फॉर्मूला वन में फिर फर्राटा भरेंगे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी! यमुना अथॉरिटी की बोर्ड बैठक में होगा फैसला, पढ़ें रिपोर्ट

GREATER NOIDA: फॉर्मूला वन में फिर फर्राटा भरेंगे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी! यमुना अथॉरिटी की बोर्ड बैठक में होगा फैसला, पढ़ें रिपोर्ट

फॉर्मूला वन में फिर फर्राटा भरेंगे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी! यमुना अथॉरिटी की बोर्ड बैठक में होगा फैसला, पढ़ें रिपोर्ट

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा में फार्मूला वन रेसिंग ट्रैक

ग्रेटर नोएडा में फॉर्मूला वन रेसिंग ट्रैक और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट फिर से शुरू होंगे। यमुना प्राधिकरण एक बार फिर जेपी समूह के स्पोर्ट्स सिटी परियोजना का आवंटन बहाल करने की योजना बना रहा है। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से रुके हुए 10 हाउसिंग प्रोजेक्ट भी पूरे हो सकेंगे। दरअसल करीब 950 करोड़ रुपए की बकायेदारी जेपी समूह पर है। जिसके चलते यमुना प्राधिकरण ने स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट का आवंटन रद्द कर दिया था।

कई बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट का काम रूका
बिगत सालों में यमुना प्राधिकरण शहर के विकास के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में अथॉरिटी ने साल 2009 में जेपी समूह की कंपनी जेपी स्पोर्ट्स सिटी को 1000 हेक्टेयर भूमि का आवंटित की थी। इसी प्रोजेक्ट के तहत ग्रेटर नोएडा में देश का पहला फॉर्मूला वन रेसिंग ट्रैक विकसित किया गया। इस ट्रैक पर शुरुआती सालों में कई बड़ी अंतरराष्ट्रीय रेस हो चुकी हैं। जेपी ग्रुप को इसके तहत कई हाउसिंग प्रोजेक्ट भी पूरे करने थे। इसमें काउंटी होम-वन और टू, क्रोम, ग्रीन क्रेस्ट होम, स्पोर्ट्स विला, कासिया, बुद्धा सर्किट स्टूडियो जैसे हाउसिंग प्रोजेक्ट शामिल हैं। मगर इनका काम बीच में ही रूक गया। इसके चलते तमाम खरीदारों को उनकी रकम वापस हो चुकी है। कई प्रोजेक्ट में थोड़ा-बहुत काम हुआ है। 

950 करोड़ रुपये बकाया है
दरअसल जेपी स्पोर्ट्स कंपनी पर यमुना प्राधिकरण का करोड़ों रुपये बकाया है। यह पैसा कंपनी अथॉरिटी को जमा नहीं करा पाई। पिछले साल तक कुल बकाया 950 करोड़ के आसपास था। समय से बकाया जमा नहीं होने पर प्राधिकरण ने 12 फरवरी 2020 को कंपनी का आवंटन निरस्त कर दिया था। मजबूरन जेपी ग्रुप को हाईकोर्ट जाना पड़ा। अदालत ने कंपनी को आदेश देते हुए कहा कि वह पहले अथॉरिटी में 100 करोड़ रुपये जमा कराए। उसके बाद मामले की सुनवाई शुरू होगी। 

दो बार में 100 करोड़ जमा कराए
इसके बाद जेपी स्पोर्ट्स ने बीते साल 9 मार्च 2020 को यमुना प्राधिकरण को 55 करोड़ रुपये जमा कराए। जबकि 52 करोड़ की राशि इस साल मार्च में जमा कराई गई। इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा कि यमुना प्राधिकरण इस महत्वपूर्ण मामले में कोई फैसला ले। जेपी ने भी यमुना प्राधिकरण में आवेदन दिया है। इसमें आवंटन बहाल करने के साथ बकाए के भुगतान से जुड़ी बड़ी मांग की गई है। कंपनी बकाया राशि किस्तों में जमा करने की मांग कर चुकी है। इस पर अथॉरिटी को फैसला लेना है।

बोर्ड बैठक में होगा फैसला 
दरअसल इस तरह के फैसले यमुना प्राधिकरण के अफसर नहीं लेते हैं। इस मामले को प्राधिकरण के बोर्ड में भेजा जाएगा। वहीं इस पर कोई निर्णय होगा। अफसरों का कहना है कि अगली बोर्ड बैठक में यह महत्वपूर्ण मामला पेश किया जाएगा। यमुना अथॉरिटी की बोर्ड बैठक जून के आखिर या जुलाई के पहले सप्ताह में होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि प्राधिकरण जेपी स्पोर्ट्स के निरस्त आवंटन को फिर से बहाल कर सकता है। बकाए के भुगतान के लिए भी बेहतर उपाय पर सहमति बनाई जाएगी। अगर आवंटन बहाल होता है, तो जेपी स्पोर्ट्स के सभी लंबित प्रोजेक्ट के पूरा होने की उम्मीद बढ़ जाएगी। साथ ही फॉर्मूला वन रेसिंग ट्रैक और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में फिर से रौनक लौटेगी।

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