ग्रेटर नोएडा में बंदरों का आतंक : सेक्टरों में रहने वाले लोगों पर कर रहे हमले, अब डंडा लेकर संभाली सुरक्षा व्यवस्था

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Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में रहने वाले अभी तक कुत्तों से परेशान थे। अब बंदरों ने उनका जीना हराम कर दिया है। आरडब्ल्यूए के सदस्य खुद ही हाथों में डंडे लेकर मैदान में उतरकर बंदरों को भगा रहे हैं। सेक्टरों में बंदरों ने कई लोगों को काट भी लिया है। डर के मारे लोग घरों में कैद हो गए हैं।

लगातार कर रहे हमले
ग्रेटर नोएडा के सिग्मा-4 सेक्टर के लोगों को बंदरों ने परेशान कर रखा है। निवासियों का कहना है कि बंदरों के हमले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, जिससे लोगों में डर और गुस्सा है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि लोग अपनी सुरक्षा के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हो गए हैं। सिग्मा-4 निवासी ऋषि वशिष्ठ ने बताया कि सेक्टर के बड़े पार्क के पास महीनों से बंदरों का झुंड डेरा जमाए हुए है हाल ही में उनकी भाभी पर दो बंदरों ने हमला कर दिया था, जब वह किसी काम से बाहर जा रही थीं। निवासियों ने बताया कि बंदरों का आतंक इतना बढ़ गया है कि बच्चों का पार्कों और गलियों में खेलना मुश्किल हो गया है। निवासियों का कहना है कि इस समस्या से प्राधिकरण को भी अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। निवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही कोई कार्रवाई नहीं की गई तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

50 बंदरों के झुंड ने काटा आतंक 
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ओमीक्रॉन-1ए में 50 बंदरों का झुंड  निवासियों पर हमला कर रहा है। ये बंदर न केवल लोगों को काटकर घायल कर रहे हैं, बल्कि घरों में घुसकर सामान उठा ले जा रहे हैं और तोड़फोड़ भी कर रहे हैं। सेक्टरवासी बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं। महिलाओं और बच्चों का घर से बाहर निकलना खतरनाक हो गया है। बंदर घरों में घुसकर फ्रिज से सामान भी उठा ले जाते हैं। बर्तन और लाइट तोड़ने जैसी घटनाएं आम हो गई हैं।

सेक्टर में भय का माहौल
रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ओमीक्रॉन-1ए के अध्यक्ष योगेंद्र मावी ने बताया कि बंदरों की समस्या के समाधान के लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक को पत्र लिखा है। पत्र में अनुरोध किया गया है कि बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ने की व्यवस्था की जाए, ताकि सेक्टरवासियों को इस भयंकर समस्या से राहत मिल सके।

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