जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) से जुड़ी बड़ी खबर आई है। लखनऊ में सोमवार को हुई उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक (UP Cabinet Meeting) में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। इनमें जेवर एयरपोर्ट से जुड़े दो बिंदुओं पर यूपी कैबिनेट ने मुहर लगाई है। जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) का दूसरे चरण में विस्तार करने के लिए और भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। जिसे मंत्री परिषद ने मंजूरी दे दी है। साथ ही एयरपोर्ट से जुड़े मुद्दों पर फैसले लेने के लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को अधिकृत कर दिया है। मतलब, अब एयरपोर्ट से जुड़े मसलों पर फैसला करने के लिए प्रस्ताव बार-बार मंत्री परिषद के सामने रखने की आवश्यकता नहीं रह गई है। इससे परियोजना में गति आएगी।
राज्य सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक, मंत्रिपरिषद ने Project Monitoring and Implementation Committee (PMIC) की बैठक दिनांक 3 दिसम्बर 2020 में की गयी संस्तुतियों को अनुमोदित कर दिया है। उस बैठक में नोएडा इण्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जेवर पर अतिरिक्त रनवे का निर्माण कराने के लिए कन्सल्टेण्ट की फीजिबिलिटी प्रोजेक्ट रिपोर्ट पेश की गई थी। इस फिजिबिलिटी रिपोर्ट को मंत्रिपरिषद ने अनुमोदन प्रदान कर दिया है। साथ ही मंत्रिपरिषद ने फेज-1 के स्टेज-2 के लिए 1,365 हेक्टेयर भूमि का क्रय अधिग्रहण, भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यस्थापन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री परिषद ने दूसरे फेज में भूमि अधिग्रहण उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 (The Right to Fair Compensation and Transparency in Land Acquisition, Rehabilitation and Resettlement Act, 2013) के तहत करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने परियोजना के सम्बन्ध में समय-समय पर यथा आवश्यकतानुसार निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अधिकृत किया गया है। मतलब, अब जेवर एयरपोर्ट से जुड़े फैसले लेने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को बार-बार प्रस्ताव मंत्री परिषद के सामने नहीं रखने पड़ेंगे।
ज्ञातव्य है कि नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट में चरणबद्ध ढंग से 5 रनवे विकसित किए जाएंगे। यह अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रतिवर्ष 8 मिलियन टन कार्गो और 23 मिलियन यात्रियों को सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होगा। पूर्ण रूप से विकसित होने के पश्चात यह एयरपोर्ट दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा।