गाजियाबाद के मुरादनगर में रविवार, 3 जनवरी को श्मशान घाट में हुए दर्दनाक हादसे के बाद राज्य सरकार जिले में हाल-फिलहाल में किए गए सभी निर्माण कार्यों की समीक्षा करेगी। इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने 15 दिनों का समय दिया है। 15 दिनों के अंदर मुरादनगर श्मशान घाट हादसे का काला चिट्ठा सरकार का सौंप दिया जाएगा। गाजियाबाद के जिलाधिकारी को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दे दिया गया है। उनसे जिले में निर्माणाधीन और बिगत सालों में बनी इमारतों और प्रोजेक्ट का ब्यौरा मांगा गया है।
जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने सभी विभागों से निर्माण कार्यों की जानकारी देने के लिए कहा है। जानकारी जुटाने के पीछे असली मकसद जिले में किए जा रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की समीक्षा करना है। सूची मिलने के बाद एक टीम इन सभी प्रोजेक्ट की ऑनसाइट वेरिफिकेशन और समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। बताते चलें कि गाजियाबाद के मुरादनगर में एक नवनिर्मित श्मशान घाट की दीवारें और छत जमींदोज हो गए थे। इस हादसे में दबकर 25 लोगों की मौत हो गई। जबकि, दो दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
जिले में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) नगर निगम, आवास विकास, जल निगम और नगरपालिका में कई तरह के निर्माण कार्य पूरा कराती है। मुरादनगर शमशान घाट हादसे के बाद जीडीए की साख दांव पर है। नव-निर्मित दीवारों और छत गिरने के बाद से ही जीडीए सवालों के घेरे में है। हादसे के बाद से ही जिले में चल रहे निर्माण कार्यों को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। मामले की गंभीरता को समझते हुए जिलाधिकारी ने सभी विभागों से निर्माण कार्यों की सूची तैयार करने का आदेश दिया है। खासतौर पर उन प्रोजेक्ट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जिनमें निर्माण कार्यों में शिकायतें मिली हैं। ऐसे सभी प्रोजेक्ट्स की फिर से समीक्षा की जाएगी। जरूरी हुआ तो निर्माण कार्य बंद करा दिया जाएगा और नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
परिजनों से मिले केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह
गाजियाबाद के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह ने बुधवार को हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने परिजनों को राज्य सरकार की तरफ से मुआवजे की राशि, दस लाख रुपये का चेक सौंपा। वीके सिंह ने परिजनों को भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी हाल में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। छोटे-बड़े जिन अधिकारियों और ठेकेदारों की संलिप्तता पाई जाएगी, उन सब के खिलाफ कड़े एक्शन लिए जाएंगे।
इस मामले नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी (ईओ) निहारिका सिंह, कनिष्ठ अभियंता सीपी सिंह और सुपरवाइजर आशीष के अलावा ठेकेदार अजय त्यागी समेत पांच लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सरकार की ओर से हादसे में मारे गये लोगों के परिजनों को दस लाख रूपये की आर्थिक मदद और आवासहीन प्रभावित परिवार को आवास दिये जाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने निमार्ण कार्य से सरकारी धन के हुए नुकसान की भरपाई सम्बंधित ठेकेदार तथा अभियंताओं से करने के भी निदेर्श दिए हैं। उन्होंने इस हादसे के अभियुक्तों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत भी कार्यवाही किये जाने के निदेर्श दिये हैं।