Ghaziabad News : गाजियाबाद के वर्तमान सांसद एवं केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह के टिकट को होल्ड पर किए जाने के बाद उनके समर्थकों में घोर निराशा देखी जा रही है। जनरल के समर्थकों की तरफ से टिकट के लिए हवन किया जा रहा है तो कहीं समर्थक पैदल रैली निकालकर नारेबाजी कर पार्टी को संदेश देना चाह रहे है। उनके समर्थकों ने पैदल मार्च निकालकर नारेबाजी की इस दौरान "हमारा सांसद कैसा हो वीके सिंह जैसा हो" और "मोदी-योगी जिंदाबाद" के नारे लगाए गए। इतना तो तय है कि इन सब टोटको के बावजूद जनरल के टिकट पर आखिरी मुहर पार्टी हाईकमान की अदालत में ही लगेगी।
यह है पूरा मामला
भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दूसरी सूची भी बुधवार को जारी करते हुए प्रत्याशियों के नाम सार्वजनिक कर दिए। माना जा रहा था कि दूसरी सूची में गाजियाबाद लोकसभा सीट के प्रत्याशी की घोषणा की जा सकती है, लेकिन हाईकमान ने गाजियाबाद को होल्ड पर रखकर गाजियाबाद लोकसभा सीट पर कुछ लोगों की उम्मीदों को बढ़ा दिया है। वहीं, दूसरी तरफ लगातार दो बार से इस सीट से सांसद वीके सिंह की धड़कनें भी बढ़ गई है। बुधवार को भारतीय जनता पार्टी की दूसरी सूची में भी गाजियाबाद के प्रत्याशी की घोषणा नहीं होने से सांसद के समर्थकों में निराशा फैल गई।
जनरल के समर्थक सड़कों पर
गाजियाबाद लोकसभा सीट से लगातार दो बार से सांसद वीके सिंह के समर्थक उनके लिए सड़क पर उतर गए और सड़क पर पैदल मार्च कर उनके समर्थन में नारेबाजी की। इस दौरान उन्होने वीके सिंह के समर्थन में नारे लगाते हुए कहा कि हमारा सांसद कैसा हो, वीके सिंह जैसा हो। इस दौरन उनके समर्थक योगी मोदी जिंदाबाद के नारे भी लगाते देखे गए। वीके सिंह के समर्थकों द्वारा निकाली गए पैदल मार्च के बाद माना जा रहा है कि पार्टी ने उनकी सीट पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं करके जनरल की सासे अटका दी है, लेकिन दूसरी तरफ क्षेत्र में उनकी सक्रियता देखकर सहज आदाजा लगाया जा सकता है कि वे अपने टिकट को लेकर सकारात्मक नजर आ रहे हैं।
इन नामों पर चला मंथन
सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से गाजियाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, कवि कुमार विश्वास और राज्यसभा सांसद रहे अनिल अग्रवाल के नाम को लेकर भी चर्चाएं चल रही हैं। अब माना जा रहा है कि गाजियाबाद लोकसभा सीट पर प्रत्याशी की घोषणा भारतीय जनता पार्टी की तीसरी सूची में हो सकती है। इतना तय माना जा रहा है कि वीके सिंह के लिए आगे की राह इतनी भी आसान नहीं है। कई मोर्चों पर सरकार के लिए संकट मोचन की भूमिका निभाने वाले सांसद का टिकट काटना पार्टी के लिए भी इतना आसान नहीं है। जनरल के लिए पार्टी भी गंभीरता से सोच रही है।