Greater Noida News : जेवर एयरपोर्ट के पास 10 हेक्टेयर जमीन पर पशु बचाव एवं पुर्नवास केंद्र बनाया जाएगा। इसके निर्माण पर 5.40 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वन विभाग इस केंद्र 6 महीने तैयार करेगा। इसके बनने के बाद इलाके में काले हिरण और सारस का संरक्षण हो सकेगा।
जीव-जंतुओं का संरक्षण होगा
जेवर एयरपोर्ट का निर्माण शुरू होने से पहले वन्य जीव संस्थान देहरादून से एक अध्ययन करवाया गया था। एयरपोर्ट के 10 किलोमीटर क्षेत्र में आने वाले जीव-जंतुओं का संरक्षण कैसे किया जाएगा, इस पर भी रिपोर्ट मांगी गई थी। वन्य जीव संस्थान देहरादून ने अपनी योजना भी बताई थी और तमाम सुझाव भी दिए थे।
एयरपोर्ट का निर्माण करने वाली कंपनी ने शासन को लिखा पत्र
एयरपोर्ट का निर्माण शुरू हो गया था, लेकिन यह संरक्षण केंद्र नहीं बन पाया था। एयरपोर्ट का निर्माण कर रही कंपनी ने शासन को पत्र लिखकर बताया था कि निर्माण के दौरान वन्यजीव आ जाते हैं, जिसके चलते निर्माण में बाधा भी होती है। नागरिक उड्डयन विभाग के विशेष सचिव कुमार हर्ष ने जैव विविधता संरक्षण योजना पर अमल करने का आदेश जारी किया है।
धनौरी वेटलैंड को भी सुधारा जाएगा
एयरपोर्ट के पास पशु बचाव एवं पुर्नवास केंद्र बनाया जाना है। यह केंद्र 10 हेक्टेयर में बनेगा। इसके लिए पांच हेक्टेयर जमीन पहले से वन विभाग के पास मौजूद है। पांच हेक्टेयर जमीन यमुना प्राधिकरण देगा। यह जमीन धनौरी वेटलैंड से लगी हुई है। धनौरी वेटलैंड को भी सुधारा जाएगा। केंद्र के निर्माण में 4.5 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जबकि 90 लाख रुपये धनौरी वेटलैंड को सुधारने में खर्च किए जाएंगे। इसमें आने वाले खर्च को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड कंपनी देगी।