ऑक्सीजन में फर्जीवाड़े की आईआईटी से जांच कराएगी योगी सरकार, इन संस्थानों को मिली जिम्मेदारी

BIG NEWS: ऑक्सीजन में फर्जीवाड़े की आईआईटी से जांच कराएगी योगी सरकार, इन संस्थानों को मिली जिम्मेदारी

ऑक्सीजन में फर्जीवाड़े की आईआईटी से जांच कराएगी योगी सरकार, इन संस्थानों को मिली जिम्मेदारी

Tricity Today | जायजा लेते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश ने ऑक्सीजन में हुए फर्जीवाड़े का ऑडिट कराने की तैयारी में है। इसका जिम्मा आईआईटी कानपुर, आईआईटी वाराणसी और आईआईएम लखनऊ को सौंपा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की रोकथाम के लिए गठित टीम-11 के सदस्यों के साथ बैठक के दौरान यह महत्वपूर्ण आदेश दिया। उन्होंने कहा कि अब तक के ऑक्सीजन के उपयोग की सारी रिपोर्ट इकट्ठी की जाए और उसका ऑडिट कराया जाए।

साथ ही उन्होंने सभी अस्पतालों तक ऑक्सीजन की सुलभ पहुंच के लिए कारगर रणनीति बनाने का आदेश दिया। दरअसल कोरोना महामारी की दूसरी लहर में पूरे देश में ऑक्सीजन की भारी कमी है। खासतौर पर यूपी की राजधानी लखनऊ और प्रमुख आर्थिक शहर गौतमबुद्ध नगर समेत सभी बड़े जिलों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। वहां के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते कई बार आपूर्ति बंद हो चुकी है। इसकी वजह से मरीजों की जान जोखिम में रही है। 

ऑडिट कराएगी सरकार
हालांकि राज्य सरकार का कहना था कि जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन उपलब्ध है। इसके बावजूद हर हॉस्पिटल में इसकी कमी रिपोर्ट की गई। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी जांच कराने का फैसला किया है। उन्होंने ऑक्सीजन में फर्जीवाड़े के ऑडिट का जिम्मा आईआईटी वाराणसी, आईआईटी कानपुर और आईआईएम लखनऊ को सौंपा है। सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि जरूरी रिकॉर्ड उपलब्ध कराएं और यथाशीघ्र ऑडिट रिपोर्ट सरकार को पेश की जाए। 

अस्पताल इलाज से इनकार नहीं कर सकते
अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने में आनाकानी की शिकायतें मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ सख्त हो गए हैं। उन्होंने रविवार को आदेश देते हुए कहा है कि कोई भी निजी और सरकारी अस्पताल कोविड मरीजों के उपचार से इनकार नहीं कर सकता। नियमानुसार राज्य सरकार उपचार का खर्च वहन करेगी। लेकिन मरीज को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। दरअसल राजधानी लखनऊ समेत कई बड़े जिलों में यह सामने आया था कि कुछ अस्पताल गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को जान बूझकर भर्ती नहीं कर रहे हैं। उन्हें इलाज से महरूम रखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस तरह की तमाम शिकायतें मुख्यमंत्री के संज्ञान में आईं। इसके बाद योगी ने यह फैसला लिया।

18 साल से ज्यादा उम्र के निवासियों को मिलेगी वैक्सीन
उन्होंने कहा है कि अगर कोई अस्पताल इसके विरुद्ध कार्य करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। बैठक में आगामी 1 मई से 18 वर्ष से ऊपर के सभी नागरिकों को वैक्सीन की खुराक देने पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि दोनों स्वदेशी वैक्सीन निर्माता कंपनियों को 50-50 लाख डोज का ऑर्डर दे दिया गया है। इसके अलावा भारत सरकार भी राज्य सरकार को वैक्सीन की खेप उपलब्ध कराएगी। 1 मई से प्रत्येक जिले में टीकाकरण अभियान सुचारू रूप से चलाया जाएगा। वैक्सीन की कमी नहीं होने दी जाएगी। हालांकि इसके लिए लाभार्थियों को कोविन पोर्टल या आरोग्य सेतु एप पर 28 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। 

पूरा रिकॉर्ड रखें विभाग
उन्होंने राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग, आपूर्ति और वितरण की लाइव ट्रैकिंग की व्यवस्था को प्रभावी बनाने पर जोर दिया है। योगी ने कहा कि ऑक्सीजन निर्माता से लेकर अस्पताल तक का पूरा ब्यौरा रखा जाए। ऑक्सीजन टैंकर का लाइव लोकेशन हमेशा अपडेट किया जाए। ऑक्सीजन की आपूर्ति का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाए।

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