Yamuna City News : यमुना प्राधिकरण की मंगलवार को बोर्ड बैठक हुई। जिसमें बोर्ड ने मास्टर प्लान-2041 को मंजूरी दे दी है। नए मास्टर प्लान में गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिले के 171 गांव शामिल किए गए हैं। प्राधिकरण की सारी योजनाएं इन गांवों की जमीन पर मूर्त रूप लेंगी। इनमें लॉजिस्टिक हब, ओलंपिक विलेज, ओलंपिक पार्क, सिविल एविएशन हब आदि शामिल हैं। नये मास्टर प्लान में औद्योगिक और हरित क्षेत्र को बढ़ाया गया है। अब यह मास्टर प्लान सरकार की मंजूरी के लिए लखनऊ भेजा जाएगा।
देश का पहला ऐयरोट्रोपोलिस बसाया जाएगा
मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2041 तक यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 41.7 लाख लोग रहने लगेंगे। इस जनसंख्या को संभालने के लिए 8 लाख घरों की आवश्यकता होगी। इस शहर में 12,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर वाणिज्यिक गतिविधियां होंगी और 4,000 हेक्टेयर पर औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाएगा। इस मास्टर प्लान में कई और खूबियां हैं। मसलन, देश का पहला एयरोट्रोपोलिस इसी मास्टर प्लान के तहत मूर्त रूप लेगा। इसमें सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट होगा। दिल्ली-एनसीआर और पूरे उत्तर भारत की खेल गतिविधियों को एक जगह पर लाने के लिए ओलंपिक सिटी बसाया जाएगा।
कितनी जमीन का उपयोग किस लिए होगा
डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि मास्टर प्लान-2041 में पहली बार मिक्स यूज़ डेवलपमेंट को औद्योगिक दायरे में लाया गया है। यमुना प्राधिकरण के फेज-1 का दायरा 604 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें से 32.1 वर्ग किलोमीटर शहरी क्षेत्र है। नए मास्टर प्लान में 23% हिस्से में औद्योगिक विकास, 5% में वाणिज्यिक गतिविधियां और 13% में यातायात और जन सुविधाएं रहेंगी। इसके अलावा 2% जमीन पर मिक्स यूज़ डेवलपमेंट, 4% जमीन पर स्पेशल डेवलपमेंट जोन और 28% जमीन का उपयोग आवासीय गतिविधियों के लिए किया जाएगा।
अब राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा मास्टर प्लान
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि बोर्ड ने मास्टर प्लान-2041 को मंजूरी दे दी। मास्टर प्लान में बुलंदशहर जिले के 42 और गौतमबुद्ध नगर जिले के 129 गांव शामिल हैं। नये मास्टर प्लान में सबसे अधिक औद्योगिक गतिविधियां संचालित होंगी। आवासीय, संस्थागत और कमर्शियल गतिविधियों के लिए भूमि आवंटन किया जाएगा। 2041 तक यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 39 लाख लोग रहने लगेंगे। इसको देखते हुए विकास योजनाएं तैयार की जा रही हैं। सीईओ ने बताया कि मास्टर प्लान को प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा। प्रदेश सरकार की मंजूरी के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।