भारतीय शिक्षण मंडल ने तीन दिवसीय सार्थक एडू-विजन एक्सपो सेमीनार-2021 का भोपाल में आयोजन किया है। जिसमें गलगोटियाज विश्ववविद्यालय सह-प्रायोजक था। गलगोटियाज विश्ववविद्यालय के साथ-साथ देशभर के शिक्षण संसथान, औद्योगिक जगत, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद ने भी भाग लिया है। इस सेमिनार का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दीप प्रज्जवलित कर किया है।
इस दौरान पर्यटन और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, विश्वविद्यालय अनुदान के अध्यक्ष डॉ डीपी सिंह, एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल डी सहस्रबुद्धे, खेल और युवा मामलों की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और भारतीय शिक्षण मंडल के अध्यक्ष सच्चिदानंद जोशी आदि लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय संस्कृति की विद्याओं को शिक्षा के पाठ्यक्रम में समाहित किया जाना था। जिससें विद्यार्थियों को भारतीय गुरुकुल पद्यति के अनुरूप उच्च कोटि की शिक्षा प्रदान की जा सके। इस चर्चा के दौरान संस्कृत भाषा को पाठ्यक्रम में वरीयता देने पर भी जोर दिया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय से परास्नातक छात्र, युवा अध्यापक तथा व्यवसायियों में से बौद्धिक क्षमता वाले युवाओं को खोजने पर सामूहिक चर्चा की गई।
इस दौरान गलगोटियाज विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव गलगोटिया ने सरकार के इस महत्वपूर्ण कदम की सराहना करते हुए कहा, "गुरुकुल पद्यति से शिक्षा के क्षेत्र में एक नई चेतना आएगी। देश के युवा भारतीय संस्कृति के मूल्यों को समझते हुए उसका अनुकरण करेंगे।" गलगोटियाज विश्वविद्यालय की वाइस चॉन्सलर डाक्टर प्रीति बजाज ने अपने वक्तव्य में कहा, "पाठ्यक्रम में राष्ट्र की महान संस्कृति का समावेश करने से देश के युवा भारतीय संस्कृति के मूल्यों को समझते हुए उसका अनुकरण करने का मौका मिलेगा।"
उन्होंने कहा कि गलगोटियाज विश्वविद्यालय को भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन के साथ जुड़ने पर गर्व है। आज गलगोटियाज विश्वविद्यालय के पास 20,000 से अधिक प्रतिभाशाली छात्रों के साथ-साथ 25 देशों से 750 अंतर्राष्ट्रीय छात्र भी हैं। गलगोटियाज विश्वविद्यालय ने खुद को इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन और कानून में शीर्ष रैंक वाले स्कूल के तौर पर सूचीबद्ध किया है।