Greater Noida News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रुद्र बिल्डवेल बिल्डर मामले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को डबल झटका दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिल्डर रुद्र बिल्डवेल की दो आवासीय परियोजनाओं के लिए शून्यकाल का लाभ देने का आदेश दिया है। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कोई बजाय नहीं ले सकता। अदालत ने कहा कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आवंटित जमीन का बड़ा हिस्से पर कब्जा देने विफल रहा है। यह प्राधिकरण की गलती है, ना की बिल्डर की कोई लापरवाही। इसलिए अदालत ने आवंटन की तारीख से अप्रैल 2023 तक शून्यकाल का लाभ, लीज रेंट और उस पर ब्याज नहीं लेने का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने रुद्र बिल्डवेल को सेक्टर-1 और सेक्टर-16 में जमीन आवंटित की थी। प्राधिकरण ने 18 अगस्त 2010 को सुभकामना बिल्डटेक के नेतृत्व वाले एक कंसोर्टियम को 81,800 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की थी। इसमें रुद्र बिल्डवेल भी शामिल था। मार्च 2011 में भूमि का उप-विभाजन किया गया। इसमें याचिकाकर्ता रुद्र बिल्डवेल कंपनी को 33,538 वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई। कंपनी ने 39 करोड़ रुपए की कुल प्रीमियम राशि का 10 प्रतिशत भुगतान कर लीज करा ली।
कोर्ट ने कहा- दोबारा नक्शा पास करना होगा
बताया जाता है कि कंपनी को आवंटित भूखंड के 13,500 वर्ग मीटर में अतिक्रमण था। जबकि प्राधिकरण ने 6,900 वर्ग मीटर पर अतिक्रमण बताया था। बिल्डर ने 6900 वर्गमीटर की सीमा तक शून्यकाल के लिए याचिका दायर की थी। अदालत ने प्राधिकरण को कानून के अनुसार मानचित्र को फिर से मान्य करने का आदेश दिया। इस तरीके से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को डबल झटका लगा है।