Greater Noida : लोटस वेलफेयर सोसायटी में भागवत कथा का समापन, कृष्ण नाम में मगन हुई महिलाएं

Tricity Today | लोटस वेलफेयर सोसाइटी में श्रीमद् भागवत कथा से पहले कलश यात्रा



Greater Noida News : सेक्टर ओमीक्रॉन-3 स्थित लोटस वेलफेयर सोसाइटी में श्रीमद् भागवत कथा का भव्य समापन भंडारे के महाप्रसाद वितरण के साथ हुआ। 11 से 18 नवंबर तक चले इस धार्मिक आयोजन में सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया और भक्ति के इस अद्भुत अनुभव का आनंद उठाया।

कथा वाचन और भक्ति का माहौल
आयोजन में श्रीमद् भागवत कथा का वाचन प्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य लाल बहादुर शास्त्री ने किया। उन्होंने प्रवचनों में भक्तों को धर्म, कर्म और सत्संग के महत्व से अवगत कराया। कथा के दौरान कई प्रेरक प्रसंग सुनाए गए, जो आज के समाज के लिए भी प्रासंगिक हैं। इसके साथ ही मनमोहक झांकियों और मधुर भजनों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

भंडारे में हजारों भक्तों ने ग्रहण किया महाप्रसाद
कथा का समापन भंडारे के आयोजन से हुआ, जिसमें हजारों भक्तजनों ने महाप्रसाद ग्रहण किया। आयोजक अवधेश त्रिपाठी ने अपने भाइयों भगवती प्रसाद त्रिपाठी, दिनेश कुमार त्रिपाठी और अरुण कुमार त्रिपाठी के साथ मिलकर पूरे आयोजन की व्यवस्था की। उन्होंने बताया कि ऐसे धार्मिक आयोजन न केवल भक्तों को मानसिक शांति और सकारात्मकता प्रदान करते हैं, बल्कि समाज को भी एकजुट और प्रेरित करते हैं।

सामुदायिक सहभागिता
लोटस वेलफेयर सोसाइटी के इस आयोजन में न केवल स्थानीय लोग शामिल हुए, बल्कि आस-पास की HIG सोसाइटी और अन्य कॉलोनियों के भी सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। आयोजन समिति के सदस्य सतीश मावी, पंकज सिंह, संजीव चौहान, परविंदर कुमार, नरेश कुमार, जितेंद्र, सुशील शर्मा, धर्मेंद्र त्रिपाठी, वाईके शर्मा और राहुल नरेश चौहान ने पूरी निष्ठा से कार्य कर इस कार्यक्रम को सफल बनाया।

आयोजन का महत्व
अवधेश त्रिपाठी ने बताया कि भागवत कथा जैसे आयोजनों से समाज में सकारात्मकता और शुद्धि का वातावरण तैयार होता है। यह धार्मिक आयोजन न केवल व्यक्तिगत मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि सामाजिक समृद्धि और कर्मठता का भी संदेश देता है।

सफल आयोजन और भावी योजनाएं
लोटस वेलफेयर सोसाइटी का यह आयोजन इस बात का उदाहरण है कि किस तरह सामुदायिक सहयोग से बड़े धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। आयोजकों ने भविष्य में भी ऐसे भक्ति पूर्ण कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बनाई है, ताकि समाज में धर्म और सद्भाव का संदेश निरंतर प्रेषित होता रहे।

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