गाजियाबाद जेल का मामला : बंदियों के इलाज में की थी लापरवाही, अब भरने पड़ेंगे आठ लाख, एनएचआरसी की रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई

गाजियाबाद | 1 महीना पहले | Dhiraj Dhillon

Tricity Today | Dasna Jail



Ghaziabad News : दो जेल बंदियों की मौत का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) पहुंचा था। 2019 में जेल बंदी दयाराम और 2017 में लोनी के ट्रोनिका ‌‌सिटी निवासी संदीप राय की मौत हो गई थी। संदीप राय मूलरूप बिहार के मोतीहारी जिले का रहने वाला था और 23 अक्टूबर को गिनती के दौरान अचानक गिरकर संदीप की तबियत बिगड़ गई थी। इन दोनों मामलों की एनएचआरसी ने जांच की और इलाज में लापरवाही की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को भेज दी। प्रदेश सरकार ने दोनों मामलों में संबंधित अधिकारियों पर आठ लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह राशि मृतक आश्रितों को दी जाएगी।

एनएचाआरसी ने उजागर की बदहाल व्यवस्था
एनएचआरसी की रिपोर्ट से यह तो साफ हो गया कि जेल में बंदियों के उपचार की व्यवस्था बदहाल है। शासन ने 2019 में अमरोहा निवासी दयाराम की वर्ष 2019 में हुई मौत मामले में अधिकारियों से पांच लाख रुपये और 2017 में लोनी के ट्रोनिका सिटी निवासी बंदी संदीप राय की मौत मामले में तीन लाख रुपये वसूलने के आदेश दिए हैं। यह राशि इसी वित्तीय वर्ष में संबंधित जेल अधिकारियों से वसूलकर मृतक आश्रितों को दिलवाई जाएगी। एनएचआरसी ने जांच के बाद शासन को रिपोर्ट भेजकर संबंधित अधिकारियों से वसूली किए जाने की संस्तुति की थी।

गौवंश हत्या मामले में सजायाफ्ता था दयाराम
हापुड़ के बहादुरगढ़ थानें की पुलिस ने वर्ष 2013 में अमरोहा जनपद निवासी दयाराम पुत्र छोटन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मामले में एडीजे हापुड़ की कोर्ट ने 12 दिसंबर, 2018 को दयाराम को पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी। उसके बाद से ही दयाराम डासना जिला कारागार में बंद था। दयाराम शुगर और पीलिया की बीमारी थी,  29 जनवरी, 2019 को उसकी मौत हो गई थी। आयोग ने मामले में जेल अस्प्ताल प्रशासन की लापरवाही मानते हुए पांच लाख रुपये वसूले जाने की संस्तुति शासन से की थी। बता दें कि हापुड़ जनपद का बाद में सृजन होने के कारण वहां जेल की व्यवस्था नहीं हुई है, इसलिए अभी हापुड़ के मुल्जिम भी गाजियाबाद की डासना जेल में ही रखे जाते हैं।

पत्नी की हत्या के मामले में बंद था संदीप राय
लोनी के ट्रोनिका सिटी निवासी संदीप राय की 23 अक्टूबर, 2017 को सुबह के गिनती के दौरान तबियत बिगड़ गई थी। संदीप गिनती की लाइन में था और अचानक गिरकर बेहोश हो गया था। जेल अस्पताल प्रशासन ने संदीप को जिला एमएमजी अस्पताल रेफर कर दिया, जहां उपचार के दौरान संदीप की मौत हो गई थी। पत्नी की हत्या के मामले में संदीप तीन मार्च 2016 से डासना जिला कारागार में बंद था। एनएचआरसी की ‌संस्तुति पर उपचार में लापरवाह अधिकारियों से तीन लाख रुपये की वसूली कर राजकोष में जमा कराने के आदेश शासन ने दिये हैं। यह राशि संदीप के परिजनों को दी जाएगी।

जेल अधीक्षक बोले अभी ‌नहीं मिला आदेश
मामले में जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा का कहना है कि अभी आदेश प्राप्त‌ नहीं हुआ। विस्तृत आदेश से ही इस बात की जानकारी मिल सकेगी कि रकम की वसूली किन- किन अधिक‌ारियों से की जाएगी। जेल अस्पताल में दो डॉक्टर और तीन कर्मचारियों की तैनाती है। किसी बंदी की तबीयत खराब होने पर अस्पताल के चिकित्सक ही बंदी को हायर सेंटर रेफर करते हैं। इन दोनों मामलों के समय कौन चिकित्सक डयूटी पर रहा होगा, आदेश आने पर ही यह सब जानकारी मिल सकेगी, शासनादेश का पालन कराया जाएगा।

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