योगी आदित्यनाथ ने लांच किया प्रतीक चिन्ह, उड़ान भरता सारस बना पहचान, जानिए क्यों

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट : योगी आदित्यनाथ ने लांच किया प्रतीक चिन्ह, उड़ान भरता सारस बना पहचान, जानिए क्यों

योगी आदित्यनाथ ने लांच किया प्रतीक चिन्ह, उड़ान भरता सारस बना पहचान, जानिए क्यों

Tricity Today | योगी आदित्यनाथ ने लांच किया प्रतीक चिन्ह

Jewar Airport : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गुरुवार की सुबह लखनऊ में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) का आधिकारिक प्रतीक चिन्ह जारी किया है। जिसमें उड़ते हुए सारस को एयरपोर्ट की पहचान बनाया गया है। इसकी दो वजह हैं। इस मौके पर यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Authority) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुण वीर सिंह, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ क्रिस्टोफ श्रेनेल, यूपी के अपर मुख्य सचिव (नागरिक उड्डयन) एसपी गोयल, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) और यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी कार्यक्रम में शामिल हुए।

जेवर एयरपोर्ट की विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी (Zurich International Airport) के अफसरों ने गुरुवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उनके साथ नियाल के भी अफसर मौजूद रहे। सुबह आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रतीक चिन्ह पेश किया गया। जिसमें उड़ते हुए सारस को उकेरा गया है। यही जेवर एयरपोर्ट की पहचान बनेगा। इस बारे यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया, इसके पीछे दो वजह रही हैं। पहली यह कि सारस उत्तर प्रदेश का राजकीय पक्षी है। इससे सारस का महत्व बढ़ेगा। दूसरी वजह यह है कि जेवर एयरपोर्ट के आसपास बड़ी संख्या में सारस पक्षियों का प्राकृतिक आवास है। इस परियोजना से इन्हें कोई नुकसान नहीं हो, इसके लिए व्यापक योजना तैयार की गई है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "राज्य सरकार आम आदमी को खास सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज की यात्रा करे। राज्य सरकार इसी दिशा में तेजी के साथ काम कर रही है।" मुख्यमंत्री ने यूपी में निवेश और उद्योगों के लिए बेहतर माहौल बनाने की अपनी प्राथमिकता दोराई है। उन्होंने कहा, "देश और दुनिया से बड़ी संख्या में निवेशक और कंपनियां उत्तर प्रदेश आ रही हैं। राज्य सरकार हर संभव सुविधाएं और मदद निवेशकों को उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबंध है।"

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, "जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट न केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि पूरे उत्तर भारत को लाभान्वित करेगा। जेवर एयरपोर्ट राज्य का ग्रोथ इंजन साबित होगा।" मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना हमारी प्राथमिकता में है। आपको बता दें कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से जुड़ी प्रक्रिया तेजी के साथ चल रही है। ज़्यूरिख़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने मास्टर प्लान केंद्र सरकार को सौंप दिया है। जिसका नागरिक उड्डयन मंत्रालय अध्ययन कर रहा है। जल्दी ही मास्टर प्लान को मंजूरी मिल जाएगी। उसके बाद निर्माण के लिए शिलान्यास का कार्यक्रम बनाया जाएगा। जेवर एयरपोर्ट के अगले चरण के विकास की प्रक्रिया भी उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरू कर दी है। दूसरे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है।

आपको बता दें कि 2023 में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत होगी। शुरुआत में एयरपोर्ट एक रनवे के साथ काम करेगा। उसके बाद धीरे-धीरे रनवे की संख्या बढ़ाई जाएगी और पांच रनवे तक जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विकास किया जाएगा। प्रथम चरण में तीसरे रनवे के लिए 1365 हेक्टयर भूमि का अधिग्रहण होगा। प्रथम चरण के दो रनवे के लिए 1334 हेक्टयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। दूसरे चरण में तीन रनवे के लिए कुल 3418 हेक्टयर और भूमि की जरूरत होगी। दूसरे चरण के प्रथम फेज में 1365 हेक्टेयर, दूसरे फेज में 1318 हेक्टेयर और तीसरे फेज में 735 हेक्टेयर की भूमि सम्मिलित होगी। पांच रनवे का जेवर एयरपोर्ट में कुल 4752 हेक्टयर भूमि सम्मिलित होगी।
जेवर एयरपोर्ट की विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी (Zurich International Airport) के अफसरों ने गुरुवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उनके साथ नियाल के भी अफसर मौजूद रहे। सुबह आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रतीक चिन्ह पेश किया गया। जिसमें उड़ते हुए सारस को उकेरा गया है। यही जेवर एयरपोर्ट की पहचान बनेगा। इस बारे यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया, इसके पीछे दो वजह रही हैं। पहली यह कि सारस उत्तर प्रदेश का राजकीय पक्षी है। इससे सारस का महत्व बढ़ेगा। दूसरी वजह यह है कि जेवर एयरपोर्ट के आसपास बड़ी संख्या में सारस पक्षियों का प्राकृतिक आवास है। इस परियोजना से इन्हें कोई नुकसान नहीं हो, इसके लिए व्यापक योजना तैयार की गई है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "राज्य सरकार आम आदमी को खास सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज की यात्रा करे। राज्य सरकार इसी दिशा में तेजी के साथ काम कर रही है।" मुख्यमंत्री ने यूपी में निवेश और उद्योगों के लिए बेहतर माहौल बनाने की अपनी प्राथमिकता दोराई है। उन्होंने कहा, "देश और दुनिया से बड़ी संख्या में निवेशक और कंपनियां उत्तर प्रदेश आ रही हैं। राज्य सरकार हर संभव सुविधाएं और मदद निवेशकों को उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबंध है।"

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, "जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट न केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि पूरे उत्तर भारत को लाभान्वित करेगा। जेवर एयरपोर्ट राज्य का ग्रोथ इंजन साबित होगा।" मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना हमारी प्राथमिकता में है। आपको बता दें कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से जुड़ी प्रक्रिया तेजी के साथ चल रही है। ज़्यूरिख़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने मास्टर प्लान केंद्र सरकार को सौंप दिया है। जिसका नागरिक उड्डयन मंत्रालय अध्ययन कर रहा है। जल्दी ही मास्टर प्लान को मंजूरी मिल जाएगी। उसके बाद निर्माण के लिए शिलान्यास का कार्यक्रम बनाया जाएगा। जेवर एयरपोर्ट के अगले चरण के विकास की प्रक्रिया भी उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरू कर दी है। दूसरे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है।

आपको बता दें कि 2023 में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत होगी। शुरुआत में एयरपोर्ट एक रनवे के साथ काम करेगा। उसके बाद धीरे-धीरे रनवे की संख्या बढ़ाई जाएगी और पांच रनवे तक जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विकास किया जाएगा। प्रथम चरण में तीसरे रनवे के लिए 1365 हेक्टयर भूमि का अधिग्रहण होगा। प्रथम चरण के दो रनवे के लिए 1334 हेक्टयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। दूसरे चरण में तीन रनवे के लिए कुल 3418 हेक्टयर और भूमि की जरूरत होगी। दूसरे चरण के प्रथम फेज में 1365 हेक्टेयर, दूसरे फेज में 1318 हेक्टेयर और तीसरे फेज में 735 हेक्टेयर की भूमि सम्मिलित होगी। पांच रनवे का जेवर एयरपोर्ट में कुल 4752 हेक्टयर भूमि सम्मिलित होगी।

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