जीबीयू को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ी अहम जिम्मेदारी सौंपी गई, ग्रामीणों ने किया स्वागत

बड़ी खबर: जीबीयू को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ी अहम जिम्मेदारी सौंपी गई, ग्रामीणों ने किया स्वागत

जीबीयू को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ी अहम जिम्मेदारी सौंपी गई, ग्रामीणों ने किया स्वागत

Tricity Today | जीबीयू को मिली बड़ी जिम्मेदारी

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) से जुड़ी बड़ी खबर है। जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) के दूसरे चरण में अधिग्रहित होने वाले 1365 एकड़ भूमि के सामाजिक समाघात निर्धारण (एसआइए) के अध्ययन की जिम्मेदारी ग्रेटर नोएडा स्थित गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (Gautam Buddha University) को दी गई है। यूनिवर्सिटी को 15 जून तक अपनी रिपोर्ट तैयार करने का वक्त दिया गया है। इसके बाद विश्वविद्यालय की टीम अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। रिपोर्ट में उन सभी गांवों के सभी परिवारों की पूरी सूची तैयार की जाएगी, जिनकी जमीन जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) के लिए अधिग्रहीत की गई है।

सिर्फ 1186 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण होगा
नोएडा इंटरनेशन एयरपोर्ट (Noida International Airport) के विस्तार के लिए दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर लैंड अधिग्रहित की जानी है। इस भूमि पर एमआरओ व एक रनवे का निर्माण किया जाना है। हालांकि 1365 हेक्टेयर जमीन में से सिर्फ 1186 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी। बाकी की जमीन पहले से ही सरकार के कब्जे में है। उसे नियाल (NIAL) को सौंप दिया जाएगा। इसके लिए सरकार पहले ही आदेश जारी कर चुकी है। जेवर के 6 गांवों करौली बांगर, कुरैब, बीरमपुर, दयानतपुर, रन्हेरा और मुंढेरा की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। 

6 गांवों का होगा सर्वे
लेकिन जमीन अधिग्रहण से पहले 6 गांव का सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट सर्वे (Social Impact Assessment Survery) कराया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी शासन ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (Gautam Buddha University) को सौंपी है। विश्वविद्यालय को 15 जून तक इसकी रिपोर्ट तैयार कर शासन को जमा करना है। बताते चलें कि जेवर एयरपोर्ट में पांच रनवे बनने हैं। पहले चरण में 1334 हेक्टेयर में निर्माण कार्य कराया जाएगा। इसका विकास ज़्यूरिख़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी कंपनी करेगी। प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण की जमीन जमीन अधिग्रहित कर ली गई है। साथ ही मास्टर प्लान को पास करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। 

एमआरओ हब विकसित होगा
जेवर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के तहत यहां देश का सबसे बड़ा एमआरओ सेंटर बनेगा। यानी यहां पर विमानों की मेंटेनेंस, रिपेरिंग एंड ओवरहालिंग का काम होगा। देश का एकमात्र एमआरओ सेंटर नागपुर में बना हुआ है। मुंबई एयरपोर्ट तक आने वाले विमान तो वहां जाकर दुरुस्त हो जाते हैं। लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट आने वाले विमान को नागपुर सेंटर ले जाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए यहां पर यह सुविधा विकसित की जाएगी।

इन गांवों की इतनी जमीन अधिग्रहित की गई है - 
 
गांव का नाम                जमीन
करौली बांगर                160 हेक्टेयर
कुरैब                           326 हेक्टेयर
दयानतपुर                    145 हेक्टेयर
रन्हेरा                          458 हेक्टेयर
मुढरह                         47 हेक्टेयर
बीरमपुर                       49 हेक्टेयर

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