ग्रेटर नोएडा से बड़ी खबर: शहर में ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता से लैस कोविड अस्पताल शुरू हुआ

Google Image | 50 बेड की क्षमता वाला एक निजी अस्पताल शुरू



कोरोना के कहर से कराह रहे गौतमबुद्ध नगर में मरीजों को अस्पताल और बेड नहीं मिल रहा। लोग इलाज के लिए तड़प रहे हैं, लेकिन कोई मदद नहीं मिल रही। ऐसे में कोरोना संक्रमित और को बड़ी राहत मिली है। अब ग्रेटर नोएडा में गुरुवार को कोविड-19 रोगियों के लिए 50 बेड की क्षमता वाला एक निजी अस्पताल शुरू हुआ है। इसके पास अपना खुद का ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र है। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से यह जानकारी दी गई है।

गौतमबुद्ध नगर वेस्ट यूपी के कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित जिलों में से एक है। यहां आधिकारिक रूप से 284 कोरोना संक्रमितों के मौत की पुष्टि हो चुकी है। जबकि उपचाराधीन रोगियों की संख्या 8525 है। इन सभी का विभिन्न अस्पतालों, क्वारंटीन सेंटर और होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। भारी संख्या के चलते मरीजों को शहर के अस्पतालों में उपचार नहीं मिल रहा है। लोग दवाओं और ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे हैं।

एक बयान में कहा गया है कि यह मल्टी-स्पेशलिटी एस्क्लेपियस अस्पताल ग्रेटर नोएडा के हल्दोनी मोड़ पर स्थित है। इसमें गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और दिल्ली के मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। अस्पताल के प्रबंधन सदस्य अमित जायसवाल ने कहा कि उन्होंने दिल्ली-एनसीआर में ऑक्सीजन की किल्लत से पार पाने के लिए चिकित्सीय ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाया है। 

जायसवाल ने दावा किया है कि, ''इस हॉस्पिटल में प्रति 90 मिनट में 9 हजार लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है।'' इससे इस अस्पताल में ऑक्सीजन की कभी किल्लत नहीं होगी। साथ ही ग्रेटर नोएडा में 50 लोगों को इलाज के लिए अस्पताल मिल गया है। गुरुवार से यहां कोविड मरीजों का उपचार शुरू हो गया है। बड़ी बात यह है कि यहां ऑक्सीजन के अभाव में किसी मरीज को बेड देने से इंकार नहीं किया जाएगा।
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