न्यू नोएडा की जमीन पर खतरा : गांव वालों से प्रॉपर्टी खरीदने के लिए दलाल हुए एक्टिव, रेट पहुंचे 2 करोड़ रुपये प्रति बीघा

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Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा और आसपास के इलाकों में प्रस्तावित न्यू नोएडा इन्वेस्टमेंट रीजन का असर जमीन की कीमतों पर साफ दिख रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की खबर के बाद से दादरी, सिकंदराबाद और बुलंदशहर क्षेत्र के 84 गांवों में जमीन के दाम 3 से 4 गुना तक बढ़ गए हैं। जीटी रोड के किनारे बसे गांवों में जमीन की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। जहां कुछ जगहों पर दरें 2 करोड़ रुपये प्रति बीघा से भी अधिक हो चुकी हैं।  

ब्लैक मनी का जमीन में इस्तेमाल
इन गांवों में हाल के दिनों में जमीन में निवेश करने वालों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। लग्ज़री गाड़ियां धूल उड़ाती हुई गांवों की गलियों में दौड़ रही हैं। स्थानीय जमीन दलालों और प्रॉपर्टी निवेशकों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने इस क्षेत्र को जमीन खरीद-फ़रोख़्त का हॉटस्पॉट बना दिया है। प्रॉपर्टी विशेषज्ञों का कहना है कि जमीन की खरीदारी में बड़े पैमाने पर काला धन खपाया जा रहा है। मौजूदा सर्किल रेट कम होने के बावजूद जमीन के ऊंचे दामों पर सौदे हो रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ब्लैक मनी भविष्य में वैध धन में बदल सकती है। जिससे जमीन मुआवजे और परियोजना के क्रियान्वयन पर असर पड़ेगा।  

न्यू नोएडा प्रोजेक्ट पर खतरा
नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने हाल ही में इस क्षेत्र का दौरा किया और एक गांव के पास न्यू नोएडा का दफ्तर खोलने की योजना बनाई। इस घोषणा के बाद से जमीन की मांग और बढ़ गई है, लेकिन जानकारों का मानना है कि यदि जमीन की अनियंत्रित खरीद-फरोख्त और घेराबंदी पर रोक नहीं लगाई गई तो परियोजना में देरी हो सकती है।  

84 गांवों में अधिग्रहण की चुनौती
गांवों में लोग अब बाउंड्रीवाल बनाकर अपनी जमीन को अधिग्रहण से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जमीन की लगातार बढ़ती कीमतें नोएडा प्राधिकरण के लिए भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती हैं, क्योंकि अधिग्रहण के लिए उन्हें ऊंची कीमतें चुकानी होंगी। प्रॉपर्टी विशेषज्ञ संजीव बंसल ने कहा कि अगर न्यू नोएडा परियोजना को समय पर पूरा करना है तो जमीन की खरीद-फरोख्त पर जल्द से जल्द रोक लगानी होगी। ऐसा न होने पर मास्टरप्लान में गड़बड़ी और अवैध कॉलोनियों की बाढ़ आ सकती है।

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