योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा गौतमबुद्ध नगर से गाजीपुर तक फैला माफिया का मकड़जाल, बदली यूपी की तस्वीर

एक्शन : योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा गौतमबुद्ध नगर से गाजीपुर तक फैला माफिया का मकड़जाल, बदली यूपी की तस्वीर

योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा गौतमबुद्ध नगर से गाजीपुर तक फैला माफिया का मकड़जाल, बदली यूपी की तस्वीर

Google Image | UP Chief Minister Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश की बागडोर संभालने के बाद से ही भू-माफिया और बाहुबली योगी आदित्यनाथ सरकार के निशाने पर हैं। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के फ़ौरन बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में पैर पसार चुके भू-माफियाओं और बाहुबलियों को उखाड़ फेंकने की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने इस मिशन की शुरुआत एंटी भू-माफिया टॉस्क फोर्स के गठन से की थी। इस स्पेशल टॉस्क फोर्स को भू-माफियाओं और बाहुबलियों से निपटने के लिए सभी तरह के अधिकार दिए गए हैं। जिले स्तर पर भी एंटी लैंड माफिया टॉस्क फोर्स का गठन किया गया।

मिशन को सफल बनाने के लिए सभी महकमों और प्रशासनिक अमलों को हाई-एलर्ट पर रखा गया है। सभी विभागों ने राज्य में पैर जमा चुके भू-माफियाओं और बाहुबलियों की लिस्ट बनाकर शासन को सौंप दी हैं। इन पर नकेल कसने के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने एक पोर्टल भी लॉन्च किया है। आम नागरिक इस पोर्टल पर भू-माफिया से जुड़ी जानकारी सरकार संग साझा करते हैं। सरकार आम नागरिकों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर मामलों की जांच-पड़ताल करती है। अगर शिकायत सही पाई जाती है, तो उस भू-माफिया पर कार्रवाई की जाती है।



सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति से माफिया के पैर उखड़े

उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ विक्रम सिंह ने कहा, ‘गौतमबुद्ध नगर और गाज़ियाबाद से गाजीपुर तक अपराधियों, भू-माफियाओं और बाहुबलियों में योगी सरकार ने दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। सबसे ज्यादा जरूरत मजबूत इच्छाशक्ति की होती है। जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में है। अपराध और अपराधी के प्रति उनकी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी ने उत्तर प्रदेश पुलिस में नए उत्साह का संचार किया है। जब शासन करने वाले लोग माफिया, गुंडे और बदमाशों को संरक्षण देना बंद कर देते हैं तो अपराध खुद-ब-खुद खत्म हो जाता है।'

विक्रम सिंह ने आगे कहा, 'ऐसा नहीं है कि पिछली सरकारों के दौरान पुलिस ने कार्रवाई करने की कोशिश न की हो, सही बात यह है कि कभी पुलिस को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह किसी ने सहयोग ही नहीं दिया था। जब गुंडे और माफिया को राजनेता प्रश्रय देंगे तो पुलिस उनके खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी। इस बार उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने गुंडे-माफियाओं के सर पर हाथ रखकर बैठे लोगों को दुरुस्त कर दिया है। जिसके शानदार परिणाम देखने के लिए मिल रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की सूरत और सीरत बदल गई है। राज्य में कानून व्यवस्था बहुत अच्छी स्थिति में है। जिसके परिणाम औद्योगिक निवेश के रूप में देखने के लिए मिल रहे हैं।’


एंटी भू-माफिया टॉस्क फोर्स अब तक प्रदेश में 2300 बड़े भू-माफिया और बाहुबलियों को चिह्नित कर चुकी है। इनमें से तीन के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है। अन्य 43 माफिया के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है। टॉस्क फोर्स ने 249 बाहुबलियों के विरुद्ध गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की है। साथ ही टॉस्क फोर्स ने अब तक 3383 अतिक्रमणकर्ताओं को चिन्हित किया है। भू-माफिया से जुड़े मामलों में 4,210 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें से 2407 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, या उन्होंने खुद समर्पण कर दिया है।



माफिया की अब तक साढ़े तीन अरब रुपये की सम्पत्ति जब्त

उत्तर प्रदेश के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम अवनीश कुमार अवस्थी ने मीडिया को बताया था कि राज्य सरकार ने गैंगस्टर एक्ट के तहत अब तक साढ़े तीन अरब रुपये की सम्पत्ति जब्त की है। राज्य के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हो रहा है, जब भू-माफिया और बाहुबलियों से अवैध जमीनें लेकर उन पर आम जनमानस व प्रशासन के लिए सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। अवैध इमारतों पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद (वेस्ट यूपी) के सुंदर भाटी और अनिल दुजाना गैंग, पूर्वांचल के अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे बड़े बाहुबलियों और भू-माफियाओं के खिलाफ योगी सरकार बड़े स्तर पर कार्रवाई कर रही है। इनके अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा है। छोटे-बड़े हर बाहुबली और भू-माफिया के कब्जे से जमीनों को खाली करके सरकार के नियंत्रण में लिया जा रहा है।

बदमाशों ने घुटने टेके नहीं तो "राम नाम सत" हुआ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों के खिलाफ भी मुहिम छेड़ रखी है। राज्य में कुंडली मारकर बैठे अपराधियों में खौफ साफ नजर आ रहा है। ज्यादातर अपराधियों ने आत्म-समर्पण कर दिया है। जेलों में जाकर बैठ गए हैं। बरसों हथियार नहीं उठाने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस अब दमखम दिखा रही है। ज्यादातर दुर्दांत अपराधी मार गिराए गए हैं। छोटे अपराधियों ने दूसरे राज्यों की राह पकड़ ली है। हजारों अपराधियों ने अब तक खुद को पुलिस के हवाले कर दिया है। हर रोज पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ हो रही है। उत्तर प्रदेश अपराधमुक्त होने की राह पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों मुंबई में फिल्म उद्योग की हस्तियों से मुलाकात की थी। जिसमें उन्होने कहा था, "हम सज्जनों को राम राम कहकर स्वागत करते हैं। जो दुर्जन होते हैं उनके लिए दूसरा वाक्य राम नाम सत है।"

गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने वेस्ट यूपी के सबसे बड़े गिरोहों पर कसी नकेल

गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार सिंह ने कहा, ‘पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आंतक का पर्याय बने अनिल दुजाना और सुंदर भाटी गिरोह की कमर तोड़ दी गई है। अनिल दुजाना गिरोह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे कुख्यात गिरोहों में से एक है। अनिल दुजाना ने गौतमबुद्ध नगर, गाज़ियाबाद, बुलंदशहर और अन्य दूसरे जिलों में खूब जमीनें हड़पीं। इसके अलावा यह गिरोह राजनीतिक लक्ष्यों के लिए लोगों की हत्या करने, लूटपाट करने, अपहरण और फिरौती जैसे संगीन अपराधों में शामिल रहा है। इन दोनों गिरोह की अब तक 70 करोड़ रुपये से ज्यादा प्रोपर्टी जब्त कर ली गई हैं।’ योगी सरकार आने के बाद गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने इन माफिया गिरोहों को लगभग खत्म कर दिया है।



पूर्वी उत्तर प्रदेश में माननीय जी बन चुके थे बाहुबली
वरिष्ठ पत्रकार और उत्तर प्रदेश के अपराधियों पर रिपोर्टिंग एक्सपर्ट मनीष मिश्रा कहते हैं, ‘वेस्ट यूपी की ही तरह पूर्वी उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे गैंगेस्टर और बाहुबली पिछली सरकारों के दौरान खूब फले-फूले। पार्टियों से टिकट लेकर संसद और विधानसभा में माननीय बन बैठे। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इन दोनों गिरोहों के खात्मे की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। योगी सरकार ने मजबूत इच्छाशक्ति दिखाते हुए इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। अब तक मुख्तार अंसारी के गैंग से जुड़े 80 से ज्यादा लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हो चुकी है। अंसारी गैंग से जुड़े सभी लोगों की सम्पत्ति जब्त की जा रही हैं। इन सभी के बैंक खातों में लेन-देन की भी जांच की जा रही है। कुछ दिन पहले जांच के दौरान मुख्तार अंसारी की बेनामी सम्पत्तियों और बैंक खातों से बड़े ट्रांजैक्शन पाए गए थे। इसीलिए योगी सरकार मुख्तार अंसार और उसके परिजनों के खातों की जांच नोटबंदी के समय से कराएगी। यह अच्छा कदम है।’

मनीष मिश्रा आगे कहते हैं, ‘अतीक अहमद अलग-अलग दलों से पांच बार यूपी विधानसभा का सदस्य रहा और एक बार सांसद रह चुका है। उसके बाहुबल और धनबल का इस्तेमाल करके राजनीतिक दल अपने काम निकालते थे। बदले में वह मनमानी करता था। जिन थानों में उसका आपराधिक इतिहास था, वहां के पुलिस वाले उसके प्रोटोकॉल में खड़े होने को मजबूर रहते थे। योगी आदित्यनाथ ने इस मकड़जाल को तोड़ा है।’ प्रयागराज पुलिस ने अब तक अतीक अहमद की अवैध एक अरब रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी जब्त की है।



पुलिस एक्शन से अंसारी गैंग की जड़ें उखड़ गई हैं

दूसरी ओर गाजीपुर पुलिस ने मुख्तार अंसारी गैंग के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई की है। सदर क्षेत्र में अंसारी की पत्नी आफशा अंसारी और सालों के नाम रजिस्टर्ड 28 करोड़ 58 लाख की संपत्ति कुर्क कर ली है। राजधानी लखनऊ में मुख्तार अंसारी की तमाम संपत्तियों पर योगी सरकार पहले ही बुलडोजर चलवा चुकी है। अंसारी की पत्नी, दोनों बेटों अब्बास और उमर अंसारी, अंसारी के दोनों साले सरजील रजा और अनवर शहजाद पर शिकंजा कस दिया है। इन सबके खिलाफ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा और अतिक्रमण कर निर्माण करवाने का मुकदमा दर्ज किया गया है। मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल में रखा गया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में फैले मुख्तार अंसारी के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया है। मुख्तार अंसारी के ज्यादातर गूर्गे या तो सरकार की गिरफ्त में हैं, या फिर दूसरे राज्यों में शरण ले रहे हैं।

माफिया के करीबियों पर भी शिकंजा कस रहा है

प्रयागराज के डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी के मुताबिक अतीक अहमद के करीबियों के खातों से भी अवैध पैसों के लेन-देन की जांच चल रही है। जांच में सामने आया है कि माफिया कई फर्जी कम्पनियां बनाकर उनमें पैसे निवेश करते हैं। उन्होंने दर्जनों अवैध सम्पत्तियों की खरीदारी की है। इन बाहुबलियों के यहां नौकरी करने वाले कई कर्मचारियों के नाम से अवैध कम्पनियां और बैंक खातों के जरिए पैसों का हेरफेर किया गया है। सरकार का कहना है कि जांच में अगर मनी लॉड्रिग सामने आई तो मामले को केंद्रीय जांच एजेंसियों के पास भी भेजा जाएगा। उसके आधार पर मनी लॉड्रिंग का केस भी दर्ज किया जाएगा।



आईएस-191 के आय के अवैध स्रोतों को बंद किया गया

बाहुबलियों और उनके गुर्गों पर नकेल कसने के साथ-साथ योगी सरकार इनके आय के अवैध रास्तों को पूरी तरह बंद कर रही है। ऐसे बाहुबली और भू-माफिया अवैध आय के दम पर ही फलते-फूलते हैं। वाराणसी मंडल के सभी जिलों में मुख्तार अंसारी का गैंग यानि आईएस-191 पिछले लगभग तीन दशक से आतंक का पर्याय बना हुआ था। योगी सरकार के आने के बाद इस गैंग के आतंक में कमी आई और धीरे-धीरे इसका सफाया किया जा रहा है। अवैध स्लॉटर हाउस, पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली, सरकारी जमीनों पर कब्जे, मछली का अवैध कारोबार, रंगदारी और दूसरी अन्य गैर-कानूनी गतिविधियां जोरों से चल रही थीं। योगी सरकारी इन पर नकेल कसने में कामयाब रही है। अवैध बूचड़खानों से मुख्तार अंसारी को तकरीबन 25 करोड़ रुपये की सालाना अवैध आय हमेशा के लिए बन्द हो गई है।



गैंगेस्टर का साथ देने वाले नपे, अफसर भी नपे

उत्तर प्रदेश सरकार के चीफ सेक्रेटरी और भारत सरकार के कैबीनेट सेक्रेटरी रहे योगेंद्र नारायण ने कहा, ‘राज्य सरकार सरकारी तंत्र में बाहुबलियों और भू-माफिया की घुसपैठ को तोड़ रही है। महकमों में बैठे ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है, जो इन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। वाकई ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। इसमें कोई दोराय नहीं है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने पुलिस को अपराधियों के खिलाफ स्वतंत्रता दी है। इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने वाले अफसरों पर कठोर कार्रवाई की हैं।’ खुद सीएम ने कहा, जो भी कर्मचारी, अधिकारी व राजनीति से ताल्लुक रखने वाले लोग गैरकानूनी कृत्यों में संलिप्त पाए जा रहे हैं, उन्हें सेवामुक्त किया जा रहा है। इस कड़ी में राज्य सरकार विभिन्न महकमों में अब तक 800 कर्मचारियों पर एक्शन ले चुकी है।



अंसारी गैंग ने हवाईअड्डे की जमीन ही घेर ली

मऊ के पुलिस अधीक्षक घुले सुशील चंद्रभान ने बताया, अंसारी के 33 करोड़ रुपये सालाना के अवैध मछली कारोबार को बंद करा दिया गया है। जनपद गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के करीबियों ने हवाईअड्डे के लिए आवंटित जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया था। इनसे 27.5 करोड़ रुपये की 50 बीघा सरकारी जमीन मुक्त करा दी गई है। अब इन जमीनों पर राज्य सरकार का कब्जा है। जनपद मऊ में नगर पालिका परिषद की पार्किंग के ठेके की आड़ में हो रहे गोरखधंधे को बंद करा दिया गया है। अवैध उगाही में शामिल सभी लोगों पर गैंगेस्टर एक्ट लगाया गया है और पार्किंग का ठेका निरस्त कर दिया गया है। ये ठेका हमेशा से अंसारी या उसके मातहतों को ही मिलता रहा है।

 

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