Lucknow News : उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में गाज गिरने का सिलसिला जारी है। इंजीनियरों के तबादलों में भारी अनियमितता सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने जांच का आदेश दिया था। दो दिन पहले पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर जितिन प्रसाद (Jitin Prasad Minister) के विशेष कार्य अधिकारी को राज्य सरकार ने वापस केंद्र सरकार भेज दिया। दरअसल, मंत्री के ओएसडी प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश में काम कर रहे थे। अब मंगलवार को मुख्यालय में तैनात दो प्रिंसिपल इंजीनियर और एक सीनियर स्टाफ अफसर को सस्पेंड कर दिया गया है। इनके अलावा दो और अफसरों को निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उठाया कठोर कदम
पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट की ओर से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि वर्तमान स्थानांतरण सत्र के दौरान तबादला आदेशों में गंभीर अनियमितताएं संज्ञान में आई थीं। जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल प्रभाव से कदम उठाया। कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया गया। जांच समिति ने 16 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट की संस्तुतियों के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यवाही करने का आदेश दिया है। जिस पर तत्काल प्रभाव से दो प्रिंसिपल इंजीनियर, एक सीनियर स्टाफ ऑफिसर, प्रशासनिक अधिकारी और प्रधान सहायक को सस्पेंड कर दिया गया है।
इन 5 अफसर और कर्मचारियों पर गिरी गाज
प्रमुख अभियंता (विकास एवं विभागाध्यक्ष) मनोज कुमार गुप्ता
प्रमुख अभियंता (परियोजना एवं नियोजन) राकेश कुमार सक्सेना
वरिष्ठ स्टाफ ऑफिसर शैलेंद्र कुमार यादव
प्रशासनिक अधिकारी पंकज दीक्षित
प्रधान सहायक संजय कुमार चौरसिया
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस बरकरार रहेगा
सरकार की ओर से साफतौर पर कहा गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पॉलिसी जीरो टोलरेंस वाली है। लोक निर्माण विभाग के तबादलों में व्यापक स्तर पर अनियमितताएं बरती गई हैं। जिसके चलते मुख्यमंत्री के आदेश पर तत्काल तबादलों को रद्द कर दिया गया। मामले में जांच की गई। अब मंगलवार को जिम्मेदार अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है। आगे भी अगर भ्रष्टाचार से जुड़ा कोई मामला सामने आएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।