Uttar Pradesh : अग्नीपथ योजना को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत कई राज्यों में और कई बड़े शहरों में विरोध प्रदर्शन दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। छात्रों को अग्नीपथ योजना को लेकर कई सारे संदेह है। दूसरी ओर सरकार इस योजना को आमूल चूल बदलाव के नजरिए से देख रही है। दोनों पक्षों के होने के बाद आम जनता के लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर यह योजना क्या है? क्यों सरकार इसके पक्ष में है? क्या इसके लाभ है? छात्र क्यों इसका विरोध कर रहे हैं? कौन सी ऐसी समस्याएं हैं जो छात्रों के मन में संदेह पैदा कर रही है?
क्या है अग्निपथ योजना
अग्निपथ योजना भारतीय सेना की ‘टूर ऑफ ड्यूटी एंट्री स्कीम’ को दिया गया एक नया नाम है। इस योजना के तहत सैनिकों को एक शॉर्ट टर्म कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाना है। भारतीय सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को थल सेना, वायु सेना और नौसेना में अग्निवीर के रूप में काम करने का मौका मिलेगा। 4 वर्ष की अवधि मे अग्निवीर के रूप में वायु सेना, नौसेना और थलसेना में काम करने के बाद अनुशासित, गतिशील और कुशल युवा अपने पसंद के क्षेत्र में रोजगार पाने और करियर बनाने के उद्देश्य से सिविलियन बनकर वापस लौटेंगे। सशस्त्र बलों द्वारा घोषित संगठनात्मक जरूरतों एवं नीतियों के अनुरूप अपनी संलग्नता की अवधि पूरी कर लेने के बाद इन अग्निवीरों को स्थायी संवर्ग में नामांकन के लिए आवेदन करने का एक अवसर प्रदान किया जाएगा। इनमें से 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में नियमित संवर्ग के रूप में नामांकित होने के लिए चुना जाएगा। योजना के तहत 75% युवाओं को कॉन्ट्रैक्ट बेस पर रखा जाएगा शुरुआती 4 साल के लिए। बाद में उन्हें रिटायरमेंट के वक्त सेवा निधि के तौर पर 10 से 12 लाख रुपए दे दिए जाएंगे। 25% युवाओं को रेगुलर कैडर में भर्ती किया जाएगा और आगे 15 साल और सेना में कार्य करने के लिए रखा जाएगा। सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि इस कदम से रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा जो पेंशन और सैलरी में जाता है उसको कम किया जाएगा और मिलिट्री मॉर्डनाइजेशन पर पैसा खर्च किया जाएगा। योजना के तहत देश की सुरक्षा के लिए कार्य करने के इच्छुक युवाओं के लिए कम समय के लिए सेना में काम करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
कौन हो सकता है भर्ती
अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने के लिए उम्मीदवार की उम्र 17.5 से 21 साल तक होनी चाहिए।
आवेदन करने वाले युवा 50 फ़ीसदी नंबरों के साथ 12वीं पास होने चाहिए।
भर्ती हुए युवाओं की 6 महीने ट्रेनिंग कराई जाएगी जिसके बाद 3.5 साल तक उन्हें सेना में कार्य करना होग
कितना होगा वेतन
अग्निपथ योजना के तहत शुरुआती वेतन 30 हजार दिया जाएगा, चौथे साल से बढ़ाकर 40 हजार कर दिया जाएगा। 4 साल की सर्विस के बाद युवा को 10 से 12 लाख रुपए दिए जाएंगे। यह पैसा टैक्स फ्री होगा। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवकों को देश के अन्य कई जगहों पर तैनात किया जाएगा।
क्या है योजना का उद्देश्य
थोड़े समय के लिए सेना में काम करने वाले इच्छुक युवाओं को अवसर प्रदान करना।
देश के तकनीकी संस्थाओं का पूरी तरीके से इस्तेमाल करते हुए उभरती हुई आधुनिक तकनीकों का सही ढंग से इस्तेमाल करना और उन को अपनाने और उनका उपयोग करने के लिए समाज में युवाओं को आकर्षित करना।
युवाओं को अनुशासित करना, उन्हें प्रेरणा देना और उन्हें एक कुशल और योग्य व्यक्ति बनाना ताकि युवा हमारे भविष्य के लिए एक बेहतर कल को रच सकें।
परिस्थितियों के अनुसार ऊर्जावान, स्वस्थ और सशक्त युवाओं के साथ युद्ध की बेहतर तैयारी।
छात्र क्यों कर रहे हैं विरोध
प्रदर्शनकारी युवाओं की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह सिर्फ 4 साल की सेना भर्ती को लेकर नाराज हैं। उनके मुताबिक सेना में शार्ट कमीशन के तहत भी कम से कम 10 से 12 साल की भर्ती होती है और आंतरिक भर्तियों में भी उन सैनिकों को मौका मिल जाता है। अग्नीपथ योजना का विरोध करते हुए सबसे बड़ी समस्या छात्रों के मुताबिक उसकी अवधि और इसके अलावा 4 साल के बाद 75% युवाओं को नौकरी ना मिलना है। अग्नीपथ योजना के तहत से 25% युवाओं को ही परमानेंट भर्ती मिल सकेगी इसी को लेकर छात्र नाराज हैं।
छात्रों का कहना है कि 4 साल नौकरी करने के बाद किसी और अन्य जगह नौकरी तलाश करना बहुत बड़ी चुनौती है। पहले नौकरी तलाश कर सेना में जाएं वापस आने के बाद फिर से नौकरी की लाइन में खड़ी हों। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अग्निवीर 4 साल सेना में नौकरी करने के बाद भी दोयम दर्जे की नौकरियों को ढूंढने के लिए बाध्य होंगे। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि योजना को तुरंत वापस लिया जाए।
अग्नीपथ योजना के लिए छात्रों की मांग है कि इस योजना को तुरंत वापस लिया जाए और लंबे समय से सेना में भर्ती ना होने की वजह से परेशान छात्रों की मांग है कि जल्द से जल्द भर्ती की रैलियां आयोजित कराई जाए और परीक्षाएं शुरू हो जिसके बाद युवा सेना में भर्ती हो सके। इसके अलावा पुरानी भर्तियों को भी जल्द से जल्द क्लियर किया जाए।
एक्सपर्ट की राय
अग्निपथ योजना को लेकर अलग-अलग एक्सपर्ट की अलग-अलग राय है। कुछ लोग इसको सकारात्मक नजरिए से देखते हैं तो कुछ लोग इसको नकारात्मक नजरिए से देखते हुए इसका विरोध भी करते हैं। सकारात्मक नजरिए से देखने वाले लोग कहते हैं कि यह स्कीम कम समय के लिए युवाओं को सेना में भर्ती होने का अवसर दे रही है जिससे देश और युवाओं को काफी ज्यादा लाभ होगा। वहीं दूसरी ओर नकारात्मक पक्ष वाले लोग कहते हैं कि 4 साल का समय सेना के लिए बहुत कम है जिसमें कुछ वक्त तो सिर्फ ट्रेनिंग में ही निकल जाएगा। इसके अलावा सेना से निकलने के बाद किसी नए रोजगार को तलाशना और उसमें आगे बढ़ना भी काफी चुनौतीपूर्ण होगा।
अग्निवीरों को भविष्य में मिलने वाली प्राथमिकता
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश की सेना हमारा गौरव है। जो भी युवा अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनकर लौटेंगे उनको मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिसवा सरमा और मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने भी अग्नि वीरों को प्राथमिकता देने की बात कही है।।