ग्रेटर नोएडा लीजबैक मामले पर बोले योगी आदित्यनाथ- मेरे मुख्यमंत्री रहते किसानों का अहित नहीं हो सकता

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ग्रेटर नोएडा लीजबैक मामले पर बोले योगी आदित्यनाथ- मेरे मुख्यमंत्री रहते किसानों का अहित नहीं हो सकता

Tricity Today Team | ग्रेटर नोएडा लीजबैक मामले पर बोले योगी आदित्यनाथ

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के लीजबैक मामले को लेकर चल रहे किसान आंदोलन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा, "मेरे मुख्यमंत्री रहते हुए किसानों का कोई अहित नहीं हो सकता है।" दरअसल, मंगलवार को जेवर से विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के बाहर धरना दे रहे किसानों का मुद्दा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने उठाया है। धीरेंद्र सिंह भट्टा पारसौल के किसानों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने गए थे। इस दौरान उन्होंने लीजबैक मामले पर मुख्यमंत्री के सामने स्थिति साफ की।

धीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में कुछ बाहरी लोगों ने कायदों को दरकिनार करके लीजबैक का लाभ उठाया था। जिसकी शिकायत शासन से की गई थी। इस मामले पर शासन ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह की अध्यक्षता में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया था। अब एसआईटी ने सिफारिश दी हैं कि इस रिपोर्ट में जिन लोगों के खिलाफ शिकायत की गई थी, उन पर किसी भी तरह की कार्रवाई का ब्यौरा नहीं है। दूसरी ओर किसानों के लीजबैक मामलों पर सवालिया निशान लगाए गए हैं। एसआईटी ने सिफारिश की है कि लीजबैक का फायदा लेने वाले किसानों को 6% आबादी के भूखंड नहीं दिए जाने चाहिए।"

धीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि इससे ग्रेटर नोएडा के किसान आहत हैं। किसानों का कहना है कि रसूखदार लोगों ने पिछली सरकार में भी गलत ढंग से फायदा उठाया और अब भी अपनी ताकत का इस्तेमाल करके साफ बच निकले हैं। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और एसआईटी की सिफारिशों को रद्द किया जाना चाहिए। इसी बात को लेकर किसान 2 दिन से धरना दे रहे हैं। धीरेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पूरे मुद्दे को बेहद संजीदगी से सुना। इसके बाद उन्होंने कहा, "लीज बैक के प्रकरण में जांच इसलिए गठित की गयी थी कि जो यहां के रहने वाले नही हैं, उन्होंने काफी फायदा उठा लिया था। इसलिए यहां के किसान परेशान न हों। किसान भाइयों को विकास में पूरी तरह सहयोगात्मक रवैया रखना चाहिए। मैं मुख्यमंत्री के तौर पर आपको आश्वस्त करता हूं कि किसानों का कोई अहित नहीं होगा।"

आपको बता दें कि इस मामले को लेकर ग्रेटर नोएडा के 40 गांवों से आए सैकड़ों किसान विकास प्राधिकरण के कार्यालय पर धरना दे रहे हैं। सोमवार की सुबह से यह धरना चल रहा है। किसानों ने ऐलान किया है कि जब तक एसआईटी की रिपोर्ट खारिज नहीं कर दी जाएगी, उनका धरना जारी रहेगा। किसानों को मनाने के लिए प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार सिंह और जिलाधिकारी सुहास एलवाई दो दौर की वार्ता कर चुके हैं। अब बुधवार की दोपहर उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (औद्योगिक विकास) और प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन के साथ किसानों का प्रतिनिधिमंडल तीसरे दौर की वार्ता करेगा। किसानों का कहना है कि चेयरमैन ने उनकी बात मानी तो धरना समाप्त कर दिया जाएगा।

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