विपक्षी दलों पर बरसे योगी आदित्यनाथ, बोले- ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी’

BIG BREAKING: विपक्षी दलों पर बरसे योगी आदित्यनाथ, बोले- ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी’

विपक्षी दलों पर बरसे योगी आदित्यनाथ, बोले- ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी’

Tricity Today | संबोधित करते सीएम योगी आदित्यनाथ

  • जिस प्रकार का वातावरण बनाने का प्रयास हो रहा है, यह विपक्ष की कुत्सित मंशा को उजागर करता है
  • कोरोना कालखंड के दौरान देश के अंदर दूषित वातावरण पैदा किया गया
  • संसद सत्र प्रारंभ होने के ठीक 1 दिन पहले इस प्रकार की सनसनीखेज चीजों को परोस करके समाज को गुमराह किया जा रहा है
  • विपक्ष अंतरराष्ट्रीय साजिशों का शिकार जाने-अनजाने में हो रहा है
  • कोरोना कालखंड के दौरान देश के कोविड प्रबंधन को डब्ल्यूएचओ और दुनिया ने सराहा था
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) समेत सभी विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला है। अब से थोड़ी देर पहले उन्होंने डिजिटल माध्यम के जरिए पत्रकारों को संबोधित किया। इसमें योगी ने कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों को जनता को गुमराह करने, देश को अस्थिर करने और भारत की वैश्विक छवि को बदनाम करने जैसे गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कोरोना वायरस से लेकर सदन की कार्यवाही को स्थगित करने तक के हर मुद्दे पर विपक्षी दलों को जमकर घेरा। 

सीएम योगी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय साजिशों के शिकार विपक्षी दल भारत को अस्त-व्यस्त करना चाहते हैं। दरअसल इस पूरे हफ्ते विपक्षी दलों समेत लेफ्ट के नेता और मीडिया का बड़ा बड़ा केंद्र सरकार के खिलाफ एक्टिव रहा है। केंद्रीय नेतृत्व पर विपक्षी दलों के नेताओं और खेमों के पत्रकारों के फोन टैपिंग का आरोप लगा है। बीते सोमवार को हंगाम के कारण संसद की कार्यवाही भी बीच में ही स्थगित करनी पड़ी। अपने करीब 11 मिनट के संवाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को जमकर लताड़ा। 

अराजकता का माहौल पैदा कर रहा विपक्ष
संबोधन की शुरुआत उन्होंने कांग्रेस पर हमले से की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जिस प्रकार का वातावरण बनाने का प्रयास हो रहा है, यह विपक्ष की कुत्सित मंशा को उजागर करता है। ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।’ कांग्रेस सरकार अपने समय में जिस तरह की हरकतें करती रही है, आज विपक्ष में रहकर भी अपने उन्हीं मंसूबों को आगे बढ़ा रही है। कोरोना कालखंड के दौरान देश के अंदर दूषित वातावरण पैदा किया गया। लोगों को संबल देने के बजाय अराजकता का माहौल पैदा करने का कुत्सित प्रयास कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेताओं ने सेकंड वेव के दौरान किया था, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।” 



षडयंत्र कर देश की छवि को बदनाम कर रहे
सदन की कार्यवाही बाधित करने और देश की छवि को बदनाम करने को लेकर भी योगी हमलावर रहे। उन्होंने कहा, “संसद के सत्र में लोक कल्याणकारी और जनोपयोगी साहसिक निर्णय लिए जाते हैं। मगर संसद सत्र प्रारंभ होने के ठीक 1 दिन पहले इस प्रकार की सनसनीखेज चीजों को परोस करके समाज को गुमराह किया जा रहा है। यह राजनीति के घटते और गिरते स्तर को प्रदर्शित करता है। विपक्ष पूरी तरह नकारात्मक भूमिका में है। वह उन अंतरराष्ट्रीय साजिशों का शिकार जाने-अनजाने में हो रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय साजिश किसी न किसी रूप में भारत को अस्थिर करना चाहते हैं। भारत को किसी न किसी रूप में अस्त-व्यस्त करना चाहते हैं। यह कोई पहली घटना नहीं है। याद करिए अभी कुछ वक्त पहले 2020 के प्रारंभ में अमेरिका के राष्ट्रपति की भारत विजिट के दौरान उनके दिल्ली पहुंचने के साथ ही दिल्ली के अंदर हुआ भीषण दंगा एक साजिश का हिस्सा नहीं था! इस दंगे में विपक्षी दलों के लोगों की संलिप्ता सामने आई थी।” 

कोविड मैनेजमेंट पर दुनिया ने सराहा, विपक्ष ने भ्रम फैलाया
उन्होंने आगे कहा, “कोरोना कालखंड के दौरान देश के कोविड प्रबंधन को डब्ल्यूएचओ और दुनिया के देशों ने सराहा था। लेकिन भारत के अंदर विपक्ष एक ऐसा माहौल बनाने का प्रयास कर रहा था, जैसे कि सरकार इन सभी चीजों से अनभिज्ञ है और महामारी से लोग मर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को खराब करने, भारत को अस्थिर करने के लिए जिन मंसूबों के साथ विपक्ष कार्य कर रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। अनेक ऐसे अवसर आए। जब भी देश के अंदर कोई महत्वपूर्ण कार्यक्रम होता है, विपक्ष लोगों को गुमराह करके देश के खिलाफ या दुनिया के अंदर भारत के खिलाफ माहौल बनाने के लिए किसी न किसी षडयंत्र का हिस्सा बन जाता है। संसद का सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण था। संसद के अंदर कार्य करने का मुझे अवसर प्राप्त हुआ था। भारत के लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण इमारत संसद है। सबसे अहम स्तंभ देश का संसद है।” 

वंचित वर्ग की तरक्की से परेशान हैं
विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “एक आम नागरिक की आवाज को इस मंच के माध्यम से देश के सामने रखते हैं। संसद की परिपाटी रही है कि मंत्रिमंडल के गठन-पुनर्गठन के बाद माननीय प्रधानमंत्री के द्वारा नए मंत्रियों का परिचय संसद से कराया जाता है। संसद सदस्यों से कराया जाता है।, आपने देखा होगा कि मंत्रिमंडल के कार्यक्रम में ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी जाति के लोग जुड़े थे। जिन्होंने देश की आजादी के बाद कभी भी नेतृत्व नहीं देखा था। आज जब उस तबके को नेतृत्व दिया गया, उन्हें आगे बढ़ने का मौका प्रधानमंत्री जी ने दिया। उन सभी नए मंत्रियों के परिचय संसद सत्र प्रारंभ होने के साथ ही संसद के अंदर होता। लेकिन विपक्ष ने ऐसा नहीं होने दिया। संसद की कार्यवाही को बाधित करना लोकतंत्र का गला घोटने जैसा है। यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है और यह लगातार विपक्ष कर रहा है।”

किसान आंदोलन के बहाने देश विरोधियों को बढ़ावा दे रहे
योगी ने कहा, “आपने देखा होगा कि किसान आंदोलन के नाम पर किस तरीके से देश के खिलाफ साजिश रची जाती है। किसान को समुदाय, मत और मजहब के साथ जोड़ कर उन के माध्यम से भारत और देश विरोधियों को आगे बढ़ाने की छूट दी जाती है। विपक्ष उनके साथ दिखाई देता है। इस प्रकार की नकारात्मक राजनीति देश के अंदर वातावरण को विषाक्त तो जरूर करेगी। यह भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब भी जरूर करेगी। कोरोना कालखंड के दौरान विपक्ष के नकारात्मक रवैया के कारण भारत की छवि धूमिल हुई है। विपक्ष ने झूठे आरोप लगा कर भारत की छवि को धूमिल किया है।” 

जनता फिर जवाब देगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता विपक्ष को जवाब देगी। योगी ने कहा, “जनता-जनार्दन समय आने पर उन्हें फिर से जवाब देगा। वैसे ही जवाब देगा, जैसे 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े राफेल जैसे अहम मुद्दों पर पर दिया था। उस समय विपक्ष ने देश का माहौल खराब करने का प्रयास किया था। बाद में उनको मुंह की खानी पड़ी थी। न्यायालय में भी और जनता जनार्दन की अदालत में भी। इस बार फिर से संसद सत्र के इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर, जहां पर गांव के लिए, गरीब के लिए, किसान के लिए, नौजवान के लिए, महिलाओं के लिए और समाज के विभिन्न वर्गों पर चर्चा होती। मगर विपक्ष ने ये सब नहीं होने दिया। कोरोना कालखंड के अंदर विपक्ष के इस नकारात्मक रवैये के कारण भारत की छवि पहले ही काफी आहत हुई। तथ्यहीन और झूठे आरोप लगाकर देश के यशस्वी नेतृत्व को बदनाम करना, देश की छवि को लगातार धूमिल करना विपक्ष के एजेंडे का हिस्सा बन चुका है।”

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