दिल्ली में गैर लाइसेंस कैब कंपनियों पर एक्शन : 70 से ज्यादा वाहन जब्त, सोमवार से कार्रवाई होगी और तेज

Tricity Today | गैर लाइसेंस कैब कंपनियां



New Delhi : दिल्ली सरकार ने बिना लाइसेंस चल रही एप आधारित टैक्सी और डिलीवरी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। दिल्ली के परिवहन विभाग की एनफोर्समेंट टीम ने ऐसे 70 से अधिक वाहनों को जब्त किया है, जो बिना लाइसेंस के दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहे थे। 

लाइसेंस प्राप्त करने की समय सीमा समाप्त
दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना के तहत उल्लंघनों की जांच करने के लिए 15 जुलाई से एक प्रवर्तन अभियान शुरू होगा। इस योजना के तहत सेवा प्रदाताओं को पंजीकरण कराना और लाइसेंस हासिल करना अनिवार्य था, जिसकी अंतिम तिथि 15 जुलाई तय की गई थी। हालांकि, उद्योग निकायों ने 45 दिन का विस्तार मांगा था।

कैलाश गहलोत का बयान
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर की अधिसूचना जारी होने के बाद 1 लाख से अधिक वाहन इसमें शामिल हो चुके हैं, जबकि 21 संगठनों ने एग्रीगेटर या डिलीवरी सेवा प्रदाता के रूप में लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। पिछले साल नवंबर में डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम शुरू की गई थी। गहलोत ने एक बयान में कहा, "इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलाव सुनिश्चित करके, हम प्रदूषण को कम करने और दिल्ली के निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। यह पहल न केवल हरित गतिशीलता को बढ़ावा देगी बल्कि परिवहन क्षेत्र में सेवा गुणवत्ता और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए उच्च मानक भी स्थापित करेगी।"

सोमवार से प्रवर्तन अभियान
सोमवार से प्रवर्तन अभियान को और तेज किया जाएगा। अभियान के हिस्से के रूप में, एग्रीगेटर्स के साथ काम करने वाले ड्राइवरों पर जुर्माना लगाया जाएगा। उल्लंघनों में योजना के अनुसार लाइसेंस प्राप्त किए बिना वाहन चलाना या इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तन की समय सीमा को पूरा न करना शामिल होगा।

योजना की विशेषताएं
योजना के तहत जारी किए गए लाइसेंस पांच साल के लिए वैध होंगे। इस योजना के तहत सेवा प्रदाताओं को वायु प्रदूषण को कम करने और हरित गतिशीलता को बढ़ाने के लिए चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में रूपांतरण सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा। दिल्ली सरकार की इस कार्रवाई से उम्मीद है कि शहर में बिना लाइसेंस चल रहे वाहनों की संख्या कम होगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी। इससे परिवहन क्षेत्र में सेवा की गुणवत्ता और सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार होगा।
 

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