Ghaziabad News : रिपोर्टिंग के मामले में अव्वल गाजियाबाद कमिश्नरेट ओवरऑल कानून- व्यवस्था के मामले में 17वें में नंबर पर आया है। शासन से जारी की गई सीएम डैश बोर्ड की रैंकिंग के मुताबिक पड़ोसी जनपद काफी अच्छी स्थिति में है। गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट को पूरे सूबे में तीसरा नंबर मिला है। माना जा रहा है कि बढ़ते साइबर क्राइम और स्नेचिंग की वारदातों ने जिला गाजियाबाद की रैकिंग बिगाड़ दी। रैकिंग को देखते हुए सबसे कम समय में मौके पर पहुंचने वाली गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस को अपनी कार्यशैली की समीक्षा की जरूरत है।
सूबे में रामपुर टॉप पर
शासन से जारी की गई सीएम डैशबोर्ड की रैंकिंग के मुताबिक कानून- व्यवस्था के मामले में रामपुर जनपद टॉप पर है। रामपुर जनपद को 86.70 प्रतिशत अंकों के साथ्त पहला स्थान प्राप्त हुआ है। रामपुर के बाद 84.30 प्रतिशत अंक पाकर हमीरपुर जिला दूसरे नंबर पर आया है। उसके बाद गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट 79.60 प्रतिशत अंकों के साथ सूबे में तीसरे स्थान पर है। गाजियाबाद कमिश्नरेट को 74 प्रतिशत अंकों के साथ 17वीं रैंक मिली है।
कैसे तय होती है सीएम डैशबोर्ड पर रैकिंग
शासन की ओर से जारी सीएम डैशबोर्ड की रैकिंग के लिए शासन से मानक तय किए गए हैं। उन्हीं मानकों की स्थिति के हिसाब से ही किसी जिले को रैंकिंग मिलती है। कानून- व्यवस्था की बात करें तो इसके लिए मुख्य रूप से पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने का समय, शिकायतों का निस्तारण, मुकदमें दर्ज होने की स्थिति, वारदातों का अनावरण, महिलाओं पर होने वाले अपराध, अपराधियों के खिलाफ पुलिस की पैरवी जैसे तमाम मानकों पर शासन से मार्किंग की जाती है। उस मार्किंग के आधार पर ही सीएम डैशबोर्ड पर जिले की रैकिंग तय होती है।
मानकों में सुधार के प्रयास शुरू
एडीसीपी (क्राइम) सच्चिदानंद के मुताबिक रैंकिंग के लिए डेटा फीडिंग और रिपोर्टिंग समेत तमाम बिंदुओं पर जिले की स्थिति देखी जाती है। किसी भी सूचना पर मौके पर पहुंचने के मामले में गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस लगातार अव्वल बनी हुई है लेकिन फिर भी कुछ मानक पूरे न होने पाने के कारण रैंकिंग गिरी है, इनमें सुधार के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।