New Delhi : दिल्ली सरकार जल्द ही दिल्ली के नागरिकों के लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) की मौजूदा इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन को अपने हाथ में लेगी।दिल्ली कैबिनेट ने हाल ही में परिवहन विभाग के अधीन डीएमआरसी की 100 से अधिक मौजूदा ई-बस बेड़े और अतिरिक्त 380 फीडर ई-बसों को संचालित करने का निर्णय लिया है।
कनेक्टिविटी में होगा फायदा
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि सीएम केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार सार्वजनिक परिवहन को अपने नागरिकों के लिए अधिक किफायती, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। रूट रेशनलाइजेशन के कार्यान्वयन को मिली अच्छी प्रतिक्रिया और सफलता के बाद अब ये नई इलेक्ट्रिक फीडर बसें लोगों के लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी को और आसान बना देंगी।
नई मार्गों को जाएगा जोड़ा
मंत्री ने कहा कि रूट रेशनलाइजेशन अध्ययन ने हमें शहर में बस यात्रियों की वास्तविक स्थिति को समझने में मदद की, जिसके बाद आवश्यकता अनुसार रुट्स पर बसों की आवृत्ति बढाई गयी और नए मार्गों को भी जोड़ा गया। हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए शहर में जोड़ी जा रही सभी नई बसें इलेक्ट्रिक हों।
इन स्थानों पर बस डिपो का निर्माण
डीएमआरसी दिसंबर 2019 से पूर्वी और उत्तरी क्लस्टर में शास्त्री पार्क और मजलिस पार्क डिपो से फीडर ई-बसों का संचालन कर रही है। इन बसों को परिवहन विभाग दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) के जरिए चलाएगा। इसके अलावा, अतिरिक्त 380 इलेक्ट्रिक बसों को संचालित करने के लिए छह स्टेशनों- वेलकम, कोहाट एंक्लेव, रिठाला, नांगलोई, मुंडका और द्वारका की पहचान की गई है। डीएमआरसी इन स्थानों पर बस डिपो का निर्माण करेगी। परिवहन विभाग इन सभी फीडर बसों को प्रति किमी के आधार पर संचालित करेगा, जिसके अंतर्गत परिचालकों को उनके द्वारा तय की गई दूरी के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।