जेवर एयरपोर्ट को लेकर योगी आदित्यनाथ का बड़ा आदेश, प्रोजेक्ट की कोई फाइल या कागज ना अटके

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जेवर एयरपोर्ट को लेकर योगी आदित्यनाथ का बड़ा आदेश, प्रोजेक्ट की कोई फाइल या कागज ना अटके

Tricity Today | Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर शनिवार को बड़ा आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने राज्य के मुख्य सचिव, नागरिक उड्डयन विभाग के अपर मुख्य सचिव, नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक समेत तमाम अफसरों के साथ परियोजना को लेकर बैठक की। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जुड़ी प्रक्रिया में किसी भी तरह की बाधा नहीं आनी चाहिए। जरूरी अनापत्ति प्रमाण पत्र और आदेश प्राथमिकता के आधार पर जारी किए जाएं। मतलब, हवाई अड्डे से जुड़ी कोई फाइल या कागज अटकना नहीं चाहिए। सभी विभागों को परस्पर समन्वय के साथ तेजी से काम करने का आदेश दिया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार के बड़े अधिकारी शामिल हुए हैं। एयरपोर्ट को लेकर योगी आदित्यनाथ ने बड़े निर्देश दिए है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के काम को तेजी से संचालित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ कार्य करें। एयरपोर्ट के निर्माण के लिए जिन विभागों द्वारा एनओसी आदि दी जानी है, वह इस सम्बन्ध में अविलम्ब कार्यवाही सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश अपने सरकारी आवास पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के निर्माण के लिए बैठक में दिये है। उन्होंने कहा कि विद्युत, सिंचाई, लोक निर्माण, बेसिक शिक्षा, महिला, बाल विकास एवं पुष्टाहार तथा वन विभाग आदि नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के क्षेत्र में पड़ने वाली अपनी परिसम्पत्तियों को प्राथमिकता पर अन्यत्र स्थापित करने की कार्यवाही करें। इससे जहां एक ओर परियोजना को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर जनता को भी सम्बन्धित विभाग की सेवाएं सुचारू ढंग से मिलती रहेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के आर्थिक विकास और समृद्धि के लिए विश्वस्तरीय अवस्थापना सुविधाओं के निर्माण की गति बढ़ाना आवश्यक है। इसके लिए समन्वित प्रयास किये जाने चाहिए। वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ाने में बेहतर कनेक्टिविटी की महत्वपूर्ण भूमिका है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना उत्तर प्रदेश को देश में अग्रणी बनाने में सहायक होगी।

राज्य सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक, मंत्रिपरिषद ने Project Monitoring and Implementation Committee (PMIC) की बैठक दिनांक 3 दिसम्बर 2020 में की गयी संस्तुतियों को अनुमोदित कर दिया है। उस बैठक में नोएडा इण्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जेवर पर अतिरिक्त रनवे का निर्माण कराने के लिए कन्सल्टेण्ट की फीजिबिलिटी प्रोजेक्ट रिपोर्ट पेश की गई थी। इस फिजिबिलिटी रिपोर्ट को मंत्रिपरिषद ने अनुमोदन प्रदान कर दिया है। साथ ही मंत्रिपरिषद ने  फेज-1 के स्टेज-2  के लिए 1,365 हेक्टेयर भूमि का क्रय अधिग्रहण, भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यस्थापन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री परिषद ने दूसरे फेज में भूमि अधिग्रहण उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013  (The Right to Fair Compensation and Transparency in Land Acquisition, Rehabilitation and Resettlement Act, 2013)  के तहत करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने परियोजना के सम्बन्ध में समय-समय पर यथा आवश्यकतानुसार निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अधिकृत किया गया है। मतलब, अब जेवर एयरपोर्ट से जुड़े फैसले लेने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को बार-बार प्रस्ताव मंत्री परिषद के सामने नहीं रखने पड़ेंगे।

आपको बता दें कि जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक मेट्रो ले जाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पैसा देने को तैयार हो गई हैं। दोनों सरकार करीब 1050 करोड़ रुपये देंगी। बाकी करीब 450 करोड़ रुपये यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण वहन करेगा। बड़ी बात यह है कि परियोजना की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को दी जाएगी। यमुना प्राधिकरण वर्ष 2023 में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू होने से पहले जेवर तक मेट्रो ले जाना चाहता है। करीब तीन महीने पहले प्राधिकरण ने केंद्र और राज्य सरकार से पैसा मांगने के लिए प्रस्ताव भेजे थे।

तीन साल से प्रोजेक्ट पर काम चल रहा
यमुना प्राधिकरण तीन साल से प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार में एक विश्वसनीय सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक परियोजना का करीब करीब 70 फ़ीसदी खर्च दोनों सरकार वहन करेंगी। बाकी 30 फीसदी पैसे का इंतजाम यमुना प्राधिकरण को करना होगा। आपको बता दें कि इस परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट राइट्स ने करीब दो साल पहले तैयार की थी। इसके बाद यमुना प्राधिकरण ने डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को दी थी। डीएमआरसी ने करीब 6 महीने पहले डीपीआर यमुना प्राधिकरण को सौंप दी थी।

35.6 किलोमीटर में 29 स्टेशन बनेंगे
डीएमआरसी की डीपीआर के मुताबिक ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक 35.6 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन का निर्माण किया जाना है। इस पर करीब 1500 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क से लेकर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक 29 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। प्रोजेक्ट नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की बजाय उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को सौंपा जाएगा। यूपीएमआरसी इसके निर्माण की निगरानी करेगा।

इस तरह प्रोजेक्ट की लागत आधी हुई
एक जिम्मेदार अफसर ने बताया कि खर्च घटाने के लिए मेट्रो का पूरा कॉरिडोर जमीन पर बनाया जाएगा। इससे खर्च करीब 50 प्रतिशत कम हो गया है। अगर कॉरिडोर एलिवेटिड होता तो प्रोजेक्ट की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपये आती। मेट्रो रेल का यह कॉरिडोर यमुना एक्सप्रेसवे के सामांतर बनेगा। इससे भविष्य में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में विकसित होने वाले रेजिडेंशियल और इंडस्ट्रियल सेक्टरों को बड़ा लाभ मिलेगा।

नोएडा-ग्रेनो को ज्यादा फायदा मिलेगा
इस परियोजना का यमुना प्राधिकरण के मुकाबले ग्रेटर नोएडा और नोएडा शहर को ज्यादा फायदा मिलेगा।बोटनिकल गार्डन और ओखला पक्षी विहार मेट्रो स्टेशन तक नोएडा में 50 से ज्यादा सेक्टर इस लाइन से जुड़ जाएंगे। सारे सेक्टर सीधे जेवर और दिल्ली एयरपोर्ट से मेट्रो के जरिए जुड़ जाएंगे। इसी तरह ग्रेटर नोएडा शहर के नॉलेज पार्क और करीब एक दर्जन आवासीय सेक्टर सीधे मेट्रो लाइन पर पड़ेंगे।

इस बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एवं नागरिक उड्डयन एसपी गोयल, प्रमुख सचिव वन सुधीर गर्ग, सचिव सिंचाई अनिल गर्ग, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सचिव मुख्यमंत्री एवं निदेशक नागरिक उड्डयन सुरेन्द्र सिंह, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे है।

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