जेवर एयरपोर्ट के पास इन 7 गांवों की हुई बल्ले-बल्ले, मिले 38 करोड़ रुपए, जानिए क्या होगा

अच्छी खबर : जेवर एयरपोर्ट के पास इन 7 गांवों की हुई बल्ले-बल्ले, मिले 38 करोड़ रुपए, जानिए क्या होगा

जेवर एयरपोर्ट के पास इन 7 गांवों की हुई बल्ले-बल्ले, मिले 38 करोड़ रुपए, जानिए क्या होगा

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

Yamuna City News : यमुना प्राधिकरण के अधीन आने वाले गांवों को भी स्मार्ट बनाना शुरू कर दिया गया है। 7 गांव में काम शुरू कर दिया गया है। सबसे पहले सिविल कार्य कराए जा रहे हैं। इन कामों पर 38 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्राधिकरण ने तीन गांव के टेंडर निकाल दिए हैं। इनमें भी जल्द काम शुरू हो जाएगा।

29 गांव होंगे स्मार्ट
यमुना प्राधिकरण के अधीन 96 गांव हैं। इन गांवों के विकास की जिम्मेदारी यमुना प्राधिकरण पर ही है। पहले चरण में यमुना प्राधिकरण 29 गांव को स्मार्ट बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इन सभी गांव की विशेषज्ञ एजेंसी से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवा ली गई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर यह काम किया जा रहा है। 

इन 7 गांवों में काम शुरू
प्राधिकरण ने 7 गांव में काम शुरू करा दिया है। जिन गांव में काम शुरू कराया गया है, उसमें निलौनी शाहपुर, मिर्जापुर, डूंगरपुर रीलखा, रामपुर बांगर, अच्छेजा बुजुर्ग, सलारपुर व रुस्तमपुर शामिल है। इन गांव में सिविल कार्य कराए जा रहे हैं। इन कामों पर 38 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यमुना प्राधिकरण ने 3 गांव के टेंडर निकाल दिए हैं। इसमें मूंजखेड़ा, खेरली भाव व रौनिजा शामिल है। इन पर करीब 43 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी करते हुए काम आवंटित कर दिया जाएगा।

यह काम होंगे
इन गांवों में इंटरलॉकिंग टाइल्स, तालाबों की सफाई, सीसी रोड, बारात घर का सौंदर्यीकरण, नाली का निर्माण, प्राथमिक विद्यालय की चारदीवारी, खड़ंजा, नए हैंडपंप की स्थापना और पुराने हैंडपंप की रिपेयरिंग आदि काम होंगे। स्मार्ट गांव के अलावा यमुना प्राधिकरण अन्य गांवों में भी विकास कार्य करा रहा है। 2020-21 में प्राधिकरण ने गांव के विकास पर 15 करोड़ के विकास कार्य कराए थे। जबकि 2021-22 में अब तक 9 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि 67 गांवों में विकास कार्य कराए जा रहे हैं। इन पर करीब 36 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्राधिकरण ने 29 गांव में श्मशान घाट बनाए हैं। इनके निर्माण पर 5 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं।

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