फिर खड़ा हुआ विवाद : दादरी के मिहिरभोज कॉलेज में कल लाइब्रेरी का लोकार्पण लेकिन गुर्जर समाज में गुस्सा

Google Image | दादरी के मिहिरभोज कॉलेज



Greater Noida News : दादरी का मिहिर भोज कॉलेज एक बार फिर गुर्जर समाज और स्थानीय राजनीति में चर्चाओं का कारण बन गया है। बिसरख ब्लॉक के पूर्व प्रमुख कर्मवीर नागर ने कई सवाल खडे किए हैं। दरअसल, दादरी के मिहिर भोज इंटर कॉलेज में बनी लाइब्रेरी के लोकापर्ण कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर और बीजेपी के कई बड़े नेताओं समेत गुर्जर विद्या सभा के पदाधिकारियों को दरकिनार कर दिया गया है। इस लोकार्पण कार्यक्रम में समाज के बड़े चेहरों को शामिल नहीं किया जा रहा है। स्थानीय सांसद और उनके समर्थकों पर समाज को बांटने का आरोप लगाया जा रहा है।

यह है कार्यक्रम
मिली जानकारी के मुताबिक यह लोकार्पण कार्यक्रम गुरूवार को सुबह साढ़े 10 बजे होगा। जिसमें चीफ गेस्ट गौतमबुद्ध नगर के सांसद डा.महेश शर्मा को बनाया गया है। इनके अलावा हाल ही में बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष बने सतेद्र सिसोदिया, विधान परिषद के सदस्य नरेंद्र भाटी, जिला पंचायत चेयरमैन अमित चौधरी, एमएलसी श्रीचंद शर्मा, गुर्जर विद्या सभा के अध्यक्ष वेदराम भाटी, डीएम मनीष कुमार और दादरी के विधायक तेजपाल सिंह नागर को बुलाया गया है।

'समाज को बांटकर राज करना चाहते हैं सांसद'
इस पर बिसरख ब्लॉक के पूर्व प्रमुख कर्मवीर नागर का कहना है, "गुर्जर समाज की उपेक्षा की जा रही है। यह संस्थान गुर्जर समाज के दानदाताओं के सहयोग से बनाया गया है। गुर्जर समाज की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कुछ लोगों ने इस शिक्षण संस्था को राजनीति का अड्डा बना दिया है। अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। स्थानीय सांसद ने अपनी कुर्सी के लिए गुर्जर समाज को बांट दिया है। वह समाज को बांटकर राज करना चाहते हैं।" 

'यह गुर्जर समाज की दशा और दिशा की अभिव्यक्ति'
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दादरी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे राजकुमार भाटी ने फेसबुक और ट्विटर पर पोस्ट लिखकर इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने निमंत्रण पत्र की फोटो शेयर करते हुए लिखा, "यह निमंत्रण पत्र गुर्जर समाज की राजनीतिक दशा और दिशा की अच्छी तरह अभिव्यक्ति करता है। क्या आप लोग इस अभिव्यक्ति को समझ पा रहे हैं?" आगे लिखा, "यह निमंत्रण पत्र बहुत कुछ कहता है। यह गुर्जर समाज की राजनीतिक दशा और दिशा की स्पष्ट अभिव्यक्ति करता है। बशर्ते कि किसी में इस अभिव्यक्ति को समझने की क्षमता हो और आप शब्दों के बीच बिखरे अर्थ को भी समझने लायक समझ रखते हों।" राजकुमार भाटी का कहना है, "पहले गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनवारण के दौरान गुर्जर नाम को लेकर समाज की उपेक्षा की गई थी। अब एक बार फिर से लाइब्रेरी के लोकापर्ण के दौरान गुर्जर समाज के संस्थान में गुर्जर समाज की उपेक्षा की जा रही है। गुर्जर समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। कुछ नेता खुद को जिंदा रखने के लिए इस सामाजिक संस्था में राजनीति करके बर्बाद कर रहे हैं।"

गुर्जर समाज के युवाओं में दिख रहा भारी रोष
आपको बता दें कि दादरी कॉलेज में गुरूवार को होने जा रहा कार्यक्रम एकबार फिर चर्चाओं का केंद्र बन गया है। गुर्जर समाज के युवा फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुप और ट्वीटर पर इस कार्यक्रम को लेकर बीजेपी के स्थानीय नेताओं पर हमलावर हैं। गुर्जर समाज के युवाओं का कहना है कि राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर समेत बीजेपी में गुर्जर समाज से आने वाले पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर और पूर्व विधायक सतवीर गुर्जर समेत कई नेताओं का दरकिनार किया गया है। अमित गुर्जर मिरगपुर ने ट्वीटर पर लिखा, "दादरी के गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज इण्टर कॉलेज में एक पब्लिक लाइब्रेरी का लोकार्पण होने वाला है। मुख्य अतिथि शर्मा जी व अन्य अतिथियों की लिस्ट देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा लीजिए कि आप गौतमबुद्ध नगर ज़िले की राजनीति में क्या स्थान रखते हैं? कब जागेंगे वीर गुर्जर?" एडवोकेट विपिन नागर ने ट्वीट किया है, "दादरी के मिहिर भोज इंटर बालिका और डिग्री कॉलेज को गुर्जर विद्या सभा चलाती है। इनमें मुख्य अथिति बनेंगे शर्मा जी, शिशोदिया जी, चौधरी जी, वर्मा जी!!" सुनील बैसोया ने लिखा, "खैर! गुर्जरों को दरी से फुर्सत मिले तो कुछ बात भी बने। कल 99% दरी गुर्जर ही बिछाएंगे।"

अन्य खबरें