Ghaziabad News : शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ राजस्व वसूली का लक्ष्य हासिल करने के लिए आबकारी विभाग कार्रवाई को लेकर सख्त हो गया है। विभाग ने बिना लाइसेंस चल रही बार पर कार्रवाई करने के साथ-साथ बाहरी शराब तस्करी रोकने के लिए भी अभियान तेज कर दिया है।
शराब माफियाओं के खिलाफ हो रहा एक्शन
गाजियाबाद की बात की जाए तो यहां पर आबकारी विभाग ने शासन के निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक राजस्व प्राप्त करने में सफलता हासिल की है। राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को भेदने के साथ ही जनपद में आबकारी विभाग ने शराब माफियाओं की भी कमर तोड़ने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। वर्ष 2022-23 में राजस्व वसूली का टारगेट बढ़ने से आबकारी विभाग की मुसीबत बढ़ गई है। मगर राजस्व वसूली के टारगेट को पूरा करने में आबकारी विभाग कोई कसर बाकी नही छोड़ रहा हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के खजाने में आबकारी राजस्व के रूप में रकम जुटाने में गाजियाबाद अहम भूमिका निभा रहा है।
पिछले महीने के मुकाबले 23.42 करोड़ कम
आबकारी विभाग ने जनवरी महीने में राजस्व वसूली में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 122.5 करोड़ रुपए राजस्व वसूली की है। जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले 23.42 करोड़ कम है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के शुरुआती करीब 6 महीने आबकारी विभाग के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा। दिल्ली सरकार द्वारा नई शराब नीति लागू होने के बाद से दिल्ली में शराब सस्ती हो गई। दिल्ली में लोगों को सस्ती दर पर शराब मिलने के साथ ही एक बोतल के साथ एक बोतल फ्री का ऑफर दिया जा रहा था।
दिल्ली की शराब गाजियाबाद में बैन
गाजियाबाद दिल्ली से सटा हुआ है और गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाले कई ऐसे रास्ते है। जिन रास्तों से लोग दिल्ली से गाजियाबाद में आसानी से शराब लेकर आते थे। हालांकि, आबकारी विभाग ने इस बीच दिल्ली से शराब लेकर गाजियाबाद आने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की। दिल्ली सरकार की नई शराब नीति ने गाजियाबाद के साथ नोएडा, मेरठ, बागपत समेत विभिन्न जनपदों के राजस्व को काफी प्रभावित किया। लेकिन आबकारी विभाग ने इन सभी चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया।
जिला आबकारी के लिए चुनौती
जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने दिल्ली सरकार की चुनौती को स्वीकार करते हुए इसकी भरपाई कार्रवाई के तौर पर पूरी की। बॉर्डर, हाईवे, चेक पोस्ट समेत दिल्ली सीमा से जुड़े सभी रास्तों पर दिल्ली से शराब लाने वालों की निगरानी के लिए आबकारी विभाग की टीम 24 घंटे कार्रवाई में मुस्तैद रही। जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए।
10 महीनों में 1185.18 करोड़ रुपए की शराब बिकी
आबकारी विभाग की कार्रवाई के चलते शराब के सैकड़ों शौकीनों को जेल की हवा खानी पड़ी। आबकारी विभाग की सर्तकता और शराब माफियाओं के खिलाफ अपनाये गए सख्त रूख का असर रहा कि चालू वित्तीय वर्ष के विगत 10 महीने के दौरान लगभग 1185.18 करोड़ रुपए की शराब की बिक्री हुई है।
उत्तर प्रदेश सरकार को हो जमकर रहा फायदा
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश सरकार की माली हालत को सुधारने में गाजियाबाद का आबकारी विभाग अपना महत्वपूर्ण रोल अदा कर रहा है। संकट कोई भी हो, लेकिन उस संकट को अवसर के रूप में लेकर आबकारी विभाग राजस्व की बढोत्तरी में अपनी अहम भूमिका निभाने में कोई कोर कसर नही छोड़ता। दरअसल, प्रदेश सरकार के राजस्व को बढ़ाने के लिए आबकारी विभाग हर संभव प्रयास करता है। साथ ही अवैध शराब का कारोबार करने वाले तस्करों पर भी कार्रवाई करने से भी नही चूकता है।