- नोएडा एयरपोर्ट से जुड़ेंगे इंटीग्रेटेड टाउनशिप, ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक हब
- डीएमआईसी-आईआईटीजीएनएल ने स्मार्ट टाउनशिप को जोड़ने का प्लान किया तैयार
- लॉजिस्टिक हब के लिए जीटी रोड पर बनेगा अंडरपास
Greater Noida News : देश की सबसे स्मार्ट टाउनशिप में से एक इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप (Integrated Industrial Township) को नोएडा एयरपोर्ट (Noida International Airport) से जोड़ा जाएगा। साथ ही मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (Multimodal Transport Hub) और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक (Multimodal Logistics) हब भी एयरपोर्ट से जुड़ेंगे। इन तीनों परियोजनाओं के लिए डीएमआईसी-आईआईटीजीएनएल (DMIC-IITGNL)ने प्लान तैयार कर लिया है। इस पर शीघ्र अमल करने की तैयारी है। ये तीनों प्रोजेक्ट देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के तमाम देशों से एयरपोर्ट के जरिए जुड़ जाएंगे। उन देशों से आवाजाही आसान हो जाएगी।
ग्रेटर नोएडा में दिल्ली मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत तीन बड़े प्रोजेक्ट विकसित किए जा रहे हैं। पहला इंटीग्रेटेड टाउनशिप, दूसरा मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब और तीसरा मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा की इन तीनों परियोजनाओं को गति शक्ति योजना से जोड़कर नई गति दे दी है। इन तीनों परियोजनाओं को नोएडा एयरपोर्ट से जोड़ने का खाका तैयार किया गया है। ये तीनों प्रोजेक्ट आपस में इंटर कनेक्टेड होंगे। इनको एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए दो रास्ते सुझाए गए हैं।
पहला रास्ता लॉजिस्टिक हब से जीटी रोड को जोड़ा जाएगा। इसके लिए लॉजिस्टिक हब के पास जीटी रोड पर करीब 2.5 किलोमीटर रास्ते को चौड़ा किया जाएगा। मौजूदा दो लेन से छह लेन तक बनाने का प्रस्ताव है। शिव नाडर यूनिवर्सिटी के पास जीटी रोड को जोड़ते हुए अंडरपास भी बनेगा, जिससे लॉजिस्टिक हब से वाहन बील अकबरपुर इंटरचेंज से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे होते हुए यमुना एक्सप्रेसवे तक पहुंच सकेंगे। ईस्टर्न पेरिफेरल और यमुना एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ने के लिए दनकौर के पास इंटरचेंज बनना है। वहां से वाहन नोएडा एयरपोर्ट जा सकेंगे। दूसरा रास्ता ट्रांसपोर्ट हब से 130 मीटर रोड के जरिए सिरसा इंटरचेंज से ईस्टर्न पेरिफेरल व यमुना एक्सप्रेसवे होते हुए वाहन नोएडा एयरपोर्ट तक पहुंच सकेंगे। जहां भी जरूरत होगी, वहां इस रास्ते को और दुरुस्त कर दिया जाएगा।
दो लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब के विकसित होने से रोजगार के अवसर भी खूब पनपेंगे। इन तीनों परियोजनाओं से करीब दो लाख युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है, जबकि अप्रत्यक्ष रोजगार को जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा और भी अधिक हो जाएगा।
इंटीग्रेटेड टाउनशिप पर एक नजर
इंटीग्रेटेड टाउनशिप को डीएमआईसी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के संयुक्त उपक्रम डी एम आई सी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड द्वारा करीब 750 एकड़ में विकसित किया गया है। इस टाउनशिप में अब तक पांच बड़ी कंपनियां अपना प्लांट भी लगा रही हैं। इनमें हायर इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉर्मी मोबाइल, सत्कृति इंफोटेनमेंट, चेनफेंग (एलईडी कंपनी) और जे वर्ल्ड इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं।
मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब पर एक नजर
बोड़ाकी के पास प्रस्तावित मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब के लिए आठ गांवों, दादरी, जुनपत, चिटेहरा, कठहेड़ा, पल्ला, पाली, बोड़ाकी व थापखेड़ा की जमीन ली जा रही है। 478 हेक्टेयर जमीन पर ये दोनों प्रोजेक्ट विकसित किए जाएंगे। मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब अंतर्गत रेलवे टर्मिनल, लोकल एवं अंतरराज्जीय बस अड्डा व मेट्रो कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी। इस पर रेलवे ने मंजूरी भी दे दी है। यहां से पूरब की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें चलेंगी। इससे दिल्ली, नई दिल्ली और आनंद विहार टर्मिनल पर ट्रेनों का दबाव कम होगा एवं गौतमबुद्ध नगर, बुलंद शहर, अलीगढ़, ग़ाज़ियाबाद जनपदों के निवासियों की दिल्ली स्थित रेलवे स्टेशन पर निर्भरता खत्म होगी । मौजूदा नोएडा-ग्रेनो मेट्रो रूट का विस्तार मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक होना है। ट्रांसपोर्ट हब से लोकल बसें भी चलाई जाएंगी।
मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब पर एक नजर
लॉजिस्टिक हब से उद्योगों के लिए माल ढुलाई की राह आसान हो जाएगी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है। मुंबई, कोलकाता, गुजरात आदि जगहों पर अभी माल भेजने में जहां चार से पांच दिन लगता है, इसके शुरू होने के बाद माल 24 घंटे में पहुंच सकेगा। लॉजिस्टिक हब में वेयर हाउस, कोल्ड स्टोर, इत्यादि भी बनेंगे। इन दोनों प्रोजेक्टों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
सीईओ नरेंद्र भूषण का बयान
इंटीग्रेटेड टाउनशिप में पांच बड़ी कंपनियां आ चुकी हैं। कई और कंपनियां यहां आने को तैयार हैं। मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब की डीपीआर शासन को भेज दी गई है। जैसे ही अप्रूवल आ जाता है,उसका भी टेंडर निकालकर काम शुरू कराया जाएगा। अगले तीन साल में ट्रांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब विकसित कर देने का लक्ष्य है। इससे आसपास के एरिया की सूरत बदल जाएगी।