नीम के नीचे हकीम से इलाज : एसडीएम की जांच में बड़ा खुलासा, मदद मिलने के बावजूद अफवाह फैलाई, एफआईआर

Tricity Today | नीम के नीचे हकीम से इलाज



ग्रेटर नोएडा के गांव मेवला गोपालगढ़ में नीम के पेड़ के नीचे झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करवाने वाले ग्रामीण पर एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में जिलाधिकारी के आदेश पर जांच पड़ताल की गई। जांच में पता चला कि लोगों को भ्रमित करने, अफवाह फैलाने और सरकार की छवि खराब करने के लिए यह नाटक किया गया था। इस मरीज को जेवर स्वास्थ्य केंद्र पर सरकारी डॉक्टरों ने उपचार दिया था। उसके बाद आराम करने के लिए घर भेजा था।

मरीज को कोविड वैक्सीन लगने से हुआ था बुखार
जेवर के उप जिलाधिकारी ने बताया कि मरीज हरवीर सिंह तालान हैं। उनकी उम्र 65 वर्ष है। उन्हें 29 अप्रैल को कोविड-19 के लिए वैक्सीन दी गई थी। जिससे बुखार की शिकायत थी। वह इलाज घर पर झोलाछाप डॉक्टर से करवा रहे थे। 14 अप्रैल को हरवीर सिंह को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके बाद उन्हें जेवर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। स्वास्थ्य केंद्र पर उनका ऑक्सीजन लेवल 89 रिकॉर्ड किया गया। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर देव कुमार ने उन्हें भर्ती किया और नेबुलाइजेशन करके प्राथमिक उपचार भी किया। 

जेवर अस्पताल में इलाज किया, ऑक्सीजन सिलेंडर दिया
एसडीएम ने बताया कि जब हरवीर सिंह का ऑक्सीजन लेवल 93% हो गया और वह स्टेबल हो गए तो उन्हें जिला अस्पताल नोएडा रेफर कर दिया गया। संभवत मरीज के परिजन उन्हें जिला अस्पताल ले जाने की बजाय घर ले गए। रात्रि में ऑक्सीजन की मांग करने पर ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध करवाया गया। 15 मई को जेवर स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने मरीज के पास खुद भ्रमण किया। मरीज की स्थिति को देखते हुए शारदा हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा में एडमिट करने के लिए एंबुलेंस बुलाई। शारदा अस्पताल के इंचार्ज डॉ.अभिषेक त्रिपाठी से समन्वय भी स्थापित किया लेकिन मरीज के परिजन उन्हें अस्पताल भेजने के लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने कहा कि वह हरवीर सिंह को जेवर के कैलाश अस्पताल में एडमिट करवाएंगे और एंबुलेंस को वापस भेज दिया। मरीज का कोविड-19 टेस्ट किया गया जो नेगेटिव आया था।

पूर्व प्रधान के पति ने गलत सूचनाएं मीडिया को दीं
एसडीएम ने बताया कि जांच में यह भी पता चला कि गोपालगढ़ गांव की पूर्व प्रधान के पति मीडिया में भ्रामक, त्रुटिपूर्ण और मनमाने तरीके से सूचना दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि उनके मरीज को अब तक कोई सरकारी सुविधा नहीं दी गई है। ना ही कोई टेस्टिंग कराई गई है। जबकि 13 मई को ग्राम गोपालगढ़ में 56 एंटीजन और 56 आरटीपीसीआर टेस्टिंग करवाई गई थी। मरीज हरवीर सिंह का भी एंटीजन टेस्ट हुआ था। जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव है। पिछले दिनों में वे जब भी अपने मरीज को अस्पताल लेकर आए, उनका इलाज किया गया। प्रशासन की ओर से घर के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर भी मुहैया करवाया गया। उनके कहने पर मरीज को 14 मई की शाम जिला अस्पताल रेफर किया गया था, लेकिन मनमाने तरीके से वह नीम के पेड़ के नीचे झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करवाते रहे।

कहने के बावजूद मरीज को अस्पताल नहीं भेजा
एसडीएम ने बताया कि पूर्व प्रधान के पति पर एफआईआर दर्ज करवाई गई है। उन्होंने आज तक मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया है। दूसरी ओर शासन-प्रशासन की छवि धूमिल कर रहे हैं। भ्रामक दुष्प्रचार कर रहे हैं। आपदा के समय में भ्रामक सूचना फैलाकर आम जनमानस में भ्रांति और दहशत का माहौल बना रहे हैं। चिकित्सा सुविधाओं के प्रति अविश्वास उत्पन्न करने की कोशिश की गई है। उनके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करके वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। एसडीएम ने बताया कि गांव में आज एक बार फिर कोविड-19 कैंप लगाया गया है। आरआरटी टीम भेजकर बुखार से पीड़ित व्यक्तियों का सर्वे किया गया है। गांव में नियमित रूप से सैनिटाइजेशन करवाया जा रहा है।

 
 
 

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