भूमाफिया से जमीन खाली करवा कर पत्रकारों, शिक्षकों और वकीलों को दें, योगी आदित्यनाथ ने दिया आदेश

बेहतरीन पहल भूमाफिया से जमीन खाली करवा कर पत्रकारों, शिक्षकों और वकीलों को दें, योगी आदित्यनाथ ने दिया आदेश

भूमाफिया से जमीन खाली करवा कर पत्रकारों, शिक्षकों और वकीलों को दें, योगी आदित्यनाथ ने दिया आदेश

Google Image | UP Chief minister Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अधिवक्ता समागम – 2020 में शिरकत की। कार्यक्रम का आयोजन केपी कॉलेज के ग्राउंड में किया गया था। मुख्यमंत्री इसी समागम में अधिवक्ताओं और दूसरे गणमान्य लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ तमाम बिंदुओं पर बेबाकी से बोले। समागम में अधिवक्ताओं के लिए आवासीय सुविधाओं की मांग पर मुख्यमंत्री ने बताया कि,"मैंने विकास प्राधिकरणों को कहा है कि जिन जगहों पर भू माफियाओं का कब्जा है, उन्हें खाली करा कर वहां अधिवक्ताओं, पत्रकारों और शिक्षकों के लिए नो प्रॉफिट - नो लॉस पर आवासीय सुविधाएं विकसित करें।"

कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने न्यायपालिका के बारे में विचार रखते हुए की। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की भूमिका की बात करें, तो वादी का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। न्याय मांगने वाला व्यक्ति, समाज के अंतिम पायदान का व्यक्ति है। केपी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित प्रदेश अधिवक्ता समागम-2020 में प्रदेश भर से आए वकीलों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “जो लोग धन के अभाव में न्याय पाने से वंचित रह जाते हैं, ऐसे लोगों के लिए विद्वान अधिवक्ता कार्ययोजना बनाएं। कार्ययोजना को सरकार के समक्ष प्रस्तुत करें। हम उसे गंभीरता से लागू करेंगे। जिससे प्रत्येक व्यक्ति को न्याय मिल सके।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिवक्ताओं के लिए सरकारी कोष और सीएसआर कोष से आवासीय भवनों के लिए 150 करोड़ रुपये और गैर आवासीय भवनों के लिए 400 करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिया गया है। प्रदेश में अधिवक्ता सामाजिक सुरक्षा निधि के तहत तीन वर्षों में 1474 अधिवक्ताओं को कल्याण निधि से भुगतान किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण से लड़ाई में उत्तर प्रदेश की स्थिति के बारे में जानकारी दी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश ने कोविड प्रबंधन में पूरे देश में सबसे बेहतरीन काम किया है। उन्होंने कहा कि दो महीने पहले प्रदेश में कोरोना के 68,000 सक्रिय मामले सामने आ रहे थे। परंतु अब ये संख्या घटकर 18,000 से कम रह गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण में सबसे अधिक जांच करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। उन्होंने दिल्ली से तुलना करते हुए कहा कि 24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में कोविड-19 से कुल 8,000 लोगों की मौत हुई है। जबकि पौने दो करोड़ की आबादी वाली दिल्ली में कोविड से 10,000 लोगों की जान गई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का टीका उपलब्ध होने पर प्रत्येक व्यक्ति तक उसे पहुंचाने के लिए राज्य सरकार पूरी तैयारी कर चुकी है। यह केवल एक आपदा के खिलाफ लड़ाई नहीं है, बल्कि इसने लोगों को बहुत कुछ सिखाया है।

समागम में अधिवक्ताओं के लिए आवासीय सुविधाओं की मांग पर मुख्यमंत्री ने बताया कि,"मैंने विकास प्राधिकरणों को कहा है कि जिन जगहों पर भू माफियाओं का कब्जा है, उन्हें खाली करा कर वहां अधिवक्ताओं, पत्रकारों और शिक्षकों के लिए नो प्रॉफिट - नो लॉस पर आवासीय सुविधाएं विकसित करें।"

कार्यक्रम में प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह भी मौजूद थे। सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोविड-19 प्रबंधन के साथ-साथ सुशासन का भी उदाहरण पेश किया है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में कोविड-19 के दौरान उत्तर प्रदेश में 53,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।”

उन्होंने बताया कि हाल ही में सैमसंग कंपनी चीन में स्थित अपनी तीन फैक्ट्रियां बंद कर नोएडा में उन्हें स्थापित करने जा रही है। इससे राज्य में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। इसके अलावा मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेसवे का जल्द ही शिलान्यास किया जाएगा। राज्य सरकार मेरठ में हवाईअड्डा तैयार होने के पश्चात मेरठ से प्रयागराज के लिए उड़ान सेवा शुरू करेगी।

कार्यक्रम के दौरान राज्य विधिज्ञ परिषद के अध्यक्ष जानकी शरण पांडेय और इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने मुख्यमंत्री को अधिवक्ताओं की विभिन्न मांगों का एक ज्ञापन दिया। प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक, नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता केशरी नाथ त्रिपाठी और बड़ी संख्या में अधिवक्ता शामिल रहे।

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