योगी आदित्यनाथ ने लागू किया लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम, ट्राईसिटी टुडे ने उठाया था मुद्दा

आज की सबसे बड़ी खबर : योगी आदित्यनाथ ने लागू किया लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम, ट्राईसिटी टुडे ने उठाया था मुद्दा

योगी आदित्यनाथ ने लागू किया लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम, ट्राईसिटी टुडे ने उठाया था मुद्दा

Tricity Today | योगी आदित्यनाथ

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने हाल ही में लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम-2024 को मंजूरी दे दी है, जिससे राज्य में हादसों में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है। इस नए अधिनियम के लागू होने से बिल्डरों पर हादसा होने की स्थिति में सख्त कार्रवाई की जा सकेगी और उन्हें मुआवजा भी देना होगा। आपको बता दें कि मुद्दे को आपके पसदीदा वेबपोर्टल ट्राईसिटी टुडे ने प्रमुखता से उठाया था, जिसकी आवाज लखनऊ तक पहुंची। पिछले सत्र में जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह ने इसको लेकर विधानसभा में अपनी आवाज बुलंद की और अब इसे पूरे यूपी के योगी आदित्यनाथ ने लागू कर दिया है।

अगले 6 महीनों में पंजीकरण अनिवार्य
अधिनियम के तहत पहले से लगी लिफ्ट और एस्केलेटर का छह महीने के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। नई जगह पर लिफ्ट लगाने से पहले संबंधित प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी। इससे करीब दो से ढाई लाख लोगों को फायदा होने की संभावना है।

एनसीआर के प्रमुख शहरों में लागू
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट (गौतम बुद्ध नगर) और गाजियाबाद जैसे एनसीआर के प्रमुख शहरों में यह अधिनियम लागू किया जाएगा। गौतमबुद्ध नगर हाइराइज इमारतों के मामले में पहले स्थान पर है, जहां 309 ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के तहत 700-800 ऊंची इमारतें हैं। 

लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम के नियम
पंजीकरण : लिफ्ट या एस्केलेटर लगाने वाले स्वामी को संबंधित प्राधिकरण या नगर निगम से पंजीकरण कराना होगा। निजी और सार्वजनिक परिसर के लिए अलग-अलग पंजीकरण की व्यवस्था है।
कमिशनिंग और उपयोग : लिफ्ट या एस्केलेटर की कमिशनिंग पूर्ण होने के बाद राज्य सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी को सूचित करना होगा और नियमित अंतराल पर इसके अनुरक्षण कार्य कराना होगा।
तकनीकी प्रमाणन : किसी भी खराबी के आने पर एएमसी तकनीकी टीम से प्रमाण पत्र लेना होगा और इसे अनुरक्षण लॉग बुक में दर्ज करना होगा।
मॉक ड्रिल : आपातकालीन स्थिति में फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए साल में दो बार मॉक ड्रिल अभ्यास करना अनिवार्य होगा।
सुरक्षा : लिफ्ट में यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्वाचालित बचाव युक्ति, पर्याप्त प्रकाश, संचार प्रणाली, आपातकालीन घंटी और सीसीटीवी कैमरा जैसी सुविधाएं अनिवार्य होंगी।
बीमा : सार्वजनिक लिफ्ट या एस्केलेटर के लिए दुर्घटना बीमा लेना होगा ताकि यात्रियों को जोखिम कवर मिल सके।
दिव्यांग अनुकूलता : सार्वजनिक परिसर में लिफ्ट और एस्केलेटर दिव्यांगों के अनुकूल होने चाहिए।

पंजीकरण की अवधि कितनी होगी?
प्रत्येक पंजीकरण लिफ्ट या एस्केलेटर के संपूर्ण जीवनकाल के लिए होगा। किसी भी परिवर्तन या शिफ्टिंग के मामले में नया पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम-2024 के लागू होने से यूपी के प्रमुख शहरों में हादसों में कमी आने की उम्मीद है। यह अधिनियम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बिल्डरों की जिम्मेदारी बढ़ाने के उद्देश्य से लाया गया है।

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