Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के ज़ीरो पॉइंट पर किसानों की महापंचायत ने बुधवार को नया मोड़ ले लिया। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता गौरव टिकैत की अगुवाई में जारी इस महापंचायत में किसानों ने साफ़ किया कि जब तक मंगलवार को गिरफ्तार किए गए 123 किसानों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक कोई बातचीत नहीं होगी। महापंचायत के दौरान गौतमबुद्ध नगर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर शिव हरि मीणा ने किसानों से बातचीत की और सभी गिरफ्तार किसानों को रिहा करने के लिए एक घंटे का समय मांगा। गौरव टिकैत ने इस शर्त पर सहमति दी कि प्रशासन पहले सभी गिरफ्तार किसानों को बिना शर्त रिहा करे, तभी आगे बातचीत होगी। सूत्रों के अनुसार, प्रशासन किसानों को रिहा करने की तैयारी कर रहा है।
क्या है पूरा मामला
गौतमबुद्ध नगर के किसानों का आंदोलन पिछले तीन वर्षों से चल रहा है। किसान नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के खिलाफ अपनी ज़मीन और मुआवजे से जुड़ी चार मुख्य मांगे उठा रहे हैं।
अधिग्रहित ज़मीन के बदले 10% विकसित ज़मीन वापस दी जाए।
64.7% अतिरिक्त मुआवजे का भुगतान हो।
2013 भूमि अधिग्रहण कानून के तहत लाभ दिए जाएं।
बेरोज़गार युवाओं को स्थानीय कंपनियों में नौकरी और भूमिहीन परिवारों को आवासीय सुविधाएं मिलें।
सोमवार को किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में संसद कूच किया था, लेकिन नोएडा में पुलिस ने उन्हें रोक दिया। बातचीत के बाद तय हुआ था कि किसान नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल में धरना देंगे और सात दिनों के भीतर राज्य सरकार से वार्ता होगी।
किसानों की गिरफ्तारी ने बिगाड़े हालात
इस बीच, मंगलवार को पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 123 किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस घटना ने आंदोलन को और उग्र कर दिया। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को ग्रेटर नोएडा में महापंचायत का ऐलान किया और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों से महापंचायत में जुटने का आह्वान किया।
राकेश टिकैत हिरासत में, गौरव टिकैत ने संभाली कमान
महापंचायत में शामिल होने के लिए राकेश टिकैत अलीगढ़ के टप्पल से रवाना हुए, लेकिन अलीगढ़ पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इस दौरान टिकैत और पुलिस के बीच तीखी झड़पें हुईं। दूसरी ओर, गौरव टिकैत ग्रेटर नोएडा पहुंचने में कामयाब रहे और महापंचायत का नेतृत्व किया।
देर रात सरकार का नया कदम
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार की देर रात किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए एक नई समिति का गठन किया। औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनिल सागर की अध्यक्षता में बनी इस समिति में पांच अधिकारियों को शामिल किया गया है।
महापंचायत में किसानों की चेतावनी
महापंचायत में गौरव टिकैत ने कहा, “सरकार को समझना होगा कि किसानों के साथ दमनकारी नीतियां अपनाकर समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता। हमारी मांग जायज हैं, और हम पीछे नहीं हटेंगे। अगर गिरफ्तार किसानों को जल्द रिहा नहीं किया गया, तो आंदोलन और तेज़ होगा।” गौतमबुद्ध नगर पुलिस और प्रशासन अब सभी किसानों को रिहा करने की प्रक्रिया में जुटे हैं। महापंचायत के चलते यमुना एक्सप्रेसवे और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो आंदोलन पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फैल जाएगा। राकेश टिकैत ने कहा कि जरूरत पड़ने पर आठ दिसंबर को फिर संसद कूच किया जाएगा। यह आंदोलन राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। अब देखना होगा कि प्रशासन और किसान नेताओं के बीच क्या सहमति बनती है और इस आंदोलन का क्या समाधान निकलता है।