डीजीसीए ने नियाल को मास्टर प्लान वापस भेजा, कई बड़े सुझाव दिए हैं

जेवर एयरपोर्ट : डीजीसीए ने नियाल को मास्टर प्लान वापस भेजा, कई बड़े सुझाव दिए हैं

डीजीसीए ने नियाल को मास्टर प्लान वापस भेजा, कई बड़े सुझाव दिए हैं

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) का मास्टर प्लान नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) ने भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेजा था। मास्टर प्लान पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से सुझाव मांगे गए थे। डीजीसीए ने यह मास्टर प्लान नियाल को वापस भेज दिया है। कुछ सुझाव भी दिए गए हैं।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक डीजीसीए की ओर से कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं। हालांकि, सुझाव क्या हैं, इस बारे में अधिकारियों ने जानकारी नहीं दी है। जिम्मेदार अफसरों का कहना है कि डीजीसीए से वापस मिला मास्टर प्लान आप एक बार फिर ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भेजा जाएगा। दरअसल, ज्यूरिख एयरपोर्ट ही जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण कर रहा है। डीजीसीए के सुझाव के मुताबिक मास्टर प्लान में जरूरी संशोधन किए जाएंगे। इसके बाद मास्टर प्लान दोबारा वापस डीजीसीए को भेजा जाएगा। कुल मिलाकर इस प्रक्रिया में करीब एक महीने का वक्त लग सकता है। इसके बाद ही जेवर हवाई अड्डे का शिलान्यास होगा।

यमुना प्राधिकरण में20 दिनों पहले यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के बीच बैठक हुई थी। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ क्रिस्टोफ सेलमेन ने बताया कि परियोजना की साइट में आने वाले स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र व बिजली की लाइन को हटा लिया जाए ताकि वहां पर कोई व्यवधान ना रहे। नियाल की सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यह पहले तय हो चुका है कि इन कामों को 28 फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। मुख्य सचिव ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। संबंधित विभाग इस पर काम कर रहे हैं।

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरुण वीर सिंह ने कहा कि अप्रैल से दिसंबर तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस क्षेत्र में 911 कंपनियों को प्लॉट आवंटित किए हैं। इनसे 1.91 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन होने की उम्मीद है। अरुण वीर सिंह नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (नायल) के सीईओ भी हैं। उन्होंने कहा कि इस विशाल नयी परियोजना से उत्तर प्रदेश के जेवर क्षेत्र में जबर्दस्त बुनियादी ढांचा विकास हो रहा है। इसमें सड़क और रेल संपर्क भी शामिल हैं। यह राष्ट्रीय राजधानी से करीब 70 किलोमीटर पर स्थित है।

जेवर को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। साथ ही ग्रेटर नोएडा मेट्रो से भी यह क्षेत्र जुड़ा होगाा। सिंह ने कहा कि महत्वाकांक्षी दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन का एक स्टेशन नोएडा हवाईअड्डे पर भी होगा। उन्होंने कहा, ''यह सबकुछ पहली उड़ान से पूर्व तैयार हो जाएगा। पहली उड़ान दिसंबर, 2023 या जनवरी, 2024 में होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ''हवाईअड्डे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में दिल्ली से वाराणसी के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन के एक स्टेशन का उल्लेख है। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा को जेवर से जोड़ने वाली मेट्रो लाइन को भी मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दिल्ली हवाईअड्डे से जेवर हवाईअड्डे के लिए कोई अलग सीधी मेट्रो लाइन नहीं होगी।

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