Tricity Today | प्राधिकरण की बोर्ड बैठक 28 जून को होगी
यमुना प्राधिकरण ने 28 जून को बोर्ड बैठक करने का फैसला लिया है
इसमें अथॉरिटी वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट पर मुहर लगाएगी
इस बार अथॉरिटी ने 4100 करोड़ रुपए से अधिक का बजट तैयार किया है
प्राधिकरण को एयरपोर्ट के लिए 500 करोड़ से अधिक राशि की दरकार है
सिर्फ भूमि अधिग्रहण में ही प्राधिकरण को करीब 600 करोड़ रुपए खर्च करने हैं
30 सितंबर तक बिना जुर्माना सबलीज कराने की अनुमति दी जा सकती है
मास्टर प्लान (Master Plan) 2041 लागू होने के बाद इसके दायरे में 107 और गांव शामिल होंगे
कोरोना महामारी की वजह से यमुना प्राधिकरण (Yamuna Expressway Authority) की बोर्ड बैठक भी कई बार टालनी पड़ी। लेकिन अब गौतमबुद्ध नगर में हालात बेहतर हैं। कोरोना संक्रमण के मामले कम हो गए हैं। इसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 24 जून और यमुना प्राधिकरण ने 28 जून को बोर्ड बैठक करने का फैसला लिया है। इसमें दोनों प्राधिकरण वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पास करेंगे। साथ ही एयरपोर्ट, मेट्रो, भूमि अधिग्रहण और ग्रामीण विकास से जुड़े प्रोजेक्ट को रफ्तार मिलेगी।
4100 करोड़ का बजट पास होगा
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में अप्रैल-मई के महीने में गौतमबुद्ध नगर तबाह रहा। सभी प्राधिकरण, जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग इस वैश्विक आपदा से लड़ने में जुटे थे। इस वजह से प्राधिकरणों की बोर्ड बैठकें भी इन दो महीनों के दौरान नहीं हो सकीं। इस वजह से कई अहम प्रोजेक्ट लटके रहे। लेकिन अब हालात बेहतर हैं। इसको देखते हुए यमुना अथॉरिटी की बोर्ड बैठक 28 जून को प्रस्तावित है। इसमें अथॉरिटी वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट पर मुहर लगाएगी। इस बार अथॉरिटी ने 4100 करोड़ रुपए से अधिक का बजट तैयार किया है।
इन प्रोजेक्ट को मिलेगी रफ्तार
साथ ही प्राधिकरण एयरपोर्ट के लिए भी फंड का आवंटन करेगा। एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए जमीन खरीदी जानी है। उसके लिए प्राधिकरण को 325 करोड़ रुपए देने हैं। बजट बैठक के बाद लंबित प्रोजेक्ट, मेट्रो, स्मार्ट विलेज और ग्रामीण विकास में रफ्तार आएगी। यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक 28 जून को होनी है। इसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट पास कराया जाएगा। जानकारी के मुताबिक 4100 करोड़ रुपए से अधिक का बजट तैयार किया गया है। यमुना अथॉरिटी ने एयरपोर्ट के लिए फंड का इंतजाम कर लिया है। प्राधिकरण को एयरपोर्ट के लिए 500 करोड़ से अधिक राशि की दरकार है। इसके अलावा भूमि अधिग्रहण और दूसरे लंबित प्रोजेक्ट को पूरा कराने के लिए भी पैसे की जरूरत है। सिर्फ भूमि अधिग्रहण में ही प्राधिकरण को करीब 600 करोड़ रुपए खर्च करने हैं।
300 करोड़ रुपये मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी पर खर्च होंगे
दूसरी तरफ कोरोना वायरस महामारी के चलते तमाम आवंटी समय से बकाए का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। अथॉरिटी उन सभी को राहत देने की योजना बना रही है। बिना पेनाल्टी या अतिरिक्त लिए सिर्फ बकाया राशि जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। कोरोना काल के दौरान जिन सबलीज की डेडलाइन बीत चुकी है, उन्हें अतिरिक्त मौका दिया जाएगा। 30 सितंबर तक बिना जुर्माना सबलीज कराने की अनुमति दी जा सकती है। इसके अलावा प्राधिकरण अपने बजट में 300 करोड़ रुपये मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के लिए भी आवंटित करेगा। प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा 1300 रुपये अन्य लंबित प्रोजेक्ट और कंस्ट्रक्शन वर्क पर खर्च किए जाएंगे। यमुना प्राधिकरण अपने दायरे में आने वाले गांव के विकास को ज्यादा प्राथमिकता देगा। गांवों को अत्याधुनिक बनाया जाएगा।
नए मास्टर प्लान से बढ़ेंगे गांव
यमुना प्राधिकरण का मास्टर प्लान (Master Plan) 2041 लागू होने के बाद इसके दायरे में 107 और गांव शामिल होंगे। इसके बाद प्राधिकरण के दायरे में कुल 171 गांव हो जाएंगे। अभी फिलहाल 96 गांव हैं। मास्टर प्लान बनाने की जिम्मेदारी मार्स एजेंसी को दी गई है। इसके बनने के बाद इसे एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के पास भेजा जाएगा। करीब 2 महीने पहले कंपनी को मास्टर प्लान बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन कोरोना की वजह से एजेंसी ने दो महीने अतिरिक्त का समय मांगा। फिलहाल यमुना प्राधिकरण में मास्टर प्लान 2021 लागू है। इसके दायरे में आने वाले ज्यादातर गांवों की जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। नए मास्टर प्लान 2041 के लागू होने के प्राधिकरण के पास जमीन बढ़ जाएगी।