Tricity Today | पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ
Baghpat/West UP : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के परिवार की 66 बीघा जमीन को बागपत जिला प्रशासन ने शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया है। गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार पाकिस्तान चले गए लोगों के नाम पर दर्ज संपत्ति को शत्रु संपत्ति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है और अब इस संपत्ति की भी नीलामी की तैयारी की जा रही है। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) जेपी सिंह ने बताया कि मुशर्रफ के परिवार की यह भूमि कोताना गांव में स्थित है और इसे जल्द ही ऑनलाइन नीलाम किया जाएगा।
जमीन की कीमत 1.40 करोड़ रुपये आंकी गई
बागपत जिले के कोताना गांव में बंटवारे के समय जनरल परवेज मुशर्रफ का परिवार रहता था। देश विभाजन के बाद उनका परिवार पाकिस्तान चला गया, लेकिन उनकी कृषि भूमि और अन्य संपत्तियां यहां रह गईं। वर्षों से इस भूमि पर स्थानीय लोग खेती कर रहे थे। हाल ही में प्रशासन ने परवेज मुशर्रफ के भाई की 13 बीघा जमीन को भी शत्रु संपत्ति घोषित कर नीलाम किया था, जिसकी कीमत 1.40 करोड़ रुपये आंकी गई थी। इस जमीन को बागपत के दो स्थानीय किसानों ने खरीदा।
66 बीघा भूमि को भी शत्रु संपत्ति के रूप में सूचीबद्ध किया
अब जिला प्रशासन ने पाकिस्तान में रह रहे मुशर्रफ के परिवार की 66 बीघा भूमि को भी शत्रु संपत्ति के रूप में सूचीबद्ध कर दिया है। डीएम जेपी सिंह के अनुसार यह संपत्ति पहले राजस्व अभिलेखों में शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज कराई गई और अब इसे ऑनलाइन नीलाम करने की योजना बनाई जा रही है। इस नीलामी से प्रशासन को करोड़ों रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है।
क्या है शत्रु संपत्ति?
शत्रु संपत्ति वह संपत्ति होती है जो भारत-पाक विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए लोगों के नाम पर भारतीय भूमि पर रह गई थी। इन संपत्तियों को भारत सरकार के नियंत्रण में रखा जाता है और इन्हें शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत नीलाम किया जा सकता है। ऐसे मामलों में स्थानीय प्रशासन को गृह मंत्रालय से अनुमति लेकर इन संपत्तियों की नीलामी की जाती है।
नीलामी की तैयारी और संभावित राजस्व लाभ
बागपत जिला प्रशासन ने इस 66 बीघा भूमि की नीलामी की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। प्रशासन को उम्मीद है कि इस नीलामी से करोड़ों रुपये का राजस्व मिलेगा, जो जिले के विकास कार्यों में उपयोगी साबित होगा। इस कार्रवाई के बाद प्रशासन अब अन्य शत्रु संपत्तियों की भी जांच कर उन्हें नीलाम करने की योजना बना रहा है।
कोताना गांव में रहता था परवेज मुशर्रफ का परिवार
जनरल परवेज मुशर्रफ का परिवार भारत में बंटवारे से पहले बागपत के कोताना गांव में बसता था। उनके परिवार की इस भूमि पर प्रशासन की कार्रवाई ने एक बार फिर उस ऐतिहासिक घटना को उजागर कर दिया है। जब कई परिवार विभाजन के बाद अपने पुश्तैनी घरों और जमीनों को छोड़कर अन्यत्र चले गए थे। अब देखना होगा कि इस नीलामी में यह संपत्ति किसके नाम जाती है और प्रशासन को इससे कितनी आय प्राप्त होती है।