Tricity Today | बर्लिन में NCRTC के MD शलभ गोयल पुरुस्कार प्राप्त करते हुए।
Ghaziabad News : NCRTC ने जर्मनी के बर्लिन में आयोजित “यूआईसी सस्टेनेबिलिटी इम्पैक्ट अवार्ड्स- 2024” में कामयाबी के झंडे गाढ़ दिए। NCRTC को निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए सर्वश्रेष्ठ ट्रांजिट पुरस्कार और वैश्विक प्रविष्टियों के बीच ओवरऔल विनर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट फाउंडेशन के सहयोग से इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (UIC) द्वारा ये प्रतिष्ठित पुरस्कार NCRTC को उसके सस्टेनेबिलिटी और इनोवेटिव पब्लिक ट्रांजिट सिस्टम्स के लिए दिए गए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले, इनोट्रांस- 2024, में मिले अवार्ड
NCRTC के MD शलभ गोयल ने परिवहन प्रौद्योगिकी के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले, इनोट्रांस- 2024, में यह पुरुस्कार प्राप्त किए। उन्होंने कहा यूआईसी के 2030 के "बेहतर भविष्य का डिजाइन" दृष्टिकोण और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के अनुरूप वैश्विक रेलवे क्षेत्र में स्थिरता के लिए NCRTC द्वारा किए गए उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किए गए हैं।
NCRTC के MD ने कहा, "ये पुरस्कार NCRTC के व्यापक मल्टीमॉडल एकीकरण (RRTS स्टेशनों को मौजूदा सार्वजनिक परिवहन साधनों जैसे मेट्रो, बसों और रेलवे स्टेशनों से जोड़े जाने) के अदभुत प्रयोग की देन हैं।”
यात्री केंद्रित दृष्टिकोण को दुनिया ने सराहा
NCRTC के एमडी ने कहा हमारे पहले प्रोजेक्ट दिल्ली- मेरठ RRTS कॉरिडोर के संचालन में यात्री-केंद्रित दृष्टिकोण और उन्नत तकनीकी समाधानों की भी पूरी दुनिया ने सराहना की है, पुरुस्कार एनसीआरटीसी को इन पैरामीटर्स को बनाए रखने के लिए ऊर्जा प्रदान करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि एलटीई पर यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ETCS) लेवल- 2 के हाइब्रिड लेवल- 3 सिग्नलिंग आगामी RRTS कॉरिडोर में निर्बाध इंटरऑपरेबिलिटी को सक्षम बनाएगी। यह भारत सरकार के बहुमूल्य योगदान का नतीजा है।
रेलवे के क्षेत्र में वैश्विक उपलब्धियों के लिए होता है आयोजन
UIC द्वारा सतत विकास फाउंडेशन के सहयोग से यह प्रतियोगिता वैश्विक रेलवे क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों को सम्मानित करने और प्रदर्शित करने के लिए की जाती है। इस प्रतियोगिता में सस्टेनिबिलटी पर विशेष जोर दिया जाता है। इस वर्ष की प्रतियोगिता में 15 देशों के 17 प्रोजेक्ट शामिल किए गए थे। इनमें कोरिया रेल रोड कॉर्पोरेशन, ईस्ट जापान रेलवे कंपनी, डीबी कार्गो ग्रुप (जर्मनी), एमट्रैक नेशनल रेल रोड पैसेंजर कॉर्पोरेशन (संयुक्त राज्य अमेरिका), एसएनसीबी असिस्ट-नेशनल रेलवे कंपनी ऑफ बेल्जियम, रेलवे फ्रॉम इटली सहित कई प्रतिष्ठित वैश्विक रेलवे निगमों ने भाग लिया।
रैपिड रेल से 25 हजार टन उत्सर्जन कम होगा
RRTS नौ सस्टेनेबल डेवलेपमेंट गोल्स (SDG) में सहयोग करता है, जिनमें जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और लैंगिक समानता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। इस परियोजना से निजी वाहनों से सार्वजनिक परिवहन की ओर के बदलाव को प्रोत्साहित करके, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर से सालाना 25 हजार टन वाहनों के उत्सर्जन के कम होने की उम्मीद है, जिससे पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने में मदद मिलेगी।
पांच वर्षों में 11 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न होगी
NCRTC द्वारा आरआरटीएस परियोजना में नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करते हुए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा को अपनाता है, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में महत्वपूर्ण कटौती के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। NCRTC, राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत अगले पांच वर्षों में RRTS स्टेशनों की छतों और डिपो पर 11 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की योजना पर कार्य कर रहा है, जिससे प्रणाली की सस्टेनेबिलिटी और भी बढ़ेगी।
TOD से मिलेगा बड़ा लाभ
NCRTC ने ट्रांजिट हब के आसपास उच्च घनत्व और मिश्रित उपयोग वाले शहरी क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए भूमि उपयोग को अनुकूलित करने हेतु ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) रणनीतियों को भी अपनाया है। इसके माध्यम से दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ में नगर निकायों के सहयोग से सतत शहरों और समुदायों के विकास में योगदान दिया जा रहा है। स्टाफ में महिलाओं को बराबर की भागीदारी
NCRTC ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देते हुए ट्रेन में समर्पित महिला कोच और कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन किया है। नमो भारत ट्रेनों के संचालन में शामिल स्टाफ में 50 प्रतिशत से अधिक ट्रेन ऑपरेटर और स्टेशन नियंत्रक महिलाएँ हैं, जो समावेशिता के प्रति एनसीआरटीसी की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा, नमो भारत परियोजना में यात्रियों की सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए रैंप, लिफ्ट और टैक्टाइल फ़्लोरिंग जैसी सुविधाएँ भी प्रदान की जा रही हैं। NCR में कनेक्टिविटी क्रांति लाएगी रैपिड रेल
RRTS परियोजना को 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत विकसित किया जा रहा है, जो इसे अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाता है। दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर भविष्य में दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत जैसे अन्य कॉरिडोर के साथ एकीकृत होगा, जिससे एक व्यापक नेटवर्क तैयार होगा। यह न केवल आवागमन की दक्षता को बढ़ाएगा बल्कि भीड़भाड़ को कम करने और NCR में कनेक्टिविटी में सुधार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।