अच्छी खबर : दिल्ली के इस अस्पताल में नई सुविधाएं शुरू, एनसीआर के लाखों लोगों को मिलेगा फायदा

Tricity Today | कार्य स्थल उद्घाटन



New Delhi News : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव अपूर्व चंद्रा ने दिल्ली के अटल विहारी वाजपेयी आयुर्विज्ञान संस्थान और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में नई सुविधाओं का उद्घाटन किया। अपूर्व चंद्रा ने कहा कि ये नई सुविधाएं मरीजों के लिए बेहद लाभकारी होंगी। अस्पताल में एक बड़ी फार्मेसी और 500 से अधिक लोगों की क्षमता वाला प्रतीक्षालय भी निर्मित किया गया है।

नई सुविधाओं का लाभ
  1. प्रतीक्षालय की क्षमता बढ़ी : अस्पताल में प्रतीक्षालय की क्षमता को बढ़ाकर 500 से अधिक लोगों को समायोजित किया गया है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को अधिक आराम मिलेगा।
  2. फार्मेसी : एक बड़ी फार्मेसी का उद्घाटन किया गया है, जहां मरीजों को आसानी से दवाइयां मिल सकेंगी। यह सुविधा मरीजों के लिए समय और सुविधा दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है।
  3. काउंटर की संख्या बढ़ी : ओपीडी रजिस्ट्रेशन में लगी लंबी कतारों को कम करने के लिए 10 नए काउंटर बनाए गए हैं, जिससे कम समय में अधिक मरीजों की ओपीडी रजिस्ट्रेशन हो सकेगी।
  4. छात्रों के लिए अध्ययन कक्ष : संस्थान के छात्रों और फैकल्टी सदस्यों के लिए अलग अध्ययन कक्ष का भी निर्माण किया गया है, जिससे उन्हें अध्ययन और शोध कार्य में सहायता मिलेगी।

भारत के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में से एक
वर्तमान में अस्पताल में लगभग 1532 बेड हैं, जो 30 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। यह अस्पताल नई दिल्ली और मध्य जिले की आबादी के अलावा अन्य क्षेत्रों और दिल्ली के बाहर से आने वाले रोगियों की भी सेवा करता है। इसमें सीजीएचएस लाभार्थियों के लिए एक नर्सिंग होम में 94 बेड हैं, जिसमें मैटरनिटी नर्सिंग होम भी शामिल है। इस अस्पताल में नॉन-इनवेसिव कार्डियक लैब और कार्डियक कैथ लैब मौजूद है, जिसमें टीएमटी, इको-कार्डियोग्राफी, कोरोनरी एंजियोग्राफी और पेसमेकर इम्प्लांटेशन की सुविधा उपलब्ध है। अस्पताल में कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी, न्यूरो सर्जरी की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। प्रयोगशाला, एक्स-रे, सीटी-स्कैन, अल्ट्रासाउंड, ब्लड बैंक और एम्बुलेंस जैसी सभी सहायक सेवाएं चौबीसों घंटे उपलब्ध हैं। एक वर्ष में अस्पताल लगभग 18 लाख मरीजों को ओपीडी के रूप में सेवाएं प्रदान करता है, लगभग 67000 मरीजों को इनडोर में भर्ती करता है और लगभग 2.75 लाख मरीजों को इमरजेंसी में देखा जाता है।
 

अन्य खबरें