इन प्लॉट के आवंटन में एक मुस्त पैसा जमा करने वालों को मिलेगी प्राथमिकता
बड़े औद्योगिक भूखंडों के आवंटन के नियमों में किया बदलाव
बोर्ड ने नए नियमों पर जताई सहमति
Greater Noida News: यमुना प्राधिकरण (Yamuna Expressway Authority) ने बड़े औद्योगिक भूखंडों के आवंटन के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। नए नियमों के मुताबिक अब एक मुश्त पैसा जमा करने वाले आवेदकों को प्राथमिकता के आधार पर भूखंड मिलेगा। नए नियम 4000 वर्ग मीटर से बड़े औद्योगिक भूखंडों पर लागू होंगे।
नोएडा इंटरनेशनल जेवर एयरपोर्ट आने के बाद यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निवेशकों का रुझान बढ़ा है। यहां पर उद्योग लगाने के लिए उद्यमी भूखंडों का आवंटन कर आ रहे हैं। यमुना प्राधिकरण ने कलस्टर के रूप में उद्योगों को विकसित करने की योजना बनाई है और उस पर अमल शुरू हो गया है। यमुना प्राधिकरण ने बड़े औद्योगिक भूखंडों के आवंटन के नियमों में बदलाव किया है। इसके लिए नियम बन गए हैं और यमुना प्राधिकरण के बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। आने वाली योजनाओं में नए नियमों के तहत भूखंड का आवंटन किया जाएगा।
बदलेगा आवंटन का तरीका
नए नियमों के मुताबिक, यमुना प्राधिकरण एकमुश्त भुगतान करने वाले आवेदकों को प्राथमिकता के आधार पर भूखंड आवंटित करेगा। यानी जो आवेदक एक बार में जमीन का सारा पैसा जमा करेगा उसे सबसे पहले मिलेगा भूखंड मिलेगा। इसके अलावा प्रति एकड़ 7 करोड़ निवेश करने वाले आवेदकों को भी प्राथमिकता मिलेगी। प्राधिकरण ने तय किया है कि जमीन का मूल्य और उद्योग की स्थापना में लगने वाली पूंजी के अनुसार आवेदक की कंपनी का आय व्यय होना चाहिए। लोखंड का आवंटन करते समय इस बिंदु को भी देखा जाएगा।
बोर्ड बैठक में लग चुकी है मुहर
यमुना प्राधिकरण की बुधवार को हुई बोर्ड बैठक में नए नियमों को मंजूरी मिल चुकी है। अब जो योजना आएगी, उसमें इन नियमों के तहत भूखंड आवंटित किए जाएंगे। यमुना प्राधिकरण ने ये नियम पहले बना लिए थे, लेकिन बोर्ड की मुहर का इंतजार था।
यहां पहले से लागू है नियम
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में यह नियम पहले से ही लागू है। यहां पर एकमुश्त पैसा देने वाले आवेदकों को प्राथमिकता के आधार पर भूखंड आवंटित किया जाता है। नए नियमों से प्राधिकरण को राजस्व एक साथ मिल जाता है। इससे उसे विकास कार्य करने में भी आसानी होगी।
बड़े औद्योगिक भूखंडों के आवंटन के मानकों में बदलाव किया गया है। यमुना प्राधिकरण के बोर्ड ने इनको मंजूरी दे दी है। -डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण