Baghpat News : पतंगबाजी में इस्तेमाल होने वाला चाइनीज मांझा बच्चों के लिए मुसीबत बन रहा है। रोक के बावजूद चाइनीज मांझे की बिक्री जारी है। इस खूनी चाइनीज मांझे की चपेट में आकर पिछले 18 घन्टे के भीतर ही 3 लोगों की गर्दन कट गई। तीनों लोगों को गम्भीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस सबके बावजूद अधिकारी मौन बने हुए है। जिस कारण बाजार में खुलेआम चाइनीज मांझा की बिक्री हो रही है।
पहला हादसा
दरअसल, पहला वाक्या दोघट थाना क्षेत्र के दाहा-बरनावा मार्ग पर हुआ। दाहा गांव निवासी किसान सतेंद्र पुत्र भोपाल सिंह अपने खेत से बाइक पर सवार होकर घर लौट रहा था। अचानक उसकी गर्दन में चाइनीज मांझा उलझ गया। बाइक चलती होने की वजह से उसकी गर्दन की नसें तक कट गई। उसने हाथ से उसे सुलझाने का प्रयास किया तो हाथ की दो अंगुली भी कट गई। जिस कारण वह सड़क किनारे बाइक समेत जा गिरा। आसपास के लोगों ने उसे तुरंत बड़ौत के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने बमुश्किल। उसकी जान तो बचा ली, लेकिन उसकी गर्दन में 46 टांकें आए। वह अभी भी आईसीयू में भर्ती है।
दूसरा हादसा
दूसरा केस बड़ौत में हुआ। बावली रोड पर बाइक सवार राजीव पुत्र महावीर सिंह बाजार में सामान खरीदने जा रहा था। अचानक उसकी गर्दन में चाइनीज मांझा उलझ गया, जिससे बाइक तुरंत सड़क पर पलट गई। लोगों ने उसे उठा निजी अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी गर्दन का आप्रेशन हुआ, राजीव की गर्दन में 17 टांके आए हैं।
तीसरा हादसा
तीसरा केस बागपत थाना क्षेत्र के सरुरपुर गांव में हुआ। यहां पर बड़ौत निवासी टेलर मास्टर मुर्सलीन अपने मित्र नफीस के साथ हरियाणा से वापस घर लौट रहा था। जब इनकी बाइक हाइवे पर सरुरपुर गांव पहुंची तो अचानक मर्सलीन की गर्दन को चाइनीज मांझा काटते हुए पार हो गया। वहां मौजूद लोगों ने एम्बुलेंस की मदद से उसे बड़ौत के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। मर्सलीन की गर्दन का आप्रेशन हुआ है और वह अभी भी आईसीयू में गम्भीर हालत में भर्ती है। इस मामले में चिकित्सक मनीष तोमर का कहना है कि प्रतिदिन इस तरह के केस आ रहे है। 24 घण्टे में उनके यहां 2 केस आ चुके है। सरकार को इस मामले में गम्भीर कदम उठाने होंगे ताकि चाइनीज मांझे पर रोक लग सके।
हल्का सा छू जाने पर कट देता
पतंगबाजी बच्चों का ही नहीं बड़ों का भी पसंदीदा शौक है। पतंग उड़ाने के लिए चाइनीज मांझे का इस्तेमाल हो रहा है। यह आसानी से टूटता और कटता नहीं है। इस मांझे की यह खूबी लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन रही है। यह मांझा इतना तेजी होता था कि शरीर पर हल्का से भी छू जाने पर कट जाता था। शासन सख्त हुआ और चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक लगा दी गई ,लेकिन अब कहीं बरेली के मांझे लोगों की जान न ले ले।
"चाइनीज मांझे के माफिया पर नहीं कस रहा कोई शिकंजा"
शहर में जगह-जगह चाइनीज मांझे की तरह बरेली का जानलेवा मांझा बिक रहा है। जनपद में बड़े स्तर पर चाइनीज मांझे को अन्य दुकानदारों को सप्लाई करने का काम राशिद निवासी बड़ौत करता है कि इस बड़े चाइनीज मांझे के माफिया पर पुलिस और प्रशासन कोई शिकंजा नहीं कस रहे है। हैरत की बात यह है कि कोतवाली बड़ौत से मात्र 150 मीटर की दूरी से खुलेआम चाइनीज मांझा बिक्री की मंडी लगनी शुरू हो जाती है, लेकिन पुलिस अपनी आंखों पर काली पट्टी बांधे बैठी हुई है।