।
इस तरह बढ़ेगा उत्पादन
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद लखनऊ में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती की विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। प्राकृतिक खेती से अनेक लाभ हैं। बड़ी मात्रा में फर्टिलाइजर व पेस्टीसाइड का उपयोग खेतों में किया जाता है। प्राकृतिक खेती के माध्यम से इसे न्यूनतम किया जा सकता है। एक एकड़ खेती में फर्टिलाइजर और पेस्टीसाइड के उपयोग में 12,000 से 15,000 रुपय का खर्च आता है। प्राकृतिक खेती में यह खर्च मात्र 1,000 रुपय तक सीमित हो जाएगा। किसानों की 11 से 14 हजार रुपय तक बचत होगी और उत्पादन भी बेहतर होगा। किसानों को अपनी उपज के बाजार में अच्छे दाम मिलेंगे। प्राकृतिक खेती से गोरक्षा होगी और भारतीय नस्ल के गोवंश भी संरक्षित व संवर्धित होंगे। अन्नदाता किसान प्राकृतिक खेती को अपनाएं। प्रदेश सरकार इस कार्यक्रम को प्रोत्साहित करेगी।
इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि पं दीन दयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद के विचार को प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा था कि समाज में सबसे अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की उन्नति के लिए विकास ऊपर से न होकर, नीचे से होना चाहिए। उनके विचार के केन्द्र में किसान व गांव थे। पं0 दीन दयाल जी के जन्मदिन पर कृषि विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों का शुभारम्भ हो रहा है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार ने अपने छः माह पूरे किए हैं। इस दौरान प्रदेश में सुदृढ़ कानून-व्यवस्था एवं अपराध मुक्त प्रदेश की स्थापना हुई है। प्रदेश के समेकित विकास को तेज गति देने का कार्य किया रहा है, इस कार्य में किसानों की प्रमुख भूमिका है।
21 टैक्टरों को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना
इव असर पर कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओलख ने कहा कि कृषि, देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। मुख्यमंत्री किसानों के मसीहा हैं। वे किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए अग्रसर हैं कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पं दीन दयाल उपाध्याय के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने 5 कृषकों को उन्नतशील बीजों की मिनी किट, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 5 लाभार्थियों को ‘मेरी पॉलिसी मेरा हाथ’ के अन्तर्गत प्रमाण पत्र, प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अन्तर्गत सोलर सिंचाई पम्प के 5 लाभार्थियों को स्वीकृति प्रमाण पत्र वितरित किए। कार्यक्रम के दौरान 2 लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपने फीडबैक प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के पश्चात उन्होंने राजकीय प्रक्षेत्रों हेतु फार्म मशीनरीकरण के अन्तर्गत 21 टैक्टरों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
ये लोग रहे उपस्थित
इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और किसान उपस्थित रहे।