Ghaziabad News : कोलकाता में डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले शनिवार को आईएमए से जुड़े सभी चिकित्सक हड़ताल पर रहेंगे। यह हड़ताल शनिवार सुबह छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक चलेगी। हड़ताल के दौरान ओपीडी, लैब, अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर समेत सभी चिकित्सकीय सेवाएं बंद रखने का ऐलान किया गया है। प्रदेश आईएमए टीम से प्रेसवार्ता में मौजूद डा. आशीष अग्रवाल और डा. राजीव गोयल ने बताया कि 24 घंटे की हड़ताल की कॉल आईएमए मुख्यालय से है जो पूरे देश में लागू होती है। आईएमए गाजियाबाद की अध्यक्ष डा. वाणी पुरी रावत ने कहा कि कल की हड़ताल एतिहासिक होगी, जो प्रदेश और देश की सरकार को डाक्टरों की सुरक्षा के बारे में सोचने के लिए मजबूर कर देगी।
चिकित्सा व मानवता के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी बताया
प्रेसवार्ता में आईएमए गाजियाबाद ने कहा है कि चिकित्सा एवं मानवता के इतिहास में एक और विभत्स त्रासदी से हम सभी लोगों का 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज कोलकाता में सामना हुआ। ड्यूटी पर महिला डॉक्टर की जघन्य हत्या कर दी गयी। इस घटना की जानकारी ने हम सभी कीआत्मा छलनी को छलनी करके रख दिया। हम सभी इस बात को जानते हैं कि रेजीडेंट डाक्टरों के साथ बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार होता है।36 से 48 घंटे तक की ड्यूटी कराई जाती है और इस दौरान खाने पीने की भी कोई सुदृढ़ व्यवस्था नहीं होती। नहाने धोने की कोई व्यवस्था नहीं होती, अब तो सुरक्षा भी तार तार हो गई है। आईएमए का कहना है कि इससे ज्यादा रोंगटे खड़े करने वाली घटना हो ही नहीं सकती।
पश्चिम बंगाल सरकार के रवैये पर नाराजगी
डाक्टरों ने कहा कि समाज का इतना घटता स्तर कभी नहीं देखा गया। एक महिला डाक्टर की इज्ज्त तार तार करने के बाद हत्या होने पर भी पश्चिम बंगाल सरकार का ढुलमुल रवैया, पुलिस का बर्बरता पूर्वक डॉक्टरों पर लाठीचार्ज व गुंडों को सहनभूति देरकर बंगाल सरकार ने अपना असली चेहरा उजागर कर दिया है। इस घटना के विरोध में आईएमए मुख्यालय ने कल 24 घंटे के लिए मेडिकल सेवाएं निलम्बित करने की घोषणा की है। मुख्यालय के आदेश का पालन करते हुए आईएमए गाजियाबद की ओर से 24 घंटे के लिए ओपीडी, लैब, अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर सेवाएँ निलंबित करने की घोषणा की गई है।
सरकार के कानों तक आवाज पहुंचाना चाहते हैं
आईएमए नेशनल टीम से प्रेसवार्ता में पहुंचीं डा. अर्चना वर्मा ने कहा कि हड़ताल के जरिए हम अपना संदेश सरकार के कानों तक पहुंचाना चाहते हैं ताकि दरिदों को कठोर से कठोर सजा मिले और चिकित्सकों की सुरक्षा के कड़े प्रबंध हों। प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से डा. अर्चना शर्मा, डा. मधु पोद्दार, डा. संदीप वार्ष्णेय, डा. बीपी त्यागी, डा. रवि कुमार और डा. भावुक मित्तल आदि मौजूद रहे। सभी चिकित्सकों ने एक स्वर में कहा, हम मांग करते हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं और स्वास्थ्य कर्मियों की रक्षा के लिए संसद में विधेयक पारित किया जाए।