Ghaziabad News : फूड प्वाइजन के बाद ओमप्रकाश गुप्ता ने अपनी 65 वर्षीय माता को गाजियाबाद के संतोष हॉस्पिटल में एडमिट कराया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें एक दिन ट्रीटमेंट के बाद छुट्टी देने का वादा किया था। आरोप है कि 12 दिन बीत जाने के बाद अब डॉक्टर वृद्ध महिला का जीवन बचाने में असमर्थता दिखा रहे हैं। साथ ही ओमप्रकाश गुप्ता का आरोप है कि वे अस्पताल में 75 हजार रुपये जमा कर चुके हैं। उन्होंने जब अपनी माता को दिल्ली सरकारी अस्पताल में रेफर करने के लिए बोला तो डॉक्टरों ने उनके सामने 90 हजार रुपये का बिल रख दिया।
यह है पूरा मामला
बिहार छपरा निवासी ओमप्रकाश गुप्ता गाजियाबाद के बसंत चौक पर परिवार के साथ रहते हैं। ओमप्रकाश गुप्ता ने संतोष हॉस्पिटल पर आरोप लगाते हुए बताया कि 27 जनवरी को उन्होंने अपनी माता को फूड प्वाइजन हो जाने के बाद एडमिट कराया था। उन्हें लगातार उल्टियां हो रही थी। संतोष हॉस्पिटल में तैनात डॉक्टर शिवानी बंसल ने बताया कि एक दिन के ट्रीटमेंट के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। लेकिन 12 दिन बीत जाने के बाद भी वे स्वस्थ नहीं है। ओमप्रकाश गुप्ता का आरोप है कि अब डॉक्टर शिवानी बंसल बोल रही है कि उनकी माता का बचना मुश्किल है।
1.65 लाख का बना दिया बिल
ओम प्रकाश गुप्ता अब तक अस्पताल में 75 हजार रुपये जमा कर चुके हैं। आरोप है कि अब उनके पास पैसे नहीं बचे हैं। जब इस बाबत उन्होंने अस्पताल से कहा कि उनकी माता को किसी सरकारी अस्पताल में रेफर कर दीजिए तो अस्पताल ने उनसे 90 हजार रुपए जमा करने की बात कही है। ओमप्रकाश गुप्ता का आरोप है कि उनकी माता को संतोष अस्पताल ने गलत दवाई दी है। जिसकी वजह से उनकी किडनी और लिवर खराब हो चुका है। जब इसकी शिकायत उन्होंने गाजियाबाद स्थित सिहानी गेट थाने में लेकर गए तो वहां भी पुलिसकर्मियों ने उनकी बात नहीं सुनी और उन्हें वहां से भगा दिया।