सहारनपुर की एक अदालत ने अपहरण और हत्या के एक मामले में विवाहिता और उसके प्रेमी को दस साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने पत्नी और उसके प्रेमी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया है। अपर सत्र न्यायाधीश डा. दीनानाथ शर्मा ने नसीम नाम के एक व्यक्ति के अपहरण के मामले में उसकी पत्नी महजबी और उसके प्रेमी मोहतरम को 10 साल की बामुशक्कत कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोनों पर 20 हजार रूपये का आर्थिक दंड भी लगाया है।
सरकारी वकील सुशील यादव ने रविवार को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 में शहर के अजीम कालोनी निवासी नसीम की शादी तलाकशुदा महजबी के साथ हुई थी। शादी के बाद थाना फतेहपुर क्षेत्र के दातौली मुगल निवासी मोहतरम के साथ महजबी के नाजायज संबंध हो गए थे। पता चलने पर महजबी के शौहर नसीम ने पत्नी के संबंधों का विरोध किया। बाद में 18 अक्टूबर, 2018 को नसीम अचानक लापता हो गया।
करीब एक महीने बाद 30 नवंबर, 2018 को नसीम के पिता बुन्दू हसन ने मंडी कोतवाली में अपने बेटे के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने महजबी और मोहतरम पर नसीम के अपहरण की आशंकी जताई थी। जांच में जुटी पुलिस को कुछ दिन बाद एक शव मिला था। इसकी पहचान नसीम के रूप में हुई थी। इस मामले की सुनवाई करने के बाद साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश डा. दीनानाथ शर्मा ने महजबी और उसके प्रेमी मोहतरम को दोषी माना।